टेक्समिन-हेक्सागन इंडिया सेंटर फॉर एक्सीलेंस शुरू: डिजिटल खनन में भारत की नई छलांग

Published by: Roshan Soni
Updated on: Tuesday, 17 Dec 2024

धनबाद: देश में खनन तकनीक को नए आयाम तक ले जाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। धनबाद स्थित आईआईटी (आईएसएम) में सोमवार को हेक्सागन इंडिया के सहयोग से “टेक्समिन-हेक्सागॉन सेंटर फॉर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एंड एक्सीलेंस इन माइनिंग एंड मॉनिटरिंग” का भव्य उद्घाटन किया गया। इस सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर पद्म भूषण डॉ. वीके सारस्वत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

यह सेंटर भारत के खनन क्षेत्र को डिजिटल तकनीकों से जोड़कर “खनन 4.0 युग” की नींव रखेगा। यह पहल न केवल खनन के पारंपरिक तरीकों में बदलाव लाएगी, बल्कि तकनीकी दक्षता के जरिए देश को वैश्विक खनन तकनीक में अग्रणी बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।


उद्घाटन समारोह: प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति

  टेक्समिन-हेक्सागन इंडिया सेंटर फॉर एक्सीलेंस शुरू: डिजिटल खनन में भारत की नई छलांग

 

 

इस विशेष अवसर पर टेक्समिन के परियोजना निदेशक प्रो. धीरज कुमार ने अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा:

“यह सहयोग भारत को तकनीकी-संचालित खनन क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम है।”

समारोह में उपस्थित प्रमुख हस्तियां:

  1. प्रो. प्रेम व्रत (बीओजी अध्यक्ष, आईआईटी आईएसएम)
  2. प्रो. सुकुमार मिश्रा (निदेशक, आईआईटी आईएसएम)
  3. सूरज प्रकाश (सीईओ, टेक्समिन)
  4. प्रमोद कौशिक (सीईओ, हेक्सागन इंडिया)
  5. मनोज शर्मा (निदेशक, हेक्सागन इंडिया)

इनके अलावा संस्थान और हेक्सागन इंडिया के कई अधिकारी तथा प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ भी कार्यक्रम में शामिल हुए।


सेंटर फॉर एक्सीलेंस: उद्देश्य और महत्व

“टेक्समिन-हेक्सागॉन सेंटर फॉर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एंड एक्सीलेंस” का मुख्य उद्देश्य भारत के खनन क्षेत्र को डिजिटल क्रांति के माध्यम से सशक्त बनाना है।

सेंटर के प्रमुख उद्देश्य:

  1. डिजिटल खनन तकनीक का विकास: खनन कार्यों में अत्याधुनिक तकनीकों जैसे डेटा मॉनिटरिंग, सिमुलेशन और रीयल-टाइम एनालिटिक्स का उपयोग।
  2. खनन 4.0 की ओर बढ़ना: खनन के क्षेत्र में स्वचालन और डिजिटल टूल्स का प्रयोग करके प्रक्रियाओं को सटीक और सुरक्षित बनाना।
  3. उत्पादन क्षमता में वृद्धि: तकनीकी नवाचारों के जरिए खनन कार्यों की दक्षता और उत्पादकता में सुधार।
  4. पर्यावरण संरक्षण: डिजिटल तकनीकों की मदद से खनन से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को कम करना।
  5. स्मार्ट मॉनिटरिंग: खनन क्षेत्रों की सटीक निगरानी के लिए स्मार्ट सेंसर और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल।

टेक्समिन और हेक्सागन इंडिया की साझेदारी का महत्व

हेक्सागन इंडिया एक अग्रणी तकनीकी कंपनी है जो खनन क्षेत्र के लिए अत्याधुनिक डिजिटल समाधान प्रदान करती है। वहीं, टेक्समिन खनन और खनिज उद्योग के विकास के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण पहल है।

साझेदारी के लाभ:

  1. तकनीकी क्षमता का विकास: यह सेंटर भारत के खनन क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा।
  2. कुशल श्रमशक्ति: सेंटर के माध्यम से छात्रों और पेशेवरों को डिजिटल खनन तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी।
  3. नवाचार को बढ़ावा: नए तकनीकी प्रयोगों और शोध कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।
  4. आर्थिक विकास: खनन कार्यों की दक्षता से देश की आर्थिक प्रगति में योगदान।

आईआईटी (आईएसएम) धनबाद की एक और उपलब्धि

आईआईटी (आईएसएम) धनबाद पहले से ही भारत के खनन और ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित संस्थान है। इस नए सेंटर के साथ संस्थान ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि अपने नाम जोड़ ली है।

संस्थान के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा:

“इस सेंटर के माध्यम से हम खनन तकनीक को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के जरिए यह सेंटर भारत में खनन उद्योग का भविष्य तय करेगा।”


शिक्षकों के लिए “नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम” का उद्घाटन

इस अवसर पर आईआईटी (आईएसएम) में “मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम” के तहत “नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम” की शुरुआत भी हुई।

कार्यक्रम का उद्देश्य:

  1. शिक्षकों में नेतृत्व कौशल का विकास।
  2. शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देना।
  3. शिक्षकों को भविष्य के लिए तैयार करना।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के उप निदेशक प्रो. धीरज कुमार की उपस्थिति में हुआ।

प्रतिभागी संस्थान:

  1. बीएचयू वाराणसी
  2. ईएफएलयू हैदराबाद
  3. आईआईटी जोधपुर
  4. गुजरात प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

कार्यक्रम की समन्वयक प्रो. मृणालिनी पांडेय ने शिक्षकों और शैक्षणिक नेताओं के सहयोग के लिए आभार जताया।


आगे की राह: डिजिटल खनन में भविष्य

“टेक्समिन-हेक्सागॉन सेंटर” से भारत के खनन क्षेत्र में डिजिटल क्रांति आने की उम्मीद है। यह सेंटर न केवल खनन कार्यों को आधुनिक बनाएगा, बल्कि छात्रों, शोधकर्ताओं और खनन उद्योग के पेशेवरों को भी डिजिटल तकनीकों में दक्ष बनाएगा।

डिजिटल खनन से:

  1. खनन कार्यों की सुरक्षा बढ़ेगी।
  2. उत्पादन क्षमता में तेजी से वृद्धि होगी।
  3. पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जा सकेगा।
  4. खनन क्षेत्रों की सटीक मॉनिटरिंग और प्रबंधन संभव होगा।

निष्कर्ष: टेक्समिन और हेक्सागन इंडिया की साझेदारी से नया युग

“टेक्समिन-हेक्सागॉन सेंटर फॉर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एंड एक्सीलेंस” भारत के खनन क्षेत्र में नए युग की शुरुआत करेगा। यह सेंटर भारत को वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा में एक मजबूत स्थान दिलाने के साथ-साथ आर्थिक और तकनीकी प्रगति में भी योगदान देगा।

आईआईटी (आईएसएम) धनबाद की यह पहल एक बार फिर साबित करती है कि यह संस्थान देश के खनन और तकनीकी विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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