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राहुल गांधी का संसद में अहंकार: भाजपा ने उठाए गंभीर सवाल और आरोप
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राहुल गांधी का संसद में अहंकार: भाजपा ने उठाए गंभीर सवाल और आरोप

Published by: Roshan Soni
Updated on: Friday, 20 Dec 2024

Introduction:

संसद परिसर में राहुल गांधी और भाजपा नेताओं के बीच हुई धक्का-मुक्की ने भारतीय राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने इस घटना के बाद राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के अहंकारी व्यवहार और कानून से ऊपर होने की भावना को चुनौती दी। इस ब्लॉग में हम इस घटना, आरोपों और राजनीति पर इसके प्रभाव पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

                                               राहुल गांधी का संसद में अहंकार:

HighLights:

  • भाजपा सांसद ने राहुल गांधी पर अहंकारी और कानून से ऊपर होने का आरोप लगाया।
  • राहुल गांधी की संसद परिसर में शारीरिक बल प्रयोग करने की आलोचना।
  • सांसदों के बीच संसद भवन के गेट पर हंगामा और ओम बिरला का कड़ा आदेश।
  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कांग्रेस का विरोध और धक्का-मुक्की की घटना।

राहुल गांधी पर भाजपा का आरोप:

संसद परिसर में हुई घटना के बाद, भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका व्यवहार न केवल गैरजिम्मेदाराना था, बल्कि यह संसद की मर्यादा और कानून व्यवस्था के खिलाफ था। उन्होंने राहुल गांधी को अहंकारी और कानून से ऊपर मानने वाले व्यक्तित्व के रूप में पेश किया। ठाकुर ने कहा, “राहुल गांधी का अहंकार उन्हें यह विश्वास दिलाता है कि वह कानून से ऊपर हैं, और यह उनकी राजनीति का हिस्सा बन चुका है।”

                                                  राहुल गांधी का संसद में अहंकार:

संसद परिसर में हुई धक्का-मुक्की:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीआर आंबेडकर को लेकर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस सांसदों ने संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच झड़प हो गई। भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी पर शारीरिक बल प्रयोग करने का आरोप लगाया, जिसमें दो भाजपा सांसद घायल हो गए। इस घटना ने संसद की कार्यवाही को प्रभावित किया और राजनीतिक माहौल गरम कर दिया।


स्पीकर ओम बिरला का निर्देश:

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस घटना के बाद कड़ा रुख अपनाते हुए सभी सांसदों को आदेश दिया कि वे संसद भवन के किसी भी गेट पर विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे। उनके अनुसार, किसी भी सांसद को संसद भवन के प्रवेश द्वार को अवरुद्ध करने या विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्देश संसद में अनुशासन बनाए रखने के लिए जारी किया गया।


विरोध और राजनीति:

राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने हमेशा भाजपा के खिलाफ विरोध किया है, लेकिन इस बार भाजपा ने उनके आचरण पर सवाल उठाए हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस और राहुल गांधी का यह व्यवहार जानबूझकर किया गया था और यह दुर्भावनापूर्ण था। वहीं, राहुल गांधी के समर्थकों का कहना है कि उनका विरोध सरकार की नीतियों के खिलाफ है और यह लोकतंत्र का हिस्सा है।

                                                राहुल गांधी का संसद में अहंकार:

विटनेस: राहुल गांधी का आचरण और राजनीतिक संदेश:

यह घटना केवल एक शारीरिक झड़प नहीं, बल्कि राजनीति में उच्च-स्तरीय विचारधारा और शक्ति के संघर्ष का प्रतीक बन चुकी है। राहुल गांधी का आचरण और उनके खिलाफ उठाए गए आरोप केवल उनके व्यक्तिगत आचरण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह कांग्रेस पार्टी और विपक्षी दलों के खिलाफ भाजपा द्वारा की गई रणनीतिक कार्रवाई का हिस्सा है।


FAQs:

1. राहुल गांधी पर भाजपा ने किस कारण आरोप लगाए हैं?
भजपा ने राहुल गांधी पर अहंकारी होने और कानून से ऊपर होने का आरोप लगाया है, यह दावा करते हुए कि उनका व्यवहार संसदीय मर्यादा और कानून व्यवस्था को चुनौती देता है।

2. राहुल गांधी का संसद परिसर में शारीरिक बल प्रयोग करने का आरोप क्या है?
भा.ज.पा. नेताओं का आरोप है कि राहुल गांधी ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन के दौरान शारीरिक बल का प्रयोग किया, जिसके परिणामस्वरूप दो भाजपा सांसद घायल हो गए।

3. लोकसभा अध्यक्ष ने संसद भवन में विरोध प्रदर्शन के बारे में क्या निर्देश जारी किए हैं?
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निर्देश जारी किया कि कोई भी सांसद संसद भवन के गेट पर विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकता और न ही प्रवेश द्वार को अवरुद्ध कर सकता है।

4. राहुल गांधी का संसद में विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण क्या था?
राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बीआर आंबेडकर पर की गई टिप्पणी के खिलाफ विरोध किया था, जिसे उन्होंने अपमानजनक माना।

5. इस घटनाक्रम का राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह घटना विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के बीच तकरार को और बढ़ा सकती है, और अगले चुनावों में दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज हो सकता है।


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