वक्फ संशोधन कानून 2025 : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी, अब फैसले का इंतज़ार 🏛️

लेखक                :-  Roshan Kumar
कैटेगरी               :- ताजा खबर
 | वक्फ संशोधन कानून 2025
Publish Date    :-  Thursday , 22 May 2025


क्या है वक्फ संशोधन कानून 2025 और क्यों बना है यह विवाद का कारण?

वक्फ (Waqf) एक इस्लामिक परंपरा है जिसके तहत कोई मुस्लिम व्यक्ति अपनी संपत्ति को धार्मिक या सामाजिक कल्याण के लिए स्थायी रूप से दान करता है। लेकिन वक्फ संशोधन कानून 2025 में किए गए कुछ बदलावों को लेकर देशभर में बहस छिड़ गई है और मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है।

                                                    Credit as Dynamite News

सुप्रीम कोर्ट में तीन दिन तक चली बहस: अब फैसला सुरक्षित

  • तीन दिन तक चली सुनवाई में याचिकाकर्ताओं और केंद्र सरकार दोनों ने अपने-अपने पक्ष रखे।
  • याचिकाकर्ताओं ने कानून को मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया।
  • केंद्र सरकार ने इस कानून का पूरी तरह समर्थन किया और कहा कि ये संविधान सम्मत है।
  • अब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

विवाद के मुख्य बिंदु:

1. 5 साल का प्रैक्टिसिंग मुस्लिम होना जरूरी

  • कानून कहता है कि वक्फ करने वाला व्यक्ति कम से कम पांच साल से मुस्लिम धर्म का पालन कर रहा हो
  • याचिकाकर्ताओं ने कहा कि ये शर्त अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है, क्योंकि अन्य धर्मों पर ऐसी कोई शर्त नहीं है।

2. आदिवासी क्षेत्रों में वक्फ की मनाही

  • सरकार का दावा है कि यह प्रावधान आदिवासी संस्कृति और जमीन की रक्षा के लिए है।
  • याचिकाकर्ताओं ने इसे जनजातीय मुसलमानों के अधिकारों का हनन बताया।

3. वक्फ पंजीकरण की अनिवार्यता

  • कानून के अनुसार, सभी वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण अनिवार्य है।
  • सिब्बल ने तर्क दिया कि 1923 से यह प्रक्रिया है, लेकिन आज भी कई संपत्तियाँ अपंजीकृत हैं।

4. ‘वक्फ बाय यूजर’ पर विवाद

  • बिना दस्तावेज़ के लंबे समय से उपयोग में रही संपत्तियों को वक्फ घोषित करने पर भी विवाद है।
  • कुछ याचिकाएं ऐसे मामलों में पूरे गांव को वक्फ घोषित करने के खिलाफ दायर की गई हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: वक्फ क्या होता है?

उत्तर: वक्फ एक इस्लामिक प्रक्रिया है जिसमें कोई मुसलमान अपनी संपत्ति को धार्मिक या सामाजिक कार्यों के लिए स्थायी रूप से दान करता है।

Q2: वक्फ संशोधन कानून 2025 में क्या बदलाव किए गए हैं?

उत्तर: इसमें वक्फ करने वाले के लिए 5 साल का प्रैक्टिसिंग मुस्लिम होना अनिवार्य किया गया है, साथ ही जनजातीय क्षेत्रों में वक्फ की मनाही और पंजीकरण की सख्ती को जोड़ा गया है।

Q3: सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?

उत्तर: फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने तीन दिन की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है, जो जल्द ही घोषित किया जाएगा।

Q4: क्या अन्य धर्मों के लोग वक्फ कर सकते हैं?

उत्तर: केंद्र सरकार का कहना है कि अन्य धर्मों के लोग भी ट्रस्ट के माध्यम से दान कर सकते हैं, लेकिन वक्फ केवल मुसलमान ही कर सकते हैं।


निष्कर्ष:

वक्फ संशोधन कानून 2025 पर चल रही बहस केवल कानूनी नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक सरोकारों से भी जुड़ी है। अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं जो आने वाले समय में इस पूरे मामले की दिशा तय करेगा।


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