लेखक :- Roshan Kumar Soni
कैटेगरी :- अंतरराष्ट्रीय खबर | ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी जारी
Publish Date :- Sunday, 11 May 2025
Contents
- 1 “भारत की संप्रभुता के खिलाफ किसी भी हरकत का जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा – ऑपरेशन सिंदूर इसका सटीक उदाहरण है।”
- 2 क्या है ऑपरेशन सिंदूर? भारतीय वायुसेना का रणनीतिक जवाब
- 3 सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान की हरकतें जारी
- 4 🇺🇸 अमेरिका की भूमिका: क्या तीसरे पक्ष की एंट्री हो चुकी है?
- 5 ऑपरेशन सिंदूर: रणनीतिक संकेत
- 6 क्यों यह ऑपरेशन महत्वपूर्ण है?
- 7 बार-बार पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
- 8 Related
“भारत की संप्रभुता के खिलाफ किसी भी हरकत का जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा – ऑपरेशन सिंदूर इसका सटीक उदाहरण है।”
क्या है ऑपरेशन सिंदूर? भारतीय वायुसेना का रणनीतिक जवाब
10 मई 2025 को जब पाकिस्तान की ओर से सीजफायर की बात सामने आई, उसी शाम भारतीय वायुसेना (IAF) ने साफ किया कि “ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। यह अभी भी जारी है।”

IAF के अनुसार:
“ऑपरेशन सिंदूर के तहत सौंपे गए सभी कार्य सटीकता और जिम्मेदारी के साथ पूरे किए गए। अभियान देश के हितों के अनुसार सोच-समझकर चलाया गया। चूंकि ऑपरेशन अभी जारी है, इसलिए डिटेल जानकारी जल्द दी जाएगी।”
इससे स्पष्ट है कि भारत ने सीजफायर को कूटनीतिक रूप से स्वीकारते हुए भी अपनी सैन्य सतर्कता में कोई कमी नहीं की है।
सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान की हरकतें जारी
भारत-पाकिस्तान सीजफायर की घोषणा के तुरंत बाद ही पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर सहित कई सीमावर्ती इलाकों में:
- ड्रोन गतिविधियां,
- मिसाइल हमले,
- घुसपैठ की कोशिशें देखी गईं।
लेकिन भारतीय सेना ने हर बार मुंहतोड़ जवाब दिया और सभी ड्रोन व मिसाइलों को मार गिराया। रात 10 बजे के बाद पाकिस्तान की ओर से कोई हरकत नहीं देखी गई।
🇺🇸 अमेरिका की भूमिका: क्या तीसरे पक्ष की एंट्री हो चुकी है?
सीजफायर की जानकारी सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Truth Social पर दी। उन्होंने कहा:
“मुझे खुशी है कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में अहम भूमिका निभाई है।”
इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी सीजफायर की पुष्टि की। इससे यह सवाल उठता है —
👉 क्या भारत ने अब तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार कर लिया है?
भारत की स्थिति: विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बयान
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा:
“भारत और पाकिस्तान ने आज सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनाई है, लेकिन भारत आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ दृढ़ और अडिग रुख अपनाता रहेगा।”
इस बयान से यह स्पष्ट है कि भारत ने शांति के लिए पहल तो की है, लेकिन सुरक्षा से कोई समझौता नहीं।
ऑपरेशन सिंदूर: रणनीतिक संकेत
क्यों यह ऑपरेशन महत्वपूर्ण है?
- यह भारत की सैन्य तत्परता और परिपक्वता दर्शाता है।
- यह संदेश देता है कि सीजफायर का मतलब कमजोरी नहीं है।
- यह वैश्विक स्तर पर भारत की राजनयिक मजबूती और आत्म-रक्षा के अधिकार को दिखाता है।
बार-बार पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
- Q1: ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
- उत्तर: यह एक गुप्त सैन्य अभियान है जिसे भारतीय वायुसेना ने शुरू किया था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की तरफ से हो रहे खतरे का मुंहतोड़ जवाब देना है।
- Q2: क्या ऑपरेशन सिंदूर खत्म हो गया है?
- उत्तर: नहीं, IAF के अनुसार ऑपरेशन अभी भी जारी है और आगे इसकी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।
- Q3: क्या भारत ने पाकिस्तान से शांति समझौता किया है?
- उत्तर: दोनों देशों ने फिलहाल सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनाई है, लेकिन भारत का रुख आतंकवाद को लेकर स्पष्ट और सख्त बना हुआ है।
- Q4: अमेरिका की भूमिका क्या रही?
- उत्तर: अमेरिकी राष्ट्रपति और विदेश मंत्री ने सीजफायर की घोषणा की, जिससे ये सवाल उठे कि क्या अमेरिका अब भारत-पाक के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है?
- Q5: पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन क्यों किया?
- उत्तर: पाकिस्तान का इतिहास बताता है कि वह बार-बार शांति प्रस्तावों के बावजूद उकसावे की कार्रवाई करता है। इस बार भी भारत को जवाबी सैन्य कार्रवाई करनी पड़ी।
निष्कर्ष: भारत का रुख स्पष्ट है – शांति भी, सतर्कता भी
भारत ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि वह शांति चाहता है, लेकिन अपने राष्ट्रीय हितों की कीमत पर नहीं। ऑपरेशन सिंदूर इसका एक सशक्त प्रमाण है।
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