By Roshan Soni
Edited By : Roshan Soni
Updated : Sat , 24 May 2025 12 : 30 PM (IST)
Contents
प्रमुख बिंदु:
- दक्षिण-पश्चिम मानसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो सामान्य समय 1 जून से 8 दिन पहले है।
- 16 वर्षों में यह सबसे जल्दी आया मानसून है।
- IMD ने अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
- महाराष्ट्र, गोवा, दिल्ली-NCR और झारखंड में भी तेज हवाएं और वर्षा के आसार हैं।
क्या है मानसून और क्यों है इसका महत्व?
मानसून शब्द का अर्थ होता है “मौसमी पवनें”। भारत में मुख्य रूप से दो प्रकार के मानसून होते हैं:
- दक्षिण-पश्चिम मानसून (SW Monsoon) – जो जून से सितंबर तक चलता है।
- उत्तर-पूर्व मानसून (NE Monsoon) – जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच होता है।
भारत की कृषि, जल आपूर्ति और तापमान को संतुलित रखने में मानसून की भूमिका बेहद अहम है।
इस बार मानसून ने समय से पहले क्यों दी दस्तक?
IMD (भारतीय मौसम विज्ञान विभाग) के अनुसार, इस वर्ष समुद्री तापमान और वायुमंडलीय दबाव की स्थितियाँ मानसून के लिए अनुकूल रहीं। पिछले दो दिनों में केरल के कई हिस्सों में भारी बारिश और तेज हवाएं रिकॉर्ड की गईं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि मानसून की शुरुआत हो चुकी है।

2025 में अब तक का मानसून ट्रेंड:
वर्ष | मानसून आगमन तिथि | सामान्य तिथि | देरी/जल्दी |
---|---|---|---|
2025 | 24 मई | 1 जून | 8 दिन जल्दी |
2024 | 30 मई | 1 जून | 2 दिन जल्दी |
2023 | 8 जून | 1 जून | 7 दिन देर |
2022 | 29 मई | 1 जून | 3 दिन जल्दी |
किस राज्य में कैसा रहेगा मौसम?
🌴 केरल:
- भारी बारिश का रेड अलर्ट
- 29 मई तक अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना
- हवाओं की गति: 40-50 किमी/घंटा
महाराष्ट्र (विशेषकर कोंकण क्षेत्र और मुंबई):
- गरज के साथ बिजली चमकने की संभावना
- रेड अलर्ट जारी
- हवाएं: 40-50 किमी/घंटा
गोवा:
- पिछले 24 घंटों में भारी बारिश
- रविवार तक बहुत भारी बारिश की चेतावनी
दिल्ली-NCR:
- ऑरेंज अलर्ट
- तेज हवाएं 70 किमी/घंटा तक
- तापमान में गिरावट
झारखंड:
- गरज के साथ छींटे
- तापमान सामान्य से कम, 31°C से 37°C के बीच
क्या है अल नीनो और इसका मानसून से क्या है रिश्ता?
अल नीनो एक समुद्री-जलवायु घटना है, जो प्रशांत महासागर में होती है और इसका प्रभाव भारत के मानसून पर पड़ता है। यह सामान्य से कम वर्षा का कारण बनती है। लेकिन इस बार IMD ने स्पष्ट किया है कि अल नीनो जैसी कोई स्थिति फिलहाल नहीं बनी है, जिससे अच्छे मानसून की उम्मीद की जा रही है।
मानसून की भारत में यात्रा कैसे होती है?
- 1 जून – केरल
- 15 जून – महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल
- 1 जुलाई – मध्य प्रदेश, बिहार, दिल्ली
- 8 जुलाई – पंजाब, हरियाणा, राजस्थान
- 17 सितंबर – उत्तर-पश्चिम भारत से वापसी शुरू
- 15 अक्टूबर – देश से पूरी तरह विदाई
मानसून से जुड़े फायदे:
- कृषि उत्पादन में वृद्धि – सिंचाई की आवश्यकता कम होती है।
- जलाशयों में पानी की भरपाई – नदियां, झीलें, और बांध भरते हैं।
- प्राकृतिक सौंदर्य में निखार – पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा।
- गर्मी से राहत – तापमान में गिरावट और उमस से राहत।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs):
Q1: केरल में मानसून कब आया?
👉 2025 में मानसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो सामान्य समय से 8 दिन पहले है।
Q2: क्या मानसून पूरे भारत में जल्दी पहुंचेगा?
👉 हां, शुरुआती संकेत हैं कि मानसून की रफ्तार तेज होगी और यह अन्य राज्यों में भी जल्दी पहुंच सकता है।
Q3: इस बार बारिश ज्यादा होगी या कम?
👉 IMD ने संकेत दिए हैं कि इस बार सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है।
Q4: क्या अल नीनो का असर रहेगा?
👉 इस बार अल नीनो की स्थिति नहीं है, जिससे अच्छे मानसून की उम्मीद है।
Q5: मानसून का असर दिल्ली और मुंबई में कब दिखेगा?
👉 मुंबई में असर शुरू हो चुका है, जबकि दिल्ली में मानसून जुलाई के पहले सप्ताह तक पहुंच सकता है।
अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो…
तो आप मेरे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब ज़रूर करें। यहां आपको मौसम, खगोल विज्ञान, ज्योतिष और प्राकृतिक घटनाओं से जुड़ी रोचक जानकारी हिंदी में मिलती रहेगी।
🔔 सब्सक्राइब करें और बेल आइकन दबाएं, ताकि आप कोई अपडेट मिस न करें!
निष्कर्ष:
2025 का मानसून भारत के लिए शुभ संकेत लेकर आया है। केरल में 24 मई को दस्तक देना इस बात का प्रतीक है कि इस साल फसल, पानी और पर्यावरण से जुड़ी कई समस्याओं में राहत मिल सकती है। समय से पहले आया मानसून न सिर्फ किसानों के लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी सुखद संकेत है।
यदि आप चाहें तो मैं इस ब्लॉग का एक WordPress-अनुकूल HTML फॉर्मेट या फेसबुक/इंस्टाग्राम के लिए कैप्शन-पोस्टर भी बना सकता हूँ।
यह भी पढ़ें :