लेखक :- Roshan Kumar Soni
कैटेगरी :- ताजा खबर | पाहलगाम आतंकी हमला 2025
Publish Date :- Tueday , 29 April 2025
Contents
- 1 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ दर्दनाक आतंकी हमला
- 2 वीडियो वायरल: ज़िपलाइन करते हुए सामने आया आतंकी हमले का लाइव मंजर
- 3 चश्मदीद ऋषि भट्ट की जुबानी: “मैंने बीच ज़िपलाइन से कूदकर जान बचाई”
- 4 आतंकी सिक्योरिटी गार्ड की यूनिफॉर्म में थे
- 5 सेना 20 मिनट बाद पहुँची, बचाव कार्य शुरू हुआ
- 6 बार-बार पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
- 7 Related
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ दर्दनाक आतंकी हमला
वीडियो वायरल: ज़िपलाइन करते हुए सामने आया आतंकी हमले का लाइव मंजर
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पाहलगाम के बायसरन मैदान में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और करीब 20 लोग घायल हुए। उस वक्त वहाँ मौजूद थे ऋषि भट्ट, जो ज़िपलाइन का आनंद ले रहे थे – और उसी दौरान उन्होंने एक ऐसा वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें आतंकी हमले की दहशत साफ देखी जा सकती है।

चश्मदीद ऋषि भट्ट की जुबानी: “मैंने बीच ज़िपलाइन से कूदकर जान बचाई”
ऋषि भट्ट ने बताया कि वे ज़िपलाइन पर थे जब हमला हुआ। “मेरी पत्नी और बच्चे मुझसे पहले ज़िपलाइन कर चुके थे। तभी अचानक गोलियों की आवाज़ें आईं और मैंने देखा कि नीचे भगदड़ मच गई है। मैं तुरंत ज़िपलाइन से कूद गया और अपने परिवार के साथ छिप गया,” उन्होंने अमर उजाला को बताया।
आतंकी सिक्योरिटी गार्ड की यूनिफॉर्म में थे
कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकियों ने आर्मी की नहीं, बल्कि सिक्योरिटी गार्ड की यूनिफॉर्म पहनी हुई थी। यह हमला पूरी तरह से आम लोगों को डराने और नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया था।
सेना 20 मिनट बाद पहुँची, बचाव कार्य शुरू हुआ
हमले के करीब 20 मिनट बाद भारतीय सेना वहां पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया गया। छिपे हुए पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया।
बार-बार पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
पाहलगाम में आतंकी हमला कब हुआ?
उत्तर: 22 अप्रैल 2025 को दोपहर 2:00 से 2:30 बजे के बीच।
हमले में कितने लोगों की जान गई?
उत्तर: इस हमले में कुल 26 लोगों की जान गई, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।
क्या हमला पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया था?
उत्तर: हाँ, यह हमला सीधा पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया था।
आतंकी कौनसी वर्दी में थे?
उत्तर: आतंकी आर्मी की नहीं बल्कि सिक्योरिटी गार्ड जैसी वर्दी में थे।
क्या ज़िपलाइन ऑपरेटर भी संदेह के घेरे में है?
उत्तर: ऋषि भट्ट के अनुसार, उनकी ज़िपलाइनिंग के दौरान ही ऑपरेटर ने “अल्लाहु अकबर” के नारे लगाए, जो गोलीबारी के साथ मेल खा रहे थे।
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