Published by :- Roshan Soni
Updated on: Saturday, 01 Feb 2025
इस साल के बजट 2025 में कॉर्पोरेट टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन सरकार ने कंपनियों को कर्मचारियों की सैलरी और बेनेफिट्स बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है। इससे कंपनियों पर एक नैतिक और आर्थिक जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वे इस बजट का लाभ कर्मचारियों तक भी पहुँचाएँ।
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कॉर्पोरेट टैक्स दरें पहले जैसी ही रहेंगी
वर्तमान में कॉर्पोरेट टैक्स की दरें इस प्रकार हैं:
- नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों (जो 1 अक्टूबर 2019 के बाद शुरू हुईं): 15%
- अन्य कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स: 22% (छूट के बिना)
- छूट वाली कंपनियों के लिए पुरानी दरें: 25% से 30%
सरकार का कहना है कि कॉर्पोरेट टैक्स दरों में कोई कटौती नहीं की जाएगी क्योंकि पहले ही इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा चुका है।
कंपनियों को अपने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ानी होगी?
सरकार चाहती है कि इस बार का टैक्स स्लैब बदलाव आम जनता तक पहुंचे। चूंकि व्यक्तिगत इनकम टैक्स में कटौती हुई है, कंपनियों पर यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे अपने कर्मचारियों की सैलरी और भत्तों को बढ़ाएं ताकि घरेलू मांग को मजबूती मिले।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन में उचित वृद्धि करती हैं, तो इसका सीधा असर खपत (Consumption) और बाजार की ग्रोथ पर पड़ेगा।
सरकार की रणनीति: कंपनियों से सहयोग की उम्मीद
- बिजनेस ग्रोथ के लिए टैक्स स्थिर रखा गया – कंपनियों को स्थिर टैक्स दर का फायदा मिलेगा, जिससे वे अपनी ग्रोथ पर ध्यान दे सकती हैं।
- ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) पर जोर – टैक्स सिस्टम में कोई नया बोझ न डालकर सरकार ने कंपनियों को राहत दी है।
- CSR (Corporate Social Responsibility) के तहत निवेश बढ़ाने की अपील – कंपनियों को अपने CSR फंड का इस्तेमाल शिक्षा, स्वास्थ्य और कर्मचारियों की भलाई के लिए करने की सलाह दी गई है।
क्या कंपनियां सैलरी बढ़ाएंगी?
- कुछ बड़ी कंपनियों ने संकेत दिया है कि वे कर्मचारियों की मिनिमम वेतन ग्रोथ पर विचार कर रही हैं।
- आईटी सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में वेतन बढ़ाने की मांग पहले से ही बढ़ रही थी, और इस बजट के बाद संभावना और अधिक हो गई है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, यदि कंपनियां कर्मचारियों की सैलरी नहीं बढ़ाती हैं, तो सरकार आने वाले समय में कुछ सख्त कदम उठा सकती है।
निष्कर्ष
सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स दरों को स्थिर रखकर कंपनियों को राहत दी है, लेकिन उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे अपने कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी करें। इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और मिडिल क्लास के पास अधिक पैसा रहेगा, जिससे उपभोग और बाजार में तेजी आएगी। अब देखना यह होगा कि कंपनियां सरकार की इस अप्रत्यक्ष अपील को कितना स्वीकार करती हैं।
आपके विचार क्या हैं? क्या कंपनियों को सैलरी बढ़ानी चाहिए? हमें कमेंट में बताएं।
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