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शरद पूर्णिमा 2024 : 16 या 17 अक्टूबर? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
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शरद पूर्णिमा 2024 : 16 या 17 अक्टूबर? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Updated By Roshan Soni  19 Oct 7 : 00 AM

शरद पूर्णिमा 2024 :- हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन के बाद से कार्तिक माह की शुरुआत होती है। शरद पूर्णिमा को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस साल, शरद पूर्णिमा की तिथि को लेकर बहुत से लोग असमंजस में हैं। कुछ इसे 16 अक्टूबर को तो कुछ इसे 17 अक्टूबर को मानने की बात कह रहे हैं। आइए, हिंदू पंचांग के अनुसार जानें कि शरद पूर्णिमा

2024 में किस तारीख को मनाई जाएगी।

शरद पूर्णिमा 2024 : 16 या 17 अक्टूबर? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
शरद पूर्णिमा 2024 : 16 या 17 अक्टूबर? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

 

शरद पूर्णिमा 2024 डेट और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 16 अक्टूबर को रात 8:40 बजे से होगा और इसका समापन 17 अक्टूबर को शाम 4:55 बजे होगा। अतः शरद पूर्णिमा का पर्व 16 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन चंद्रोदय शाम 5:05 बजे होगा।

पंचांग विवरण:

  • सूर्योदय: सुबह 6:23 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 5:50 बजे
  • चंद्रोदय: शाम 5:05 बजे
  • चंद्रास्त: 17 अक्टूबर को सुबह 5:58 बजे
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:42 बजे से 5:32 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 2:01 बजे से 2:47 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:50 बजे से 6:15 बजे तक
  • निशिता मुहूर्त: 17 अक्टूबर को रात 11:42 बजे से 12:32 बजे तक

    शरद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

    शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा और कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थीं। इसलिए, इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। इनकी पूजा करने से सुख-समृद्धि और धन-वैभव की प्राप्ति होती है।

    शरद पूर्णिमा 2024 : 16 या 17 अक्टूबर? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
    शरद पूर्णिमा 2024 : 16 या 17 अक्टूबर? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

 

 

मां लक्ष्मी के मंत्र
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ।।

ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः।

निष्कर्ष
शरद पूर्णिमा का पर्व हर वर्ष बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना और व्रत करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस वर्ष शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को मनाई जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए पंचांग की मदद लें और भगवान विष्णु तथा मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करें।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से संग्रहित की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि वे इसे अंतिम सत्य मानकर कोई निर्णय न लें और अपने विवेक का उपयोग करें।

 

 

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