बेहतर व्यापार समझौते का दावा ट्रंप का मकसद चीन और अन्य देशों के साथ अनुचित व्यापार संतुलन को सुधारना था। कई देशों ने बातचीत शुरू की, लेकिन स्पष्ट परिणाम अभी नहीं मिले।
अमेरिकी नौकरियों की वापसी ट्रंप ने कहा था कि टैरिफ़ से फैक्ट्रियां अमेरिका लौटेंगी, लेकिन अस्थिर टैरिफ़ नीति से कंपनियों में अनिश्चितता बनी रही। निवेशक अब भी स्थिर माहौल का इंतजार कर रहे हैं।
चीन से टक्कर चीन को "मुख्य विलेन" बताते हुए ट्रंप ने ट्रेड वॉर को हवा दी। इससे अमेरिकी किसानों और निर्यातकों को नुकसान हुआ, जबकि रणनीतिक जीत अभी भी अधूरी है।
राजस्व में बढ़ोतरी टैरिफ़ से भारी राजस्व की उम्मीद जताई गई थी। विश्लेषकों ने अनुमान लगाया कि 10% टैरिफ़ से 10 वर्षों में $2 ट्रिलियन तक की आमदनी हो सकती है, लेकिन टैक्स कटौती से ये बैलेंस बिगड़ गया।
महंगाई पर नियंत्रण का वादा ट्रंप का दावा था कि घरेलू उत्पादन बढ़ने से महंगाई घटेगी, लेकिन अर्थशास्त्रियों का कहना है कि टैरिफ़ से उपभोक्ताओं का खर्च औसतन $1,253 तक बढ़ गया।
वैश्विक सहयोगियों से दूरी टैरिफ़ नीति ने अमेरिका को उसके पारंपरिक सहयोगियों से दूर कर दिया। ये उस समय हुआ जब उसे उनके समर्थन की सबसे ज्यादा जरूरत थी।