By Roshan Soni
Edited By : Roshan Soni
Updated : Thursday , 29 May 2025
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- 1 परिचय: बंगाल की सियासत में उठा नया तूफान
परिचय: बंगाल की सियासत में उठा नया तूफान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। इस बार ममता ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यह तक कह दिया कि मोदी जी अब बंगाल में भी उसी तरह का ‘ऑपरेशन बंगाल’ करना चाहते हैं।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल में एक जनसभा के दौरान ‘सिंदूर’ और बंगाल की सांस्कृतिक परंपराओं का उल्लेख किया। लेकिन ममता बनर्जी ने इसे “राजनीतिकरण” बताते हुए तीखा पलटवार किया।
ममता बनर्जी का आरोप: “ऑपरेशन सिंदूर” से राजनीतिक लाभ लेना चाहता है केंद्र
ममता बनर्जी ने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि “ऑपरेशन सिंदूर” नाम का उपयोग कर केंद्र सरकार आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। उन्होंने कहा:
“केंद्र ने इस सैन्य अभियान को जानबूझकर ऐसा नाम दिया जिससे धार्मिक भावनाएं उभरीं और इसका चुनावी लाभ लिया जा सके। यह राजनीति के साथ सेना का नाम जोड़ने की कोशिश है, जो बेहद खतरनाक है।”
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर भारत की एक आतंकवाद-रोधी सैन्य कार्रवाई थी जिसे हाल ही में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। इस अभियान में भारतीय सुरक्षा बलों ने सीमापार से हो रही आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए निर्णायक कार्रवाई की।
पीएम मोदी ने इस अभियान की सफलता का उल्लेख करते हुए बंगाल की रैली में “सिंदूर” शब्द का प्रयोग किया, जो ममता को नागवार गुज़रा।
ममता बनर्जी का तंज: “तो अब करेंगे ऑपरेशन बंगाल?”
ममता ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि वे बंगाल में भी “ऑपरेशन सिंदूर” की तर्ज पर “ऑपरेशन बंगाल” करना चाहते हैं। उन्होंने कहा:
“आप बंगाल में चुनावी फायदे के लिए सेना का इस्तेमाल करना चाहते हैं? क्या अब ऑपरेशन बंगाल करेंगे? आइए चुनाव मैदान में, हम तैयार हैं। लेकिन कृपया सेना का नाम राजनीति से न जोड़ें।”
मोदी की रैली में ‘सिंदूर खेला’ का जिक्र: भावनाओं का खेल या राजनीति?
पीएम मोदी ने बंगाल की महिलाओं के प्रिय ‘सिंदूर खेला’ का ज़िक्र किया जो दुर्गा पूजा के अंतिम दिन मनाया जाता है। उन्होंने इसे “संस्कृति से जुड़ी पहचान” बताते हुए लोगों को जोड़ने की कोशिश की।
लेकिन विपक्ष ने इसे “चुनावी स्टंट” बताया और सवाल उठाया कि क्या अब धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल करके वोट बटोरने की कोशिश हो रही है?
विश्लेषण: चुनावी मौसम में रणनीति या सांस्कृतिक अपनत्व?
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि:
- बीजेपी बंगाल की संस्कृति को अपनाकर वहाँ की ज़मीन पर पकड़ मजबूत करना चाहती है।
- ममता बनर्जी इसे “राजनीतिक धांधली” मानती हैं और सांस्कृतिक प्रतीकों के राजनीतिकरण के खिलाफ हैं।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल और विरोधाभास
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि जब विपक्षी नेताओं का एक दल विभिन्न देशों में जाकर आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष रख रहा है, उस वक्त पीएम मोदी का ऐसा बयान चौंकाने वाला है। उन्होंने यह जोड़ते हुए कहा:
“हम सब एकजुट होकर देश के लिए काम कर रहे हैं, और मोदी जी यहां राजनीति खेल रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
लोगों की प्रतिक्रिया: जनता क्या सोचती है?
सोशल मीडिया पर जनता की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं:
- कुछ लोगों ने ममता बनर्जी के बयान को “देश विरोधी” बताया
- वहीं, कई लोगों ने केंद्र सरकार के “सांस्कृतिक प्रतीकों के चुनावी इस्तेमाल” पर सवाल उठाए।
बंगाल चुनाव 2025 की पृष्ठभूमि
बंगाल में अगले विधानसभा चुनाव 2025 में होने हैं। ऐसे में बीजेपी और टीएमसी के बीच जुबानी जंग तेज़ हो गई है। पिछले चुनावों में ममता बनर्जी ने बड़ी जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार बीजेपी ने रणनीति में बड़ा बदलाव किया है।
बार-बार पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
❓ ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
उत्तर: यह एक हालिया आतंकवाद-रोधी सैन्य अभियान है जिसे भारतीय सेना ने अंजाम दिया और इसकी सफलता को लेकर सरकार ने इसे “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया।
❓ ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर क्या आरोप लगाए हैं?
उत्तर: ममता बनर्जी का आरोप है कि पीएम मोदी ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं और अब बंगाल में भी “ऑपरेशन बंगाल” के नाम पर चुनावी फायदा उठाना चाहते हैं।
❓ क्या बीजेपी बंगाल की संस्कृति का राजनीतिकरण कर रही है?
उत्तर: विपक्ष का मानना है कि बीजेपी “सिंदूर खेला” जैसे सांस्कृतिक प्रतीकों का इस्तेमाल वोट पाने के लिए कर रही है, जबकि बीजेपी इसे भावनात्मक जुड़ाव बताती है।
❓ क्या यह विवाद चुनाव पर असर डालेगा?
उत्तर: हाँ, यह विवाद 2025 के बंगाल चुनाव में अहम मुद्दा बन सकता है क्योंकि दोनों पक्ष इसे गंभीरता से ले रहे हैं।
निष्कर्ष: राजनीति और संस्कृति की टकराहट
“ऑपरेशन सिंदूर” से शुरू हुआ यह विवाद अब “ऑपरेशन बंगाल” तक पहुंच गया है। ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को खुली चुनौती दी है, वहीं बीजेपी बंगाल में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में जुटी है। सवाल यह है कि इस टकराव में जीत किसकी होगी—संवेदनाओं की या रणनीतियों की?
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