अमेरिका-भारत व्यापार बढ़ेगा: दोनों देशों का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।
310 अरब डॉलर की वृद्धि: अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार में 310 अरब डॉलर का इजाफा होगा, जिससे भारतीय निर्यातकों को लाभ मिलेगा।
मिनी ट्रेड डील पर फिर से वार्ता: पहले ट्रंप प्रशासन में सहमति बनी थी, लेकिन चुनाव के बाद यह डील ठंडे बस्ते में चली गई थी। अब इस पर फिर से चर्चा होगी।
भारतीय उत्पादों की बढ़ेगी मांग: अमेरिका में गारमेंट, फुटवियर, ज्वैलरी, खिलौने, और हैंडीक्राफ्ट्स जैसे भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ सकती है।
अमेरिका-चीन व्यापार तनाव का असर: अमेरिका चीन पर निर्भरता कम करना चाहता है, जिससे भारतीय उत्पादों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिलेगा।
10% अतिरिक्त शुल्क का लाभ: अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिससे भारतीय उत्पाद सस्ते और प्रतिस्पर्धी होंगे।
भारतीय कंपनियों को नया अवसर: अमेरिकी कंपनियां भारतीय उत्पादकों से संपर्क करने लगी हैं, जिससे निर्यातकों के लिए नए अवसर बन सकते हैं।
भारतीय निर्यात को मिलेगा बढ़ावा: अमेरिका में निर्यात बढ़ने से वैश्विक स्तर पर भारतीय उत्पादों की साख मजबूत होगी, जिससे अन्य देशों में भी निर्यात को समर्थन मिलेगा।