By Roshan Soni
Edited By : Roshan Soni
Updated : Sunday , 1 June 2025
Contents
- 1 राजस्थान में क्यों हुआ ‘ऑपरेशन शील्ड’?
- 1.1 कहां-कहां हुआ मॉक ड्रिल?
- 1.1.0.1 1. जयपुर – स्कूल में ड्रोन हमला, छत से किया गया रेस्क्यू
- 1.1.0.2 2. कोटा – आर्मी स्टेशन पर मॉक ड्रिल
- 1.1.0.3 3. भरतपुर – मंदिर परिसर में रिहर्सल
- 1.1.0.4 4. सीकर – मेडिकल कॉलेज में धमाके
- 1.1.0.5 5. झालावाड़ – मधुमक्खियों ने मचाया बवाल
- 1.1.0.6 6. कोटपूतली-बहरोड़ – इंडस्ट्रियल प्लांट पर हमला
- 1.1.0.7 7. बाड़मेर – एयरबेस रिहायशी इलाके में सीन
- 1.1.0.8 8. जालोर – रेलवे स्टेशन पर बमबारी
- 1.1.0.9 9. करौली – कॉलेज परिसर में एयर स्ट्राइक
- 1.1.0.10 10. बीकानेर – सीमा सड़क संगठन पर हमला
- 1.2 ब्लैकआउट के दौरान क्या करें और क्या न करें?
- 1.3 Related
- 1.1 कहां-कहां हुआ मॉक ड्रिल?
मुख्य बातें (HighLights)
- राजस्थान के 10 जिलों में ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक ड्रिल
- ड्रोन व हवाई हमलों से बचाव की तैयारी
- जयपुर, कोटा, सीकर, झालावाड़ जैसे शहरों में रेस्क्यू ऑपरेशन
- मधुमक्खियों के हमले से अफसर घायल
- ब्लैकआउट के निर्देश, जानिए क्या करें और क्या नहीं
राजस्थान में क्यों हुआ ‘ऑपरेशन शील्ड’?
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देश पर ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत राजस्थान में व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य है – ड्रोन हमले, हवाई बमबारी और अन्य आपात स्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा, राहत और बचाव की तैयारियों की जांच।

इस मॉक ड्रिल में सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, पुलिस, सेना, चिकित्सा दल, QRT और एनसीसी जैसी एजेंसियों ने भाग लिया।
कहां-कहां हुआ मॉक ड्रिल?
1. जयपुर – स्कूल में ड्रोन हमला, छत से किया गया रेस्क्यू
जयपुर के शहीद मेजर दिग्विजय सिंह सुमाल स्कूल में ड्रोन अटैक की मॉक ड्रिल की गई।
- डमी अटैक के बाद घायल लोगों को अस्पताल भेजा गया
- छत पर फंसे लोगों को क्रेन की मदद से बचाया गया
- एनसीसी कैडेट्स और सिविल डिफेंस की सक्रियता
2. कोटा – आर्मी स्टेशन पर मॉक ड्रिल
- हल्दीघाटी गेट, स्टेशन एरिया में ड्रोन हमले का सीन
- SP और कलेक्टर की निगरानी में हुआ ऑपरेशन
- पिछली ड्रिल से मिली सीख को शामिल किया गया
3. भरतपुर – मंदिर परिसर में रिहर्सल
- बृजेंद्र बिहारी जी मंदिर में किया गया अभ्यास
- श्रद्धालुओं में सायरन से हड़कंप
- RBM अस्पताल में घायलों को शिफ्ट किया गया
4. सीकर – मेडिकल कॉलेज में धमाके
- कल्याण मेडिकल कॉलेज में 4-5 धमाकों की सिचुएशन
- 25-30 लोग घायल, 3 डमी मौतें
- क्रेन से पांचवीं मंज़िल से रेस्क्यू
5. झालावाड़ – मधुमक्खियों ने मचाया बवाल
- कालीसिंध बांध पर मॉक ड्रिल के दौरान मधुमक्खियों का हमला
- कलेक्टर और SP सहित अफसर घायल
- मॉक ड्रिल में हुआ असली अफरा-तफरी
6. कोटपूतली-बहरोड़ – इंडस्ट्रियल प्लांट पर हमला
- नीमराना के हीरो प्लांट में एयर स्ट्राइक की ड्रिल
- रस्सियों की मदद से इमारत से निकाले गए लोग
7. बाड़मेर – एयरबेस रिहायशी इलाके में सीन
- उत्तलाई एयरबेस के आवासीय क्षेत्र में ड्रोन अटैक
- कलेक्टर टीना डाबी और SP के नेतृत्व में राहत कार्य
8. जालोर – रेलवे स्टेशन पर बमबारी
- 30 घायल और 4 मृतकों का मॉक सीन
- रेलवे अधिकारियों और मेडिकल स्टाफ की तैयारी की जांच
9. करौली – कॉलेज परिसर में एयर स्ट्राइक
- गवर्नमेंट कॉलेज में मॉक ड्रिल
- 15 से अधिक घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया
10. बीकानेर – सीमा सड़क संगठन पर हमला
- 20 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया
- बॉर्डर एरिया में आपातकालीन रिस्पांस का परीक्षण
ब्लैकआउट के दौरान क्या करें और क्या न करें?
