विराट कोहली की गाबा टेस्ट में लापरवाही से आउट होने पर सुनील गावस्कर की कड़ी आलोचना: क्या कोहली को धैर्य की आवश्यकता है?
Published by: Roshan Soni
Updated on: Monday, 16 Dec 2024
विराट कोहली का करियर हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है। उनकी बल्लेबाजी की तकनीक, रन बनाने की क्षमता, और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में उनका प्रदर्शन बहुत सम्मानित है। लेकिन हाल ही में गाबा टेस्ट के पहले दिन जो हुआ, उसने कोहली के फैंस और विशेषज्ञों को सोचने पर मजबूर कर दिया। सुनील गावस्कर ने गाबा टेस्ट में विराट कोहली की लापरवाही से आउट होने पर कड़ी आलोचना की और कहा कि कोहली को अपनी बल्लेबाजी में धैर्य दिखाने की जरूरत है। आइए जानते हैं कि क्या हुआ और क्यों सुनील गावस्कर का यह बयान महत्वपूर्ण है।
गाबा टेस्ट में कोहली की आउट होने की कहानी
ब्रिसबेन के गाबा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट की पहली पारी में विराट कोहली को एक ऐसी गेंद पर आउट होते देखा गया जो बिल्कुल उनके नियंत्रण में नहीं थी। जोश हेजलवुड की गेंद पर कोहली ने एक वाइड डिलीवरी का पीछा किया और विकेटकीपर एलेक्स कैरी को आसान कैच दे दिया। गेंद ऑफ स्टंप के बाहर थी, जिसे कोहली आराम से छोड़ सकते थे, लेकिन उन्होंने ड्राइव खेलने की कोशिश की और नतीजा यह रहा कि वह सस्ते में आउट हो गए।
सुनील गावस्कर की आलोचना
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने गाबा टेस्ट के इस आउट होने पर कोहली की कड़ी आलोचना की। गावस्कर ने कहा, “अगर गेंद चौथे स्टंप पर होती तो मैं समझ सकता था। यह वाइड थी, सातवें, आठवें स्टंप पर, इसे खेलने की कोई जरूरत नहीं थी।” उन्होंने यह भी कहा कि कोहली को धैर्य दिखाने की जरूरत है, खासकर जब भारतीय टीम पहले ही यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल जैसे प्रमुख खिलाड़ियों को खराब शॉट के कारण खो चुकी थी।
कोहली की पुरानी समस्या: ऑफ स्टंप के बाहर फिशिंग
Josh Hazlewood gets Virat Kohli!
The Australians are up and about on Day Three. #AUSvIND pic.twitter.com/sq6oYZmZAz
— cricket.com.au (@cricketcomau) December 16, 2024
विराट कोहली के लिए यह समस्या नई नहीं है। यह मुद्दा उनके करियर की शुरुआत से ही चला आ रहा है। अक्सर वह ऑफ स्टंप के बाहर फिशिंग करते हैं, यानी ऐसी गेंदों का पीछा करते हैं जो उनके पास नहीं होतीं। इस समस्या के कारण कोहली ने कई बार सस्ते में अपना विकेट गंवाया है। यही कारण है कि विशेषज्ञों और प्रशंसकों ने उन्हें सलाह दी है कि वह अपनी बल्लेबाजी में सुधार करें और उन शॉट्स से बचें जो जोखिम भरे होते हैं।
कोहली को धैर्य की जरूरत
सुनील गावस्कर ने यह भी कहा कि अगर कोहली थोड़ा धैर्य दिखाते, तो वह केएल राहुल के साथ नॉट आउट रह सकते थे। कोहली का विकेट गंवाने के बाद भारत ने अपनी पारी में एक और विकेट खो दिया, और यह निश्चित रूप से टीम के लिए एक बड़ा झटका था। यह समय था जब कोहली को अपनी परिस्थितियों के अनुसार खेलते हुए अधिक संयम और समझदारी से खेलने की जरूरत थी।
कोहली के फॉर्म में वापसी की उम्मीदें
2021 के पर्थ टेस्ट में शतक बनाने के बाद, कोहली के फॉर्म में वापसी की उम्मीदें बढ़ गई थीं। इसके बाद के कुछ मैचों में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन गाबा टेस्ट के बाद उनकी बल्लेबाजी पर फिर से सवाल उठने लगे हैं। कोहली ने एक अच्छा शतक बनाया था, और प्रशंसकों को लगा कि वह फॉर्म में वापस आ गए हैं। हालांकि, एडिलेड और ब्रिसबेन टेस्ट की पहली पारी में उनका प्रदर्शन निराशाजनक था।
क्या कोहली को सीखने की जरूरत है?
कोहली को अब यह समझने की आवश्यकता है कि उनके करियर में इस तरह की समस्याएं क्यों उत्पन्न हो रही हैं। कई क्रिकेट पंडितों ने कोहली से यह प्रेरणा लेने के लिए कहा है कि कैसे सचिन तेंदुलकर ने 2004 के सिडनी टेस्ट में कवर ड्राइव खेलने से बचते हुए शानदार दोहरा शतक बनाया। अगर कोहली अपने शॉट चयन में सुधार करते हैं और अपनी बल्लेबाजी में धैर्य रखते हैं, तो वह फिर से पहले जैसे फॉर्म में वापस आ सकते हैं।
निष्कर्ष
विराट कोहली के लिए गाबा टेस्ट एक और याद दिलाने वाली घटना बन गई कि उनकी बल्लेबाजी में धैर्य की कमी और जोखिम भरे शॉट्स से वह खुद को बार-बार संकट में डालते हैं। सुनील गावस्कर की आलोचना को कोहली को एक सीख के रूप में लेना चाहिए, ताकि वह भविष्य में अपनी बल्लेबाजी को और मजबूत बना सकें। कोहली के फैंस को उम्मीद है कि वह जल्द ही इस समस्या को हल करेंगे और अपने प्रदर्शन में सुधार करेंगे।
क्या आपको लगता है कि विराट कोहली को अपनी बल्लेबाजी में सुधार करना चाहिए? नीचे टिप्पणी करके हमें बताएं!
यह भी पढ़ें :-