Published by :- Hritik Kumar
Updated on: Tuesday, 28 Jan 2025
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के समाधान और आपसी संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। साल 2020 से बंद पड़ी कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी है कि 2025 की गर्मियों में यह यात्रा फिर से शुरू होगी।
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बीजिंग में बैठक के बाद हुआ फैसला

सोमवार को बीजिंग में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बैठक के बाद इस यात्रा को पुनः शुरू करने की घोषणा की गई। इसके अलावा, विदेश सचिव ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के मंत्री लियू जियानचाओ से भी मुलाकात की।
विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, यह बैठक 26-27 जनवरी को बीजिंग में भारत और चीन के बीच विदेश सचिव-उप विदेश मंत्री तंत्र की बैठक के तहत आयोजित की गई थी। इस बैठक में दोनों देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की और संबंधों को स्थिर करने के लिए कुछ जन-केंद्रित कदम उठाने पर सहमति व्यक्त की।
मानसरोवर यात्रा के पुनः आरंभ की रूपरेखा
विदेश मंत्रालय ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने के लिए दोनों देशों के संबंधित अधिकारी मौजूदा समझौतों के अनुसार आवश्यक व्यवस्थाओं पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, दोनों देशों ने जल विज्ञान संबंधी आंकड़ों के आदान-प्रदान और सीमा पार नदियों से संबंधित सहयोग को पुनः स्थापित करने के लिए विशेषज्ञ स्तरीय बैठक आयोजित करने पर भी सहमति व्यक्त की।
भारत-चीन के बीच सीधी हवाई सेवा होगी बहाल
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि भारत और चीन के बीच सीधी हवाई सेवाओं की बहाली की जाएगी। इसके लिए दोनों देशों के तकनीकी अधिकारी जल्द ही बैठक करेंगे और एक अद्यतन रूपरेखा तैयार करेंगे।
2025 में भारत-चीन संबंधों की 75वीं वर्षगांठ
2025 भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ होगी। इस महत्वपूर्ण अवसर को ध्यान में रखते हुए, दोनों देशों ने जनता के बीच आपसी विश्वास और सहयोग बढ़ाने के लिए सार्वजनिक कूटनीति को दोगुना करने की योजना बनाई है। इसके तहत कई स्मारक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
चीनी पक्ष का बयान
बैठक के बाद चीनी पक्ष ने भी बयान जारी किया, जिसमें यह कहा गया कि भारत और चीन के बीच सकारात्मक संवाद हुआ है और पिछले साल कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक के बाद से संबंधों में सुधार की प्रक्रिया तेज़ हो गई है।
चीनी बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों को आपसी सहयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए, अविश्वास और टकराव के बजाय एक-दूसरे की समझ और समर्थन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। चीन-भारत संबंधों का सुधार और विकास न केवल दोनों देशों के हित में है, बल्कि यह वैश्विक स्थिरता और विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुनः आरंभ होने से श्रद्धालुओं को एक बार फिर पवित्र धाम के दर्शन का अवसर मिलेगा। साथ ही, भारत और चीन के बीच बढ़ती कूटनीतिक वार्ता से दोनों देशों के संबंधों में सुधार की संभावनाएं भी बढ़ी हैं। यह कदम न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूती प्रदान करेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. कैलाश मानसरोवर यात्रा कब फिर से शुरू होगी? 2025 की गर्मियों में यह यात्रा फिर से शुरू होगी।
2. कैलाश मानसरोवर यात्रा को क्यों रोका गया था? साल 2020 में कोविड-19 महामारी और भारत-चीन सीमा विवाद के कारण यह यात्रा रोक दी गई थी।
3. क्या भारत और चीन के बीच सीधी हवाई सेवाएं बहाल होंगी? हाँ, दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवाओं को बहाल करने की योजना बनाई गई है।
4. यात्रा को पुनः शुरू करने के लिए क्या व्यवस्थाएँ की जाएंगी? भारत और चीन के अधिकारी मौजूदा समझौतों के तहत आवश्यक व्यवस्थाओं पर चर्चा करेंगे।
5. क्या 2025 में भारत-चीन संबंधों की कोई खास वर्षगांठ है? हाँ, 2025 भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ होगी।
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