प्रधानमंत्री मोदी का संविधान दिवस पर भाषण: ‘हर आतंकी संगठन को देंगे मुंहतोड़ जवाब’, SC में बोले पीएम मोदी
Published by: Roshan Soni
Updated on: Wednesday ,26 Nov 2024
परिचय
संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में आयोजित समारोह में भाग लिया, जिसमें भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने की खुशी मनाई गई। यह दिन न केवल भारतीय संविधान के सफर को समर्पित था, बल्कि यह देश की लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान के प्रति समर्पण का भी प्रतीक था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर संविधान की महत्ता को उजागर करते हुए देश की सुरक्षा, आतंकवाद, और न्यायपालिका के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को व्यक्त किया।
आइए, जानते हैं पीएम मोदी के इस भाषण के मुख्य बिंदुओं के बारे में।
संविधान और संविधान सभा के सदस्यों को किया नमन
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत भारतीय संविधान के 75 वर्षों की ऐतिहासिक यात्रा को सम्मानित करते हुए की। उन्होंने संविधान सभा के सभी सदस्यों को नमन किया और उनके दृष्टिकोण को सराहा, जिन्होंने इस महान दस्तावेज को तैयार किया। उन्होंने बताया कि संविधान ने न केवल देश को दिशा दी, बल्कि हर मुश्किल दौर में भारतीय लोकतंत्र को मजबूती भी प्रदान की। विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में अब बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान पूरी तरह से लागू हो चुका है, जो भारतीय लोकतंत्र की ताकत को दर्शाता है।
आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प: हर आतंकी संगठन को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब
पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत रुख को फिर से दोहराया। उन्होंने 2008 के मुंबई हमलों की बरसी पर शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वाले सभी आतंकवादी संगठनों को करारा जवाब दिया जाएगा। उनका यह बयान भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के प्रति सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को स्पष्ट करता है।
आपातकाल की चर्चा और संविधान की शक्ति
पीएम मोदी ने आपातकाल की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान की ताकत ने लोकतंत्र को बचाया। संविधान ने न केवल देश को आपातकाल की चुनौती से उबारा, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक बनकर उभरा। उन्होंने बताया कि यह संविधान ही था जो देश को लोकतंत्र के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहा, चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आई हों।
संविधान की मूल प्रति में भगवान राम और अन्य धार्मिक प्रतीक चित्र
प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान की मूल प्रति का जिक्र करते हुए बताया कि उसमें भगवान राम, माता सीता, भगवान हनुमान, भगवान बुद्ध, महावीर और गुरु गोविंद सिंह के चित्र शामिल हैं। इन चित्रों का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और मानवीय मूल्यों की याद दिलाना है। ये प्रतीक हमें हमारी जड़ों से जोड़ते हैं और हमारे निर्णयों में मानवीय दृष्टिकोण को शामिल करते हैं।
भारत की प्रगति: एक मजबूत राष्ट्र की ओर
प्रधानमंत्री मोदी ने देश की प्रगति पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज यह सामान्य सा लगता है कि लोगों के घरों में नल का पानी पहुंच गया है, लेकिन स्वतंत्रता के बाद केवल 3 करोड़ घरों में यह सुविधा थी। आजादी के बाद 75 वर्षों में भारत ने जो प्रगति की है, वह संविधान के आदर्शों के आधार पर ही संभव हो पाई है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की सुविधा
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि एक समय था जब वरिष्ठ नागरिकों को बैंक जाकर यह प्रमाणित करना पड़ता था कि वे जीवित हैं, लेकिन आज डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की सुविधा से उनके जीवन को आसान बना दिया गया है। यह भारत के डिजिटल परिवर्तन का एक उदाहरण है, जो आज देश के हर नागरिक के लिए सुलभ बन गया है।
सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका का सम्मान
पीएम मोदी ने भारतीय न्यायपालिका की भूमिका की सराहना की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में आयोजित संविधान दिवस समारोह में सीजेआई (मुख्य न्यायाधीश) संजीव खन्ना द्वारा दी गई तिहाड़ जेल के एक कैदी द्वारा बनाई गई पेंटिंग को प्राप्त किया, जो न्याय और सुधार के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत की गई।
न्यायपालिका की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 का विमोचन
पीएम मोदी ने भारतीय न्यायपालिका की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 भी जारी की, जो न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और कार्यक्षमता का प्रमाण है। यह रिपोर्ट न्यायपालिका की प्रगति और कार्यों के बारे में जानकारी प्रदान करती है, जिससे न्याय व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जा सके।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी का संविधान दिवस पर भाषण भारतीय संविधान के महत्व और भारतीय लोकतंत्र की ताकत को फिर से उजागर करने वाला था। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, संविधान के आदर्शों की रक्षा, और भारतीय न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका की बात की। उनका यह भाषण हमें यह याद दिलाता है कि भारत ने अपनी 75 वर्षों की यात्रा में कितनी कड़ी मेहनत और संकल्प से लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत किया है, और भविष्य में भी हम इन आदर्शों के आधार पर आगे बढ़ेंगे।
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