Published by :- Hritik Kumar
Updated on: Saturday, 01 Feb 2025
महाकुंभ भगदड़ पर बड़ा खुलासा, अखाड़ा परिषद ने पहले ही दी थी चेतावनी
महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या के दिन हुए भगदड़ हादसे में 30 लोगों की जान चली गई। इस हृदय विदारक घटना पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा कि यह हादसा दुखद जरूर है, लेकिन इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि अखाड़ा परिषद ने पहले ही इस घटना की आशंका जताई थी और प्रशासन को सचेत रहने की सलाह दी थी।
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अखाड़ा परिषद ने पहले ही दी थी चेतावनी
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने प्रशासन से आग्रह किया था कि मौनी अमावस्या के दिन विशेष सतर्कता बरती जाए। उन्होंने यह भी निर्णय लिया था कि पहले आम श्रद्धालु स्नान करेंगे, उसके बाद साधु-संत। इसके बावजूद प्रशासन इस स्थिति को संभालने में विफल रहा, जिससे यह त्रासदी हुई।
महाकुंभ में गहरी साजिश का संकेत
बागेश्वर धाम सरकार ने यह भी दावा किया कि महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में कुछ षड्यंत्रकारियों द्वारा सनातन संस्कृति को निशाना बनाने की साजिश रची जा सकती है। उन्होंने इस घटना की गहराई से जांच की मांग करते हुए कहा कि यदि निष्पक्ष जांच होती है, तो कई चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं।
शव और शिव पर राजनीति नहीं होनी चाहिए
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि शव और शिव पर कभी राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “सरकार ने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन लाखों-करोड़ों लोगों की भीड़ होने के कारण ऐसी अप्रत्याशित घटनाएं हो जाती हैं।”
मोक्ष की प्राप्ति का दावा
उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस हादसे में असमय मृत्यु को प्राप्त हुए, वे वास्तव में मरे नहीं, बल्कि मोक्ष को प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि गंगा किनारे होने वाली मृत्यु को सनातन संस्कृति में मोक्षदायी माना जाता है। हालांकि, असमय जाने का दुख जरूर है, लेकिन यह ईश्वरीय विधान है।
महाकुंभ का महत्व और सनातन धर्म की विजय
बाबा बागेश्वर ने कहा कि महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत के सनातन संस्कृति की पहचान है। उन्होंने कहा कि आज भारत का हिंदू समाज पहले से अधिक संगठित हो रहा है और पूरे विश्व में सनातन धर्म का डंका बज रहा है।
निष्कर्ष
महाकुंभ में हुए भगदड़ हादसे पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दावे निश्चित रूप से चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनका कहना है कि इस हादसे में राजनीति नहीं होनी चाहिए और गहन जांच के बाद सच्चाई सामने आनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने महाकुंभ के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को भी रेखांकित किया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. महाकुंभ हादसा कब और कहाँ हुआ?
महाकुंभ हादसा 2025 में मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में हुआ। इस दौरान भगदड़ मचने से 30 लोगों की मौत हो गई।
2. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस घटना पर क्या कहा?
उन्होंने इसे दुखद बताते हुए कहा कि इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए और यह भी दावा किया कि यह कोई साधारण घटना नहीं थी बल्कि एक गहरी साजिश का हिस्सा हो सकती है।
3. अखाड़ा परिषद ने प्रशासन को क्या चेतावनी दी थी?
अखाड़ा परिषद ने प्रशासन को पहले ही सचेत किया था कि मौनी अमावस्या के दौरान विशेष सतर्कता बरती जाए, क्योंकि भारी भीड़ के कारण कोई अप्रिय घटना घट सकती है।
4. महाकुंभ में भगदड़ क्यों मची?
भीड़ का अत्यधिक दबाव और प्रशासन की असफलता के कारण भगदड़ मची, जिससे यह हादसा हुआ।
5. क्या इस घटना की जांच होगी?
पंडित धीरेंद्र शास्त्री और अन्य संतों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि साजिश के पीछे के असली चेहरे सामने आ सकें।
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