By Roshan Soni
Edited By : Roshan Soni
Updated : Tue , 27 May 2025
Contents
भारत फोरकास्ट सिस्टम (BFS) क्या है?
भारत सरकार और भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हाल ही में देश का पहला स्वदेशी मौसम भविष्यवाणी तंत्र – भारत फोरकास्ट सिस्टम (BFS) लॉन्च किया है। यह अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित एक सिस्टम है जो न केवल तापमान, बारिश और हवा की दिशा की जानकारी देगा, बल्कि मॉडलिंग, डेटा सटीकता और अलर्ट सिस्टम में भी क्रांति लाएगा।

BFS के ज़रिए मौसम की 7 दिन पहले तक सटीक जानकारी मिल सकेगी, जिससे किसान, आम नागरिक और सरकार पहले से तैयार रह सकेगी।
जून 2025 में नहीं पड़ेगी हीट वेव
भारत मौसम विभाग (IMD) ने BFS के ज़रिए यह बड़ी जानकारी दी है कि जून 2025 में भारत में हीट वेव की संभावना नहीं है। आमतौर पर मई और जून में उत्तर भारत में हीट वेव (लू) चलती है, लेकिन इस बार मानसून जल्दी आने और सक्रिय रहने की वजह से लू नहीं चलेगी।
👉 खासकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान जैसे इलाकों में जहां हर साल भीषण गर्मी पड़ती है, इस बार राहत मिलने वाली है।
🌧️ 108% ज्यादा होगी बारिश: जून में बारिश का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार:
- जून महीने में देशभर में सामान्य से 108% ज्यादा बारिश हो सकती है।
- यह पिछले पूर्वानुमान से भी ज्यादा है, जो 105% बताया गया था।
- पूरे मॉनसून सीजन (1 जून से 30 सितंबर) में 106% तक बारिश होने का अनुमान है।
क्षेत्रवार मानसून रिपोर्ट 2025
क्षेत्र | बारिश का पूर्वानुमान |
---|---|
मध्य भारत | सामान्य से अधिक |
दक्षिण भारत (प्रायद्वीप) | सामान्य से अधिक |
उत्तर पश्चिम भारत | सामान्य |
पूर्वोत्तर भारत | सामान्य से कम |
हिमालयी क्षेत्र | सामान्य |
तापमान का पूर्वानुमान जून 2025
- अधिकतम तापमान: सामान्य या सामान्य से कम
- न्यूनतम तापमान (रात का): सामान्य से अधिक
👉 इसका मतलब है दिन में गर्मी कम और रात में उमस या गर्माहट ज्यादा रह सकती है।
प्री-मॉनसून ने भी दिखाई ताकत
मई के अंत तक ही देश के कई हिस्सों में प्री मॉनसून बारिश सामान्य से ज्यादा हो चुकी है। खासकर:
- केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे राज्यों में लगातार बारिश दर्ज हुई।
- मध्य और पूर्व भारत में भी हल्की बारिश देखने को मिली।
बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बना
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया बन चुका है। इससे:
- मॉनसून की रफ्तार तेज हो गई है।
- मानसून की प्रवेश तिथि 3-4 दिन पहले हो सकती है।
मानसून 2025: किसानों और आम जनता के लिए क्या मायने?
- खेती पर असर:
अच्छी और सामान्य से ज्यादा बारिश का सीधा फायदा खरीफ फसलों को मिलेगा जैसे धान, दालें, मक्का आदि। - बिजली और जल आपूर्ति:
बारिश से बांध भरेंगे और बिजली उत्पादन में सुधार होगा। - शहरों में जलभराव की आशंका:
महानगरों में ज्यादा बारिश से ट्रैफिक और बाढ़ जैसी समस्याएं भी आ सकती हैं।
❓अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1: भारत फोरकास्ट सिस्टम (BFS) क्या है?
उत्तर: यह एक स्वदेशी मौसम भविष्यवाणी प्रणाली है जिसे भारत सरकार ने लॉन्च किया है। यह सटीक मौसम जानकारी और अलर्ट देता है।
Q2: जून 2025 में हीट वेव क्यों नहीं पड़ेगी?
उत्तर: मॉनसून की शुरुआती एंट्री और सक्रियता के कारण तापमान नियंत्रण में रहेगा और हीट वेव की संभावना नहीं है।
Q3: क्या मानसून समय पर आएगा?
उत्तर: जी हां, बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के कारण मानसून 3-4 दिन पहले प्रवेश कर सकता है।
Q4: कौन-कौन से क्षेत्र में ज्यादा बारिश होगी?
उत्तर: मध्य भारत और दक्षिण भारत में सामान्य से अधिक बारिश होगी।
Q5: क्या पूर्वोत्तर भारत में कम बारिश होगी?
उत्तर: हां, पूर्वोत्तर क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है।
📽️ वीडियो रिपोर्ट देखें (YouTube/Blog Embed सुझाव)
“अगर आपको हमारे इस ब्लॉग में दी गई जानकारी उपयोगी लगी हो, तो कृपया हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें और ऐसे ही मौसम, कृषि और जीवनशैली से जुड़े कंटेंट के लिए जुड़े रहें।”
निष्कर्ष
जून 2025 का मौसम आम लोगों और किसानों दोनों के लिए राहतभरा होने वाला है। न तो हीट वेव का डर है और न ही सूखे की आशंका। मौसम विभाग और BFS के अनुसार:
- बारिश सामान्य से अधिक होगी
- तापमान संतुलित रहेगा
- खेती और जल संसाधनों में सकारात्मक असर पड़ेगा
अब ज़रूरत है समय पर तैयारी की, ताकि इस अच्छे मानसून का अधिकतम लाभ उठाया जा सके।
👉 आपके सुझाव और सवाल नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।
🔔 सब्सक्राइब करें और पाएं मौसम की सटीक जानकारी सबसे पहले।
यह भी पढ़ें :