Viral Video: झारखंड के डीजीपी के आदेश को ठेंगा, पलामू की पांडू पुलिस ने शख्स को सड़क पर पीटा, महिलाओं पर भी अत्याचार
Published by: Roshan Soni
Updated on: Sanday, 9 Dec 2024
झारखंड के पलामू जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पांडू थाना क्षेत्र की पुलिस पर आम नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार और हिंसा का आरोप लगा है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे पुलिस प्रशासन की छवि पर सवाल उठ रहे हैं।
रामाशीष राम की सड़क पर पिटाई
पांडू थाना क्षेत्र के कजरु कला गांव के निवासी रामाशीष राम ने आरोप लगाया है कि थाना प्रभारी कुमार सौरभ और उनके पुलिसकर्मियों ने उन्हें बिना किसी कारण के बीच सड़क पर बेरहमी से पीटा। रामाशीष अपने खेत से लौट रहे थे, जब पुलिस ने उन्हें रोका और मारपीट शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि इस घटना का उनसे कोई लेना-देना नहीं था।
स्थानीय जनता का आक्रोश
इस घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में पुलिस के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। उनका कहना है कि पुलिस ने न केवल रामाशीष राम को, बल्कि अतिक्रमण हटाने के दौरान महिलाओं के साथ भी मारपीट की और अभद्र व्यवहार किया।
महिलाओं के साथ मारपीट और घरों का ध्वस्तीकरण
यह मामला तब शुरू हुआ जब झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस ने कजरु कला गांव में अतिक्रमण हटाने का काम किया। ललन राम, बिंदु राम और विजय राम नामक तीन भाइयों के घरों को प्रशासन ने जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने परिवार की महिलाओं को मारपीट कर हिरासत में ले लिया। इन घरों में रह रहे परिवार अब कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।
शादी की तैयारियों पर पड़ा असर
बिंदु राम की बेटी हिरमनिया उर्फ पुनिया की नौ दिसंबर को शादी होनी है। लेकिन घर के ध्वस्त हो जाने से परिवार पूरी तरह बेबस है। यह घटना उनके लिए एक बड़ा संकट बन गई है।
विधायक ने की घटना की निंदा
विश्रामपुर विधायक नरेश प्रसाद सिंह ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने पलामू एसपी से थाना प्रभारी कुमार सौरभ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। विधायक ने कहा कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे मुख्यमंत्री और डीजीपी से मिलकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
पुलिस का पक्ष: पत्थरबाजी का दावा
थाना प्रभारी कुमार सौरभ ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने के दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिसके जवाब में “हल्का बल” प्रयोग किया गया। उन्होंने कहा कि सीओ द्वारा 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।
डीजीपी का आदेश और पुलिस की छवि पर सवाल
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने हाल ही में सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया था कि पुलिस आम नागरिकों के साथ अच्छा व्यवहार करें। लेकिन पांडू पुलिस की इस हरकत ने डीजीपी के आदेश की अवहेलना की है। यह घटना पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस घटना का वीडियो व्हाट्सएप ग्रुप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग पुलिस के इस बर्ताव की आलोचना कर रहे हैं और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
सुधार की आवश्यकता
पुलिस का काम नागरिकों की सुरक्षा करना और कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। लेकिन ऐसी घटनाएं पुलिस और जनता के बीच भरोसे को कमजोर करती हैं। इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई करना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
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