Published by :- Roshan Kumar
Updated on: Wednesday , 26 Feb 2025
Contents
- 1 महाशिवरात्रि 2025 का महत्व और पूजा विधि
- 2 महाशिवरात्रि 2025: पूजा का शुभ मुहूर्त और समय
- 3 महाशिवरात्रि 2025: व्रत के नियम (Fasting Rules)
- 4 महाशिवरात्रि व्रत के लिए करने योग्य और वर्जित कार्य (Dos & Don’ts)
- 5 महाशिवरात्रि व्रत विधि (Step-by-Step Vrat Vidhi)
- 6 महाशिवरात्रि 2025 व्रत के लाभ
- 7 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
महाशिवरात्रि 2025 का महत्व और पूजा विधि
महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान शिव की आराधना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में महाशिवरात्रि 26 फरवरी, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं और विशेष पूजा-अर्चना कर भगवान शिव की कृपा प्राप्त करते हैं।
महाशिवरात्रि 2025: पूजा का शुभ मुहूर्त और समय
घटना | तिथि और समय |
---|---|
निशीथ काल पूजा समय | 12:09 AM से 12:59 AM, 27 फरवरी |
शिवरात्रि पारणा समय | 06:49 AM से 08:54 AM, 27 फरवरी |
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा | 06:20 PM से 09:27 PM |
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा | 09:27 PM से 12:34 AM, 27 फरवरी |
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा | 12:34 AM से 03:42 AM, 27 फरवरी |
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा | 03:42 AM से 06:49 AM, 27 फरवरी |
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ | 11:08 AM, 26 फरवरी |
चतुर्दशी तिथि समाप्त | 08:54 AM, 27 फरवरी |
महाशिवरात्रि 2025: व्रत के नियम (Fasting Rules)
- व्रत से एक दिन पहले त्रयोदशी तिथि को केवल एक बार भोजन करना चाहिए।
- महाशिवरात्रि के दिन प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प (Sankalp) लें।
- यह उपवास निर्जल (बिना जल) या फलाहार (फल और दूध) के रूप में रखा जा सकता है।
- रात्रि में शिव पूजा अवश्य करें और अगले दिन सूर्योदय के बाद चतुर्दशी तिथि समाप्त होने से पहले व्रत खोलें।
- सही समय पर व्रत खोलने से अधिकतम आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं।
महाशिवरात्रि व्रत के लिए करने योग्य और वर्जित कार्य (Dos & Don’ts)
करने योग्य कार्य (Dos):
✅ प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत प्रारंभ करें। ✅ शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, और बेलपत्र अर्पित करें। ✅ पूरे दिन ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। ✅ यदि आवश्यक हो, तो केवल सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। ✅ मध्यरात्रि को दीप जलाएं और भगवान शिव की आराधना करें।
वर्जित कार्य (Don’ts):
❌ लहसुन, प्याज, और मांसाहार से परहेज करें। ❌ रात्रि में न सोएं, बल्कि भजन-कीर्तन और ध्यान करें। ❌ कठोर वचन बोलने या नकारात्मक कार्यों में संलग्न न हों। ❌ अनाज या दालों का सेवन न करें। ❌ गलत समय पर व्रत न खोलें, पारणा मुहूर्त का पालन करें।
महाशिवरात्रि व्रत विधि (Step-by-Step Vrat Vidhi)
- प्रातः काल जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
- भगवान शिव की आराधना के लिए व्रत का संकल्प लें।
- जल अभिषेक कर शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, दूध, शहद और चंदन अर्पित करें।
- ‘महामृत्युंजय मंत्र’ और ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करें।
- रात्रि के चार प्रहरों में विशेष पूजा करें।
- अगले दिन सूर्योदय के बाद स्नान कर पूजा करें और व्रत खोलें।
महाशिवरात्रि 2025 व्रत के लाभ
✅ भगवान शिव की कृपा से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। ✅ आत्मशुद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। ✅ स्वास्थ्य, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद मिलता है। ✅ जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति का संचार होता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. महाशिवरात्रि पर व्रत क्यों रखा जाता है?
महाशिवरात्रि पर व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
2. क्या महाशिवरात्रि के दिन पानी पी सकते हैं?
हाँ, यदि आप फलाहार व्रत कर रहे हैं तो आप पानी, दूध, और फल ले सकते हैं। निर्जला व्रत रखने वालों को पानी भी नहीं पीना चाहिए।
3. महाशिवरात्रि पर कौन-से मंत्रों का जाप करना चाहिए?
‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘महामृत्युंजय मंत्र’ का जाप विशेष फलदायी होता है।
4. क्या महाशिवरात्रि पर लहसुन और प्याज खा सकते हैं?
नहीं, महाशिवरात्रि के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए और लहसुन-प्याज से परहेज करना चाहिए।
5. महाशिवरात्रि पर पूजा का सर्वोत्तम समय क्या है?
निशीथ काल (रात 12:09 AM से 12:59 AM) शिव पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ समय माना जाता है।
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