प्रशासन ने नागरिकों को ब्लैकआउट के दौरान सुरक्षित रहने के लिए निम्न दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
✅ क्या करें:
- सायरन बजते ही शांतिपूर्वक निकटतम शरण स्थल पर जाएं
- सरकारी निर्देश मोबाइल/रेडियो पर सुनते रहें
- सिविल डिफेंस वार्डन और प्रशासन का सहयोग करें
- सायरन के दो मिनट बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल न हों, बस निर्देशों का पालन करें
❌ क्या न करें:
- माचिस, मोबाइल फ्लैशलाइट या किसी भी प्रकाश स्रोत का प्रयोग न करें
- खिड़कियों से रोशनी बाहर न जाने दें
- वाहन की लाइट बंद रखें और वहीं रुकें
- अफवाहों पर ध्यान न दें, सिर्फ आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें
ऑपरेशन शील्ड का महत्व क्या है?
- भारत लगातार ड्रोन हमलों और आतंकी गतिविधियों के खतरे का सामना कर रहा है
- खासकर राजस्थान जैसे सीमावर्ती राज्य में यह तैयारी बेहद ज़रूरी है
- आम जनता और प्रशासन के बीच आपसी समन्वय की परीक्षा होती है
- नागरिकों को ब्लैकआउट, एयर स्ट्राइक, मेडिकल इमरजेंसी जैसी परिस्थितियों में प्रशिक्षित करना आवश्यक है
इस मॉक ड्रिल से क्या सीखा जा सकता है?
- प्रशासन की तत्परता और कमियों की पहचान होती है
- नागरिकों को भी सुरक्षा के नियमों की जानकारी मिलती है
- विभिन्न एजेंसियों के बीच कोऑर्डिनेशन बेहतर होता है
- हर बार की मॉक ड्रिल के बाद अगली तैयारी और मजबूत होती है
❓अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1: ऑपरेशन शील्ड क्या है?
उत्तर: यह गृह मंत्रालय के निर्देश पर किया गया एक राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल ऑपरेशन है, जिसमें ड्रोन और एयर स्ट्राइक से सुरक्षा की तैयारी का अभ्यास किया जाता है।
Q2: मॉक ड्रिल का क्या उद्देश्य होता है?
उत्तर: आपदा के समय प्रशासनिक एजेंसियों की तत्परता, नागरिक सहयोग और वास्तविक हालात से निपटने की तैयारी को परखना।
Q3: क्या मॉक ड्रिल में लोग घायल हुए?
उत्तर: नहीं, सभी सीन डमी थे। हालांकि झालावाड़ में मधुमक्खियों के असली हमले में कुछ अधिकारी घायल हुए।
Q4: ब्लैकआउट के समय क्या करें?
उत्तर: घर में रहें, रोशनी बंद करें, निर्देशों का पालन करें, अफवाहों से बचें।
Q5: क्या इससे आम जनता को फायदा होगा?
उत्तर: बिल्कुल, इससे लोग सीखते हैं कि आपात स्थिति में कैसे बचाव करें और प्रशासन को कैसे सहयोग दें।
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