Published by: Roshan Soni
Updated on: Wednesday, 01 jan 2025
मजदूरों की समस्याओं : चितरा क्षेत्र में मजदूरों की समस्याओं पर पूर्व स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता ने अधिकारियों से चर्चा की। जानें मजदूरों की समस्याएं और समाधान के लिए उठाए गए कदम, साथ ही आंदोलन की चेतावनी पर पूरी जानकारी।
झारखंड के चितरा क्षेत्र में मंगलवार को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें क्षेत्र के कैजुअल मजदूरों की समस्याओं पर चर्चा की गई। इस बैठक में मजदूरों के समक्ष उत्पन्न हो रही समस्याओं को लेकर अधिकारियों से समाधान की मांग की गई। शशांक शेखर भोक्ता ने इस दौरान स्पष्ट किया कि अगर जल्द ही इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो मजदूर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इस ब्लॉग में हम आपको इस बैठक के विषय में विस्तार से जानकारी देंगे, जिसमें मजदूरों की कठिनाइयों और आने वाले आंदोलन की आशंका के बारे में बात करेंगे।
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बैठक का उद्देश्य:

कैजुअल मजदूरों के मुद्दों को लेकर यह बैठक क्षेत्रीय कार्यालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित की गई थी। बैठक में शशांक शेखर भोक्ता ने कहा कि क्षेत्र में काम की भारी कमी हो गई है। कोलियरी क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को कार्य नहीं मिल रहा, जिसके कारण वे अपने गांवों में वापस लौटने को मजबूर हो रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने कोलियरी प्रबंधन से अधिक कोयला ऑफर करने की मांग की है ताकि मजदूरों को काम मिल सके।
मजदूरों की समस्याएं:
बैठक के दौरान पूर्व स्पीकर ने मजदूरों की समस्याओं को गंभीरता से उठाया। उन्होंने कहा कि कोलियरी प्रबंधन की ओर से कम कोयला ऑफर किया जाता है, जिसके कारण ट्रक कोयला लोडिंग के लिए कम पहुंच पाते हैं। यह स्थिति मजदूरों के लिए कठिनाई पैदा कर रही है। मजदूरों के समक्ष रोजगार की कमी हो गई है, जिससे उनका जीवन यापन भी मुश्किल हो रहा है। शशांक शेखर भोक्ता ने इस समस्या का समाधान करने की दिशा में कोलियरी प्रबंधन से कोयला ऑफर बढ़ाने की मांग की।
आंदोलन की चेतावनी:
बैठक में शशांक शेखर भोक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर जल्द ही इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ और मजदूरों को पर्याप्त काम नहीं मिल सका, तो मजदूरों को आंदोलन करने के लिए बाध्य किया जाएगा। उनका यह बयान इस बात का संकेत था कि अगर अधिकारी और कोलियरी प्रबंधन मजदूरों की समस्याओं का समाधान करने में विफल रहते हैं, तो मजदूर संघर्ष का रास्ता अपना सकते हैं।
महाप्रबंधक का आश्वासन:

बैठक के दौरान कोलियरी के महाप्रबंधक ओपी चौबे ने मजदूरों की समस्याओं पर ध्यान देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कोयला ऑफर बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे ताकि मजदूरों को काम मिल सके। हालांकि, इस समय यह साफ नहीं है कि कब तक कोयला ऑफर बढ़ेगा और मजदूरों की समस्याओं का समाधान होगा।
बैठक में मौजूद लोग:

इस बैठक में कई अन्य अधिकारी और मजदूर प्रतिनिधि भी शामिल हुए, जिनमें अभिकर्ता उमेश प्रसाद चौधरी, युगल किशोर राय, प्रकाश यादव, पिंटू पाल, काजल अडडी, जुगनू यादव, कृष्णा सिंह, रवि सिंह, मदन सिंह और संतलाल रजक जैसे लोग शामिल थे। इस बैठक ने मजदूरों की समस्याओं के समाधान की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया, लेकिन अब देखना होगा कि क्या कोलियरी प्रबंधन इन समस्याओं का समाधान जल्दी कर पाता है या नहीं।
निष्कर्ष:
झारखंड के चितरा क्षेत्र के मजदूरों के सामने काम की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है। पूर्व स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता के नेतृत्व में आयोजित इस बैठक ने मजदूरों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया और कोलियरी प्रबंधन से अधिक कोयला ऑफर करने की मांग की। अगर इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो मजदूर आंदोलन की ओर जा सकते हैं, जिससे क्षेत्र में एक नया विवाद उत्पन्न हो सकता है। अब यह देखना होगा कि क्या कोलियरी प्रबंधन और सरकारी अधिकारियों द्वारा इस स्थिति पर तुरंत कार्रवाई की जाती है।
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