By 247timesnew
Edited By: Roshan Kumar
Updated: friday, 03 Jan
पटना में अपराध का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक ठेकेदार की हत्या ने शहर को झकझोर कर रख दिया है। चार दिनों से लापता ठेकेदार अनुराग कुमार का शव कुर्जी इलाके के एक बंद फ्लैट से बरामद हुआ। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं, और मृतक के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। आइए इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
Contents
- 1 ठेकेदार की हत्या का मामला: क्या है पूरी घटना?
ठेकेदार की हत्या का मामला: क्या है पूरी घटना?

30 दिसंबर को 32 वर्षीय अनुराग कुमार अपने घर से यह कहकर निकले थे कि वे पशुपालन मंत्री के आवास पर जा रहे हैं। लेकिन चार दिनों तक घर वापस नहीं लौटे। उनका शव 3 जनवरी को दीघा थाने के कुर्जी इलाके के एक बंद फ्लैट से बरामद हुआ।
हत्या कैसे हुई?
- अनुराग की हत्या सिर पर हथौड़े और ईंट-पत्थर से वार करके की गई।
- फ्लैट में उनके शव के पास हथौड़ा और अन्य सामान बरामद हुए।
- पुलिस ने इस मामले में अविनाश नामक युवक को गिरफ्तार किया है, जो फ्लैट का किरायेदार था।
परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
अनुराग के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही और आरोपी को बचाने का आरोप लगाया।
परिजनों का दावा:
- 31 दिसंबर को पुलिस को सौंपा था आरोपी:
परिजनों का कहना है कि अविनाश को 31 दिसंबर को पकड़कर पुलिस को सौंपा गया था, लेकिन पुलिस ने पैसे लेकर उसे छोड़ दिया। - हत्या के बाद जहर देकर मारा:
मृतक की पत्नी रेशमी कुमारी का कहना है कि अविनाश ने दूध में जहर मिलाकर अनुराग को पिलाया और फिर हथौड़े से हमला कर उनकी हत्या की। - पुलिस की लापरवाही:
- पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज चेक करने और ठोस जांच करने में देर की।
- परिजनों का आरोप है कि अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती, तो अनुराग की जान बच सकती थी।
हत्या के पीछे का कारण: वित्तीय विवाद
मृतक अनुराग और आरोपी अविनाश के बीच वित्तीय विवाद को हत्या का मुख्य कारण बताया जा रहा है।
वित्तीय लेन-देन:
- दो साल पहले अविनाश ने अनुराग से 9 लाख रुपये उधार लिए थे।
- इसमें से केवल 2 लाख रुपये वापस किए गए थे।
- शेष रकम को लेकर विवाद चल रहा था।
पुलिस की कार्रवाई और जांच में खामियां
हत्या के मामले में पुलिस की भूमिका को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
पुलिस की दलील:
- पुलिस का कहना है कि हत्या का केस कदमकुआं थाने में दर्ज किया जाएगा क्योंकि अनुराग के लापता होने की प्राथमिकी पहले वहीं दर्ज की गई थी।
- एफएसएल टीम को जांच के लिए बुलाया गया।
परिजनों की नाराजगी:
- परिजनों का कहना है कि पुलिस ने समय पर कार्रवाई नहीं की।
- आरोपी को गिरफ्तार करने और पूछताछ करने में लापरवाही बरती गई।
- पुलिस ने आरोपी को छोड़कर बड़ी चूक की।
मामले से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु
- पेशेवर जीवन:
अनुराग कुमार पशुपालन विभाग में संविदा पर काम करते थे और ठेकेदारी भी करते थे। - संदिग्ध आरोपी:
- आरोपी अविनाश भी इसी विभाग में काम करता था।
- वह रामनगर, पश्चिम चंपारण का रहने वाला है।
- पारिवारिक स्थिति:
- अविनाश की शादी पांच साल पहले हुई थी, लेकिन उसकी कोई संतान नहीं है।
पटना में बढ़ते अपराध: एक गंभीर चिंता का विषय
पटना में इस तरह की घटनाएं अपराधियों के बढ़ते हौसले को दर्शाती हैं। यह मामला सिर्फ एक हत्या तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कानून व्यवस्था और पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाता है।
निष्कर्ष: न्याय की मांग और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता
अनुराग कुमार की हत्या ने एक बार फिर समाज को झकझोर दिया है। इस मामले में पुलिस की भूमिका और जांच प्रक्रिया पर उठे सवालों का जवाब देना आवश्यक है। परिजनों की मांग है कि आरोपी को सख्त सजा मिले और पुलिस अधिकारियों की लापरवाही की जांच हो।
राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। समाज को न्याय और सुरक्षा की भावना देने के लिए यह जरूरी है कि ऐसे मामलों में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई हो।
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