By Roshan Soni
Edited By : Roshan Soni
Updated : Saturday , 31 May 2025
Contents
भूमिका: जब शांति बनाए रखने के लिए युद्ध की तैयारी जरूरी हो जाती है…
भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार और राजस्थान प्रशासन की ओर से जयपुर जिले में “ऑपरेशन शील्ड” नामक सिविल डिफेंस युद्ध अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है। इस अभ्यास का उद्देश्य है — जनता को आपातकालीन परिस्थितियों के लिए तैयार करना, संचार साधनों की जांच करना और वास्तविक समय में सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया क्षमता को परखना।

क्या है Operation Shield Mock Drill?
“ऑपरेशन शील्ड” भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित द्वितीय नागरिक सुरक्षा अभ्यास (Civil Defence Exercise) है, जिसका उद्देश्य संभावित हवाई हमले, ड्रोन अटैक, ब्लैकआउट और नागरिक प्रतिक्रिया की तैयारी को जाँचना है।
जयपुर जिले के एक विशेष क्षेत्र में शनिवार को इसका आयोजन किया जाएगा, जिसमें मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट दोनों शामिल होंगे।
ब्लैकआउट क्या होता है और क्यों जरूरी है?
ब्लैकआउट का मतलब है — रात के समय सभी प्रकार की लाइटें बंद कर देना, ताकि दुश्मन देशों के हवाई हमलों से बचाव किया जा सके। यह तकनीक द्वितीय विश्व युद्ध के समय से आजमाई गई है।
राजस्थान सरकार ने जनता से अपील की है कि अपने घर, दुकान, कार्यालय, वाहन आदि की लाइटें बंद रखें और प्रशासन का सहयोग करें।
मुख्य सचिव सुधांश पंत की समीक्षा बैठक: क्या हुए निर्देश?
राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने मॉक ड्रिल को लेकर सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में कई अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई:
- 📡 संचार साधनों को दुरुस्त करने के निर्देश
- 🔔 सायरनों और अलर्ट सिस्टम की चेकिंग
- 🧾 पिछली मॉक ड्रिल की कमियों की समीक्षा
- 🕵️♂️ ब्लैकआउट के समय और स्थान को गोपनीय रखने का निर्देश
- 🤝 पुलिस, प्रशासन, होमगार्ड और स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय की आवश्यकता
कैसे होगी मॉक ड्रिल की प्रक्रिया?
- स्थान चयन:
जयपुर जिले में एक गोपनीय स्थान पर मॉक ड्रिल होगी। - सायरन अलर्ट:
रात्रि समय सायरन बजा कर ब्लैकआउट की घोषणा की जाएगी। - ब्लैकआउट:
उस क्षेत्र में सभी लाइटें बंद कर दी जाएंगी। - ड्रोन अटैक सिमुलेशन:
मॉक ड्रोन अटैक की स्थिति बनाई जाएगी। - राहत एवं बचाव अभ्यास:
होमगार्ड, सिविल डिफेंस और मेडिकल टीमें मौके पर तैनात रहेंगी।
इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य क्या है?
- आम नागरिकों को आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार करना
- सुरक्षा बलों की रीयल टाइम रेस्पॉन्स क्षमता की जाँच
- संचार साधनों, सायरन और प्रशासनिक संरचना की मजबूती का परीक्षण
- अंधेरे में ऑपरेशन, बचाव कार्य और आपसी समन्वय का पूर्वाभ्यास
पिछली मॉक ड्रिल से क्या सीखा गया?
- कई क्षेत्रों में सायरन समय पर नहीं बजा
- ब्लैकआउट का पालन पूरी तरह नहीं हुआ
- अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी दिखी
- जनता को समुचित जानकारी नहीं मिली थी
इन खामियों को दूर करने के लिए इस बार अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
जनता के लिए ज़रूरी दिशानिर्देश
- 🕯️ सायरन बजने पर तुरंत लाइट बंद करें।
- 🪟 खिड़कियों को ढंकें, ताकि रोशनी बाहर न जाए।
- 🚘 वाहन न चलाएं या हेडलाइट पूरी तरह बंद रखें।
- 📵 मॉक ड्रिल के दौरान अफवाह न फैलाएं।
- 🤝 प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
जिला प्रशासन की अपील
जयपुर के जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने जनता से अपील की है:
“ब्लैकआउट के दौरान कृपया सभी अपने घरों, प्रतिष्ठानों और वाहनों की लाइट बंद रखें। यह एक ज़रूरी अभ्यास है जिससे हम युद्ध जैसी आपात स्थिति में जान बचा सकते हैं।”
ऑपरेशन शील्ड में भाग लेने वाले विभाग
- जिला प्रशासन
- पुलिस विभाग
- गृह मंत्रालय
- स्वास्थ्य विभाग
- नागरिक सुरक्षा बल (Civil Defence)
- NDRF (यदि तैनात हो)
- सिविल सोसायटी और स्थानीय नागरिक
✅ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
❓ ऑपरेशन शील्ड क्या है?
यह गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित एक सिविल डिफेंस अभ्यास है जिसमें युद्ध जैसे हालात का अनुकरण किया जाता है।
❓ ब्लैकआउट का क्या उद्देश्य है?
हवाई हमलों से बचाव और अंधेरे में ऑपरेशन की क्षमता को परखना।
❓ मॉक ड्रिल का स्थान कहां है?
सुरक्षा कारणों से गोपनीय रखा गया है, लेकिन जयपुर जिले के भीतर होगा।
❓ क्या यह युद्ध का संकेत है?
नहीं, यह सिर्फ एक अभ्यास है ताकि प्रशासन और जनता तैयार रह सकें।
❓ क्या नागरिकों को डरने की जरूरत है?
बिलकुल नहीं। यह केवल अभ्यास है और आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है।
🔔 अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो…
👉 तो कृपया हमारे इस चैनल को सब्सक्राइब करें।
आपको यहां मिलेंगी भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, नागरिक सुरक्षा, मॉक ड्रिल्स, युद्ध तैयारी और प्रशासनिक कदमों से जुड़ी सटीक, विस्तृत और हिंदी में जानकारी।
ऐसे और पोस्ट जानने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें — क्योंकि जागरूक नागरिक ही सुरक्षित राष्ट्र की नींव होते हैं।
✍️निष्कर्ष
ऑपरेशन शील्ड न केवल एक अभ्यास है, बल्कि यह देश की तैयारी, एकता और नागरिक सजगता का परीक्षण भी है। भारत जैसे देश, जिनकी सीमाएं अस्थिर और दुश्मनों से घिरी हैं, वहां ऐसे अभ्यास जनसुरक्षा के लिए बेहद जरूरी हैं।
जयपुर की जनता, प्रशासन और सुरक्षा बल इस अभ्यास के जरिए यह साबित करेंगे कि हम हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं।
यह भी पढ़ें :