Published by :- Hritik Kumar
Updated on: Saturday, 01 Feb 2025
झारखंड के धनबाद में जीएसटी चोरी के मामले में एक बड़ी कार्यवाही हुई है। यह छापेमारी अब तक की सबसे बड़ी रेड मानी जा रही है, जिसमें 150 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) ने धनबाद के विभिन्न इलाकों में 8 जगहों पर छापेमारी की। इस ऑपरेशन में कुल 50 अधिकारियों की टीम शामिल थी, जिन्होंने कई प्रमुख दस्तावेज और प्रमाण जब्त किए।
Contents
धनबाद में हुई छापेमारी में क्या हुआ?
धनबाद के धैया, झरिया, सरायढेला और गोविंदपुर सहित 8 प्रमुख स्थानों पर जीएसटी चोरी के मास्टरमाइंड सौरव सिंघल और उसके सहयोगी शिवम सिंह के खिलाफ जांच की गई। दोनों के घर और दफ्तर से नोट गिनने वाली तीन मशीनें, पांच लैपटॉप, छह मोबाइल फोन, पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क जब्त की गई। इसके अलावा, 100 करोड़ रुपये के कैश लेन-देन के कागजात और 25 फर्जी कंपनियों के इनवॉइस भी मिले हैं। इस रेड में सौरव सिंघल और शिवम सिंह फरार हो गए हैं, जबकि उनके पिता से पूछताछ की जा रही है।
150 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी

आसूचना पदाधिकारी रोशन मिश्रा ने बताया कि यदि ये फर्जी कंपनियां ना होतीं और सही तरीके से टैक्स भरा जाता, तो सरकार को लगभग 40 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता। कोयला पर 5 प्रतिशत टैक्स और 800 रुपये प्रति टन का सेस लिया जाता है, जिससे यह फर्जीवाड़ा और अधिक बड़ा हो गया। सौरव सिंघल और उसकी टीम पिछले चार सालों से जीएसटी की चोरी कर रही थी, और अब तक 150 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सामने आई है।
जांच टीम की कार्रवाई
इस छापेमारी में जमशेदपुर, रांची और धनबाद के 50 अधिकारियों की एक टीम शामिल थी। जांच का नेतृत्व वरिष्ठ आसूचना पदाधिकारी रोशन मिश्रा ने किया, जिनके मार्गदर्शन में छापेमारी की कार्यवाही जारी है। छापेमारी में जब्त की गई सामग्री की जांच अभी जारी है, और इसे देखते हुए कई और बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
- जीएसटी चोरी के मामले में कितनी राशि की चोरी हुई?
इस मामले में कुल 150 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ है। - जीएसटी चोरी में कौन-कौन से स्थान शामिल थे?
धनबाद के धैया, झरिया, सरायढेला, गोविंदपुर समेत 8 प्रमुख स्थानों पर छापेमारी की गई। - क्या सौरव सिंघल और शिवम सिंह गिरफ्तार हो गए हैं?
नहीं, सौरव सिंघल और शिवम सिंह फिलहाल फरार हैं, लेकिन उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। - जीएसटी चोरी से सरकार को कितना नुकसान हुआ?
सरकार को इस फर्जीवाड़े से लगभग 40 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। - यह रेड क्यों महत्वपूर्ण है?
यह झारखंड में जीएसटी चोरी का सबसे बड़ा मामला है, और इसमें फर्जी कंपनियों के इनवॉइस और कई प्रमुख दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
निष्कर्ष
झारखंड में जीएसटी चोरी के मामले में की गई इस बड़ी रेड ने एक बड़ा संदेश दिया है कि टैक्स चोरी से बचने वाले कोई भी व्यक्ति नहीं बचेंगे। डीजीजीआइ और अन्य संबंधित एजेंसियां अब इस पूरे मामले की जांच में जुटी हैं, और इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं। यह कार्यवाही यह दिखाती है कि सरकारी एजेंसियां अब इन मामलों को लेकर सख्त हो गई हैं।
यह भी पढ़ें :- महाकुंभ की भगदड़ में लापता झारखंड की महिला सकुशल लौटी घर, परिवार में खुशी का माहौल