By Roshan Soni
Edited By : Roshan Soni
Updated : Wed , 28 May 2025
Contents
भूमिका:
गर्मियों का मौसम आते ही ठंडी चीज़ों की डिमांड बढ़ जाती है। ऐसे में दही (Curd) एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसे हर कोई पसंद करता है—चाहे रायता हो, लस्सी, दही-चावल या सादा दही। यह शरीर को ठंडक देता है, पाचन के लिए अच्छा माना जाता है, और शरीर को हाइड्रेटेड भी रखता है। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि हर दिन या ज्यादा मात्रा में दही खाना आपके शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है?
इस लेख में हम जानेंगे कि गर्मियों में दही का ज्यादा सेवन किस तरह से आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है, कौन-से लोग इससे दूरी बनाकर रखें और दही का सेवन करते समय किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है।
1. कब्ज की समस्या (Constipation due to Curd)
बहुत से लोग मानते हैं कि दही पेट के लिए लाभकारी होता है। यह बात आंशिक रूप से सही है, लेकिन हर किसी के शरीर का पाचन तंत्र एक जैसा नहीं होता। कुछ लोगों को दही की ठंडी तासीर के कारण कब्ज की शिकायत हो सकती है, खासकर अगर वे इसे रोजाना और बिना किसी अन्य गर्म खाद्य पदार्थ के खाते हैं।
क्या करें:
दही को सादा खाने के बजाय उसमें काली मिर्च या भुना जीरा डालें। इससे पाचन आसान हो सकता है।
2. वजन बढ़ना (Weight Gain due to Curd)
दही में कैल्शियम, फैट और प्रोटीन मौजूद होते हैं। अगर आप वजन कम करने की सोच रहे हैं और हर दिन फुल-फैट दही या मीठी लस्सी का सेवन कर रहे हैं, तो इससे आपकी कैलोरी इनटेक बढ़ सकती है और वजन बढ़ने की संभावना रहती है।
क्या करें:
वजन घटाना चाहते हैं तो लो-फैट या बिना चीनी वाला दही खाएं और सीमित मात्रा में लें।
3. जोड़ों का दर्द और सूजन (Joint Pain and Inflammation)
आयुर्वेद के अनुसार, दही की तासीर ठंडी होती है जो शरीर में वात दोष को बढ़ा सकती है। वात दोष बढ़ने से गठिया, जोड़ों में दर्द और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं, खासकर वृद्ध लोगों में।
क्या करें:
अगर आपको पहले से जोड़ों का दर्द है, तो दही का सेवन सप्ताह में 2-3 बार से अधिक न करें। रात के समय बिल्कुल न खाएं।
4. एसिडिटी और पेट फूलना (Acidity and Bloating)
बहुत ज्यादा या खट्टा दही खाने से कुछ लोगों को एसिडिटी, पेट फूलना और जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह लैक्टिक एसिड की अधिकता की वजह से होता है जो गैस्ट्रिक जूस के साथ प्रतिक्रिया करता है।
क्या करें:
ताजा और मीठा दही खाएं। खट्टा दही पेट को नुकसान पहुंचा सकता है।
5. एलर्जी और लेक्टोज़ इन्टॉलरेंस (Lactose Intolerance & Allergy)
कुछ लोगों को डेयरी उत्पादों से एलर्जी होती है। ऐसे लोग अगर दही खाते हैं तो उन्हें दस्त, पेट दर्द, उल्टी और गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसे लैक्टोज इन्टॉलरेंस कहा जाता है।
क्या करें:
अगर आपको डेयरी से एलर्जी है तो दही न खाएं या प्लांट बेस्ड योगर्ट (सोया, नारियल या बादाम से बना) ट्राई करें।
दही खाने से बचने के कुछ महत्वपूर्ण समय (When You Should Avoid Curd)
- रात को दही न खाएं: इससे सर्दी, जुकाम, और सांस की समस्या हो सकती है।
- खाली पेट न खाएं: सुबह खाली पेट दही खाना पाचन पर असर डाल सकता है।
- खट्टा दही न खाएं: यह गैस और एसिडिटी बढ़ा सकता है।
- फ्रिज से निकले हुए ठंडे दही को सीधे न खाएं: इसे कुछ समय बाहर रखें और फिर खाएं।
दही को कैसे खाएं ताकि फायदे मिलें?
- भुना जीरा, काली मिर्च और पुदीना मिलाकर खाएं।
- दोपहर के भोजन में शामिल करें, रात में नहीं।
- गर्म तासीर वाले पदार्थों के साथ खाएं जैसे अदरक या लहसुन।
- मीठे दही की जगह सादा दही खाएं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न 1: क्या गर्मियों में दही खाना फायदेमंद है?
उत्तर: हां, लेकिन सीमित मात्रा में। ताजा और सादा दही दोपहर में खाना पाचन के लिए अच्छा होता है।
प्रश्न 2: क्या रात को दही खाना ठीक है?
उत्तर: नहीं, रात में दही खाने से सर्दी-जुकाम, गैस और पाचन संबंधी समस्या हो सकती है।
प्रश्न 3: क्या बच्चों को दही देना ठीक है?
उत्तर: हां, लेकिन थोड़ा गर्म करके और दोपहर में दें। खट्टा या ठंडा दही न दें।
प्रश्न 4: क्या दही से वजन बढ़ता है?
उत्तर: अगर आप फुल-फैट दही या अधिक मात्रा में दही खाते हैं तो हां, इससे वजन बढ़ सकता है।
प्रश्न 5: क्या दही से एलर्जी हो सकती है?
उत्तर: हां, जिन लोगों को लैक्टोज इन्टॉलरेंस या डेयरी एलर्जी है, उन्हें दही से एलर्जी हो सकती है।
निष्कर्ष:
दही एक हेल्दी और स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ है जो गर्मियों में ठंडक और पोषण दोनों प्रदान करता है। लेकिन “अति सर्वत्र वर्जते” यानी हर चीज की अति नुकसानदेह होती है। दही का सेवन करते समय उसकी मात्रा, समय और आपकी सेहत की स्थिति का विशेष ध्यान रखें। अगर किसी तरह की पाचन समस्या या एलर्जी की शिकायत हो तो डॉक्टर की सलाह लें।
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