बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम और गेमिंग के खतरे: सुनने की क्षमता पर असर और बचाव के उपाय

Published by :- Roshan Kumar
Updated on: Tuesday , 04 March 2025

हर साल 3 मार्च को ‘World Hearing Day’ मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य सुनने की क्षमता और कानों की देखभाल के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस दिन को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि अत्यधिक स्क्रीन टाइम और तेज आवाज वाले गेमिंग से बच्चों की सुनने की क्षमता पर गंभीर असर पड़ सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे बच्चों का स्क्रीन टाइम और गेमिंग उनके सुनने की क्षमता को प्रभावित कर रहे हैं, और इससे बचने के उपायों के बारे में भी चर्चा करेंगे। अगर आपको यह जानकारी पसंद आए तो हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें और ऐसे कंटेंट के लिए जुड़े रहें।

                                             Credit as Jagran.com

सुनने की क्षमता पर स्क्रीन टाइम और गेमिंग के असर:

  • बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम और गेमिंग की बढ़ती आदतें उनकी आंखों के साथ-साथ कानों को भी नुकसान पहुंचा रही हैं।
  • तेज आवाज़ के साथ गेम खेलने और लंबे समय तक मोबाइल या टीवी पर समय बिताने से बच्चों में सुनने की क्षमता में गिरावट हो सकती है।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि गेमिंग और अत्यधिक स्क्रीन टाइम बच्चों में स्थायी बधिरता का कारण बन सकते हैं।

कैसे करें बच्चों का बचाव:

  1. स्क्रीन टाइम को सीमित करें:

    • बच्चों के मोबाइल, लैपटॉप, और टीवी पर समय का ध्यान रखें। स्क्रीन टाइम को एक निश्चित समय तक सीमित करें, ताकि उनकी आंखों और कानों पर कम दबाव पड़े।
  2. गेमिंग की आवाज को नियंत्रित करें:

    • बच्चों को गेमिंग करते समय आवाज को कम रखने के लिए प्रोत्साहित करें। उच्च ध्वनियों से कानों को ज्यादा नुकसान हो सकता है।
  3. सुनने की क्षमता की नियमित जांच कराएं:

    • बच्चों की सुनने की क्षमता की समय-समय पर जांच कराएं। इससे किसी भी समस्या को जल्दी पहचानने में मदद मिलेगी।
  4. सुरक्षित कान की आदतें अपनाएं:

    • बच्चों को हेडफोन या ईयरफोन का उपयोग करते समय ध्वनि की उच्चता को नियंत्रित करने की आदत डालें। यह उनकी सुनने की क्षमता को बेहतर बनाए रखेगा।
  5. ध्वनि प्रदूषण से बचाव करें:

    • बच्चों को शोर-शराबे वाले वातावरण से दूर रखें और ऐसी जगहों से बचाएं जहां ध्वनि प्रदूषण ज्यादा हो।

आखिरी बात: बच्चों की सुनने की क्षमता बचाना उनके समग्र विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। माता-पिता और अभिभावकों को बच्चों के स्क्रीन टाइम, गेमिंग और अन्य डिजिटल डिवाइस के उपयोग पर ध्यान देने की जरूरत है।

FAQ Section (Frequently Asked Questions):

  1. क्या स्क्रीन टाइम बच्चों की सुनने की क्षमता को प्रभावित करता है?
    • हां, अत्यधिक स्क्रीन टाइम और तेज आवाज वाले गेमिंग से बच्चों की सुनने की क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इससे स्थायी बधिरता की समस्या हो सकती है।
  2. बच्चों के कानों की रक्षा कैसे करें?
    • बच्चों का स्क्रीन टाइम सीमित करें, गेमिंग करते समय आवाज को कम रखें, और उनकी सुनने की क्षमता की नियमित जांच कराएं।
  3. क्या बच्चों को हेडफोन का इस्तेमाल करना चाहिए?
    • बच्चों को हेडफोन का इस्तेमाल करते समय आवाज को नियंत्रित रखना चाहिए, और उसे लंबे समय तक नहीं चलाना चाहिए। यह उनके कानों को सुरक्षित रखने में मदद करेगा।
  4. क्या बधिरता एक स्थायी समस्या बन सकती है?
    • अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो तेज आवाज और अत्यधिक स्क्रीन टाइम के कारण बच्चों में स्थायी बधिरता की समस्या हो सकती है।

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