Viral Video: कव्वाली में हुक्का उड़ाती लड़कियां, पाकिस्तान का नया चेहरा? | जानिए पूरी खबर

Published by :- Roshan Soni
Updated on: Monday, 17 Feb 2025

Viral Video: पाकिस्तान के कराची में हुए एक भव्य वेडिंग रिसेप्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें लड़कियां बिना हिजाब के हुक्का पीते हुए कव्वाली का आनंद लेती नजर आ रही हैं। यह वीडियो इसलिए सुर्खियों में है क्योंकि यह उस देश की तस्वीर पेश कर रहा है, जहां महिलाओं पर धार्मिक और सामाजिक पाबंदियां काफी सख्त मानी जाती हैं।

हुक्का पीती लड़कियां और कव्वाली का सुरूर

Credit as :- Social Media

यह वीडियो कराची के एक फाइव-स्टार होटल में आयोजित एक शादी के रिसेप्शन का है, जहां मशहूर सूफी गायक राहत फतेह अली खान की कव्वाली चल रही थी। इस फंक्शन में पाकिस्तान के उच्च वर्ग के लोग शामिल हुए, जिसमें महिलाएं बेखौफ होकर हुक्का और सिगरेट का आनंद ले रही थीं। यह वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है।

पाकिस्तान का दोहरा समाज?

इस वीडियो को लेकर एक ओर जहां लोग इसे ‘आधुनिक पाकिस्तान’ का चेहरा मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई लोग इसे ‘धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों’ के खिलाफ बता रहे हैं।

ट्विटर यूजर का कमेंट: “यह वही पाकिस्तान है जहां महिलाओं को पर्दे में रखा जाता है, लेकिन उच्च वर्ग की महिलाओं के लिए नियम अलग हैं?”

महिलाओं में हुक्का और शिशा का ट्रेंड

पाकिस्तान के शहरी इलाकों में, खासकर कराची, लाहौर, और इस्लामाबाद में हुक्का (शिशा) पीना एक फैशन ट्रेंड बन गया है। युवाओं के बीच यह लोकप्रिय है और कई कैफे में इसे खुलेआम परोसा जाता है। हालांकि, पारंपरिक समाज इसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देता है।
एक शोध के अनुसार, 16-25 वर्ष के आयु वर्ग में 30% महिलाएं शिशा पीने की आदत रखती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

  1. वीडियो में कौन सी कव्वाली चल रही थी?
    • वीडियो में राहत फतेह अली खान की सूफी कव्वाली चल रही थी।
  2. क्या पाकिस्तान में महिलाओं के लिए हुक्का पीना सामान्य है?
    • शहरी इलाकों में यह एक फैशन ट्रेंड है, लेकिन पारंपरिक समाज में इसे आलोचना का सामना करना पड़ता है।
  3. क्या इस वीडियो पर पाकिस्तान में कोई विवाद हुआ है?
    • हां, यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों के बीच बहस का विषय बन गया है।

निष्कर्ष

यह वीडियो पाकिस्तान के समाज में मौजूद दोहरे मानकों को उजागर करता है। जहां एक ओर धार्मिक और सांस्कृतिक पाबंदियां हैं, वहीं दूसरी ओर उच्च वर्ग के लिए नियम अलग हैं। यह वीडियो पाकिस्तान के बदलते समाज का प्रतीक है, जो आधुनिकता और पारंपरिक मूल्यों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है।

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