Mock Drill 2025: फिर बजेगा सायरन, होगा ब्लैकआउट – जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में भारत की बड़ी तैयारी

By Roshan Soni
Edited By : Roshan Soni               

Updated : Thursday , 29 May 2025


 मुख्य बातें 

  • भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे 4 राज्यों में मॉक ड्रिल की बड़ी तैयारी
  • ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की नई रणनीति
  • नागरिकों को बम हमले, एयर स्ट्राइक और ड्रोन अटैक से बचाव की ट्रेनिंग
  • जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, गुजरात और पंजाब होंगे मुख्य फोकस
  • ब्लैकआउट, सायरन, बंकर एंट्री और इमरजेंसी अलर्ट होंगे Drill का हिस्सा

 भारत की सीमाओं पर फिर अलर्ट – क्यों जरूरी हो रही है मॉक ड्रिल?

भारत और पाकिस्तान के बीच लगभग 3,323 किलोमीटर लंबी सीमा है। इसमें जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात ऐसे राज्य हैं जो पाकिस्तान की सीमा से लगे हुए हैं। बीते वर्षों में बार-बार हुई घुसपैठ, ड्रोन हमले और आतंकी घटनाओं को देखते हुए अब भारत सरकार ने फिर से मॉक ड्रिल कराने का फैसला लिया है।

Credit as Jagran

 

इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य है आम नागरिकों को प्रशिक्षित करना – ताकि वे बम धमाके, एयर स्ट्राइक या किसी भी इमरजेंसी सिचुएशन में खुद को और अपने परिवार को बचा सकें।


 क्या होती है मॉक ड्रिल? (What is a Mock Drill?)

मॉक ड्रिल एक पूर्वाभ्यास (simulation) है जिसमें सुरक्षा एजेंसियां, सेना, NDRF, और आम नागरिक मिलकर इमरजेंसी की स्थिति में रिहर्सल करते हैं। इसमें शामिल होते हैं:

  • सायरन बजना
  • ब्लैकआउट यानी बिजली बंद करना
  • बंकर में छिपने की प्रक्रिया
  • राहत व बचाव दल की तैनाती
  • एंबुलेंस और हेलिकॉप्टर का रेस्पॉन्स टाइम टेस्ट
  • ड्रोन अटैक या बम धमाके की सूचना पर त्वरित प्रतिक्रिया

 पिछली बार क्या हुआ था? – ऑपरेशन सिंदूर की कहानी

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़ा एक्शन लिया। इसके जवाब में भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” लॉन्च किया।

  • इस ऑपरेशन में भारत ने गुलाम कश्मीर और पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
  • 100 से ज्यादा आतंकियों का सफाया हुआ।
  • इस कार्रवाई से बौखलाकर पाकिस्तान ने 400+ ड्रोन हमले किए, जिनमें से अधिकतर को भारतीय सेना ने हवा में ही नष्ट कर दिया।
  • इसके बाद भारत ने मॉक ड्रिल का एलान किया ताकि आम लोग अगली आपदा के लिए तैयार रहें।

 किन राज्यों में होगी मॉक ड्रिल?

  1. जम्मू-कश्मीर
    • LoC के पास हाई रिस्क ज़ोन में ड्रिल
    • स्कूली बच्चों, ग्रामीणों को बंकर अभ्यास सिखाया जाएगा
  2. पंजाब
    • तरनतारन, फिरोजपुर जैसे सीमावर्ती जिलों में ड्रिल
    • ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम की टेस्टिंग
  3. राजस्थान
    • श्रीगंगानगर, जैसलमेर, बीकानेर में सशस्त्र बलों का अभ्यास
    • रेगिस्तानी इलाके में सायरन अलर्ट सिस्टम
  4. गुजरात
    • कच्छ और बनासकांठा जिलों में ब्लैकआउट और पब्लिक शेल्टर ड्रिल
    • तटीय इलाकों में नेवी और कोस्ट गार्ड की भागीदारी

 भारत की तैयारी में क्या नया है?

