Published by :- Roshan Soni
Updated on: Tuesday, 14 Jan 2025
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को बड़ी गिरावट देखने को मिली, जिसमें सेंसेक्स 800 अंकों तक गिर गया। निफ्टी भी 1% से अधिक नीचे रहा। इसके पीछे वैश्विक और घरेलू कारक मुख्य रूप से जिम्मेदार रहे।
Contents
- 1 गिरावट के मुख्य कारण
- 1.1 1. वैश्विक संकेत कमजोर
- 1.2 सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- 1.2.0.1 1. सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
- 1.2.0.2 2. कच्चे तेल की कीमतें भारतीय बाजार को कैसे प्रभावित करती हैं?
- 1.2.0.3 3. रुपये की गिरावट से क्या प्रभाव पड़ता है?
- 1.2.0.4 4. विदेशी निवेशक क्यों बिकवाली कर रहे हैं?
- 1.2.0.5 5. क्या यह गिरावट लंबे समय तक जारी रहेगी?
- 1.2.0.6 6. क्या निवेशकों को अभी निवेश करना चाहिए?
- 1.2.0.7 7. क्या कच्चे तेल की कीमतें और बढ़ सकती हैं?
- 1.2.0.8 8. क्या फेडरल रिजर्व ब्याज दरें बढ़ा सकता है?
- 1.2.0.9 9. क्या एशियाई बाजारों में गिरावट भारतीय बाजार को प्रभावित करती है?
- 1.2.0.10 10. निवेशकों को इस स्थिति में क्या करना चाहिए?
- 1.2.1 Related
गिरावट के मुख्य कारण

1. वैश्विक संकेत कमजोर
अमेरिकी नौकरी डेटा उम्मीद से मजबूत रहा, जिससे फेडरल रिजर्व के दरों में कटौती की संभावना कम हो गई। इसके चलते वैश्विक बाजारों में बिकवाली का रुख बना रहा।
2. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल
कच्चे तेल की कीमतें 15 हफ्ते के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। अमेरिका द्वारा रूस पर नए प्रतिबंध लगाए जाने से आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका है। भारत जैसे तेल आयातक देश के लिए यह स्थिति वित्तीय संतुलन और मुद्रास्फीति के लिए चुनौतीपूर्ण है।
3. रुपये में गिरावट

भारतीय रुपया सोमवार को 86.27 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि और डॉलर की मजबूती ने रुपये पर दबाव डाला है। रुपये की इस कमजोरी से पूंजी निकासी बढ़ने और आयात लागत में वृद्धि की संभावना है।
4. विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली लगातार जारी है। कमजोर रुपया और वैश्विक अनिश्चितताओं ने विदेशी निवेशकों का रुख और नकारात्मक बना दिया है।
5. एशियाई बाजारों में गिरावट
एशियाई बाजारों में भी कमजोर प्रदर्शन देखने को मिला। MSCI एशियाई सूचकांक लगातार चौथे दिन गिरावट पर रहा। वैश्विक स्तर पर कड़ी तरलता की स्थिति और बढ़ते कच्चे तेल के दाम ने निवेशकों की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
निवेशकों के लिए सलाह
वर्तमान परिदृश्य में निवेशकों को सतर्क रहने और बाजार की दिशा समझने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार, दीर्घकालिक निवेश के लिए मजबूत और सुरक्षित विकल्पों को प्राथमिकता दें।
Your article helped me a lot, is there any more related content? Thanks!