लालू यादव का ‘कुंभ फालतू’ बयान: विवाद, प्रतिक्रियाएं और सियासी बवाल

Published by :- Roshan Soni
Updated on: Tuesday, 18 Feb 2025

परिचय

हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के एक बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने कुंभ मेले को लेकर टिप्पणी की, जिसे भाजपा और कई अन्य दलों ने आस्था पर चोट बताया है। इस बयान के बाद बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी सहित कई नेताओं ने लालू यादव पर पलटवार किया है। आइए विस्तार से जानते हैं कि इस विवाद की शुरुआत कैसे हुई और इसके क्या सियासी मायने हैं।

                                                         Credit as – Social Media 

 

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ और लालू यादव का बयान

घटना का विवरण

शनिवार देर रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 13 और 14 पर भगदड़ मच गई, जिससे 18 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस घटना की वजह प्रयागराज जा रही ट्रेनों के रद्द होने की अफवाह बताई जा रही है। रेलवे ने इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा भी की गई है।

  • मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।
  • गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 1 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।

लालू यादव ने क्या कहा?

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की और साथ ही कुंभ मेले को ‘फालतू’ बताया। इस बयान के बाद राजनीतिक विवाद शुरू हो गया।

भाजपा और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

दिलीप जायसवाल का पलटवार

बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि लालू यादव की उम्र अधिक हो गई है, इसलिए वे क्या बोलते हैं, उन्हें खुद नहीं पता। उन्होंने कहा:

“जब कोई हादसा होता है तो विपक्ष को तुरंत राजनीति नहीं करनी चाहिए। पहले जांच हो जाने देनी चाहिए। अगर विपक्ष जांच रिपोर्ट आने के बाद बोले, तो उसकी विश्वसनीयता बनी रहती है।”

जीतन राम मांझी की प्रतिक्रिया

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर लिखा:

“कुंभ स्नान फालतू है और चारा खाना पुण्य है। आपके हिसाब से तो ये सही होगा, लालू प्रसाद जी? देश आपका जवाब चाहता है।”

इस बयान के जरिए मांझी ने चारा घोटाले को लेकर लालू यादव पर तंज कसा।

कुंभ मेला और इसकी धार्मिक मान्यता

कुंभ मेला क्या है?

कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसे हिंदू धर्म में पवित्रता और आत्मशुद्धि के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह हर 12 साल में चार स्थानों (हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक) पर आयोजित होता है।

कुंभ मेला का महत्व

  • हिंदू मान्यताओं के अनुसार, कुंभ में स्नान करने से पापों का नाश होता है।
  • यह आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम का केंद्र होता है।
  • करोड़ों श्रद्धालु इस महायोजन में भाग लेते हैं, जिससे पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।

क्या लालू यादव का बयान सही है?

लालू यादव के इस बयान की कई लोग आलोचना कर रहे हैं, क्योंकि कुंभ मेला हिंदू धर्म की आस्था से जुड़ा है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, लालू यादव ने यह बयान भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे पर निशाना साधने के लिए दिया होगा।

राजनीतिक प्रभाव और आगामी चुनाव

क्या यह बयान चुनावी मुद्दा बनेगा?

2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में लालू यादव के इस बयान को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। भाजपा इस मुद्दे को हिंदू वोटरों को एकजुट करने के लिए भुना सकती है। वहीं, RJD और विपक्ष इसे सरकार की विफलताओं की ओर ध्यान आकर्षित करने के रूप में देख सकते हैं।

संभावित राजनीतिक परिणाम

  1. हिंदू मतदाताओं में नाराजगी – भाजपा इसे धार्मिक आस्था का अपमान बताकर लालू यादव की छवि खराब करने की कोशिश करेगी।
  2. विपक्षी एकता में फूट – कई विपक्षी नेता इस बयान से असहमत हो सकते हैं, जिससे महागठबंधन में मतभेद बढ़ सकते हैं।
  3. बिहार की राजनीति में हलचल – बिहार में भाजपा और RJD के बीच संघर्ष और तेज हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. लालू यादव ने कुंभ को ‘फालतू’ क्यों कहा?

लालू यादव ने यह बयान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना के बाद दिया। वे चाहते थे कि रेल मंत्री इस्तीफा दें और भगदड़ जैसी घटनाओं को रोका जाए।

2. भाजपा ने लालू यादव के बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?

भाजपा नेताओं ने इसे धार्मिक आस्था का अपमान बताया और लालू यादव की बढ़ती उम्र और गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी पर सवाल उठाए।

3. क्या कुंभ मेला हिंदू धर्म के लिए महत्वपूर्ण है?

हाँ, कुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों लोग भाग लेते हैं और इसे पवित्र स्नान और मोक्ष प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

4. क्या यह बयान 2024 के लोकसभा चुनाव पर असर डालेगा?

संभावना है कि भाजपा इस मुद्दे को हिंदू वोटर्स को लामबंद करने के लिए इस्तेमाल कर सकती है, जिससे यह चुनावी मुद्दा बन सकता है।

5. क्या सरकार ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ की जांच के आदेश दिए हैं?

हाँ, रेलवे ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है।

निष्कर्ष

लालू यादव के ‘कुंभ फालतू’ बयान ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। भाजपा इसे धार्मिक आस्था पर हमला बता रही है, जबकि विपक्ष सरकार की नाकामी पर ध्यान दिलाना चाहता है। आगामी चुनाव में यह मुद्दा बड़ा असर डाल सकता है। अब देखना होगा कि जनता इस बयान को किस रूप में लेती है और क्या यह राजनीति में कोई बड़ा बदलाव लाता है।

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