नया कदम उद्देश्य
QR कोड बेस्ड अलर्ट सिस्टम नागरिकों को लोकेशन बेस्ड अलर्ट
मोबाइल ऐप – Suraksha Setu लाइव अलर्ट, बंकर लोकेशन
स्मार्ट बंकर वाई-फाई, कैमरा और मेडिकल सपोर्ट के साथ
इन्फ्रा-साउंड डिटेक्टर ड्रोन हमलों की शुरुआती पहचान

 आम नागरिकों को क्या करना चाहिए?

  • सायरन सुनते ही मोबाइल बंद कर सुरक्षित स्थान पर जाएं
  • ब्लैकआउट का मतलब है कोई रोशनी ना दिखाएं
  • सरकार द्वारा बताए गए बंकर लोकेशन को याद रखें
  • राहत और बचाव टीमों के निर्देशों का पालन करें
  • झूठी अफवाहें ना फैलाएं, सिर्फ सरकारी सूचना पर भरोसा करें

 पिछली ड्रिल की झलकियाँ

  • श्रीनगर में 2024 में हुए मॉक ड्रिल में पहली बार बंकर अलार्म बजाए गए
  • पंजाब में महिलाएं और बच्चे पहली बार ड्रिल में शामिल हुए
  • गुजरात के तटीय इलाके में नौसेना ने इमरजेंसी रेस्क्यू अभ्यास किया

 ड्रोन युद्ध: भारत की तैयारियाँ

पाकिस्तान लगातार ड्रोन हमलों का प्रयोग कर रहा है। भारत ने इसके जवाब में:

  • हरियाणा और पंजाब में ड्रोन जैमर इंस्टॉल किए हैं
  • राजस्थान बॉर्डर पर Anti-Drone Gun System तैनात किया गया है
  • IAF ने ड्रोन हमलों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग शुरू की है

 भारत का अगला कदम क्या है?

  • मॉक ड्रिल को हर 6 महीने में किया जाएगा
  • सभी स्कूलों और कॉलेजों में “सिविल डिफेंस कोर्स” अनिवार्य किया जाएगा
  • राज्य सरकारों को स्थानीय स्तर पर बंकर निर्माण के निर्देश

 FAQ: लोगों के मन में उठते सवाल

❓ मॉक ड्रिल कब होगी?

संभावित रूप से जून 2025 के पहले सप्ताह में, चारों सीमावर्ती राज्यों में एक साथ।

❓ क्या मॉक ड्रिल में स्कूल बंद रहेंगे?

नहीं, स्कूल खुले रहेंगे लेकिन छात्रों को ड्रिल का हिस्सा बनाया जाएगा।

❓ क्या बंकर सभी के लिए उपलब्ध होंगे?

हां, राज्य सरकारों द्वारा अधिकतम लोगों को कवर करने की कोशिश की जा रही है।

❓ क्या ड्रिल में सेना शामिल होगी?

जी हां, सेना, NDRF, पुलिस, मेडिकल स्टाफ सभी शामिल रहेंगे।

❓ क्या इस दौरान इंटरनेट बंद होगा?

सीमित समय के लिए कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट या मोबाइल सेवा को रोका जा सकता है।


निष्कर्ष

भारत की सीमाओं पर हालात भले ही नियंत्रण में हैं, लेकिन खतरे कभी खत्म नहीं होते। मॉक ड्रिल जैसे अभ्यास न सिर्फ सुरक्षा बलों की क्षमता बढ़ाते हैं, बल्कि आम नागरिकों को भी मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करते हैं।

भारत अब केवल रिएक्ट नहीं करता, बल्कि प्रोएक्टिव स्ट्रैटेजी पर काम कर रहा है – ताकि कोई भी हमला हो, देश का हर नागरिक सुरक्षित रह सके।


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