खाने के बाद इन 8-10 पत्तियों को चबाने से पाएं पेट की सफाई, गैस, एसिडिटी और पेट फूलने की समस्या से छुटकारा – आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण से जानें और फायदे”
Published by: Roshan Soni
Updated on: Monday, 04 Nov 2024
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर अपनी सेहत और खासकर पाचन तंत्र का ध्यान नहीं रख पाते। पेट की समस्याएं जैसे गैस, एसिडिटी और पेट फूलना बहुत आम हो गए हैं। आयुर्वेद में पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए कई अद्भुत नुस्खे बताए गए हैं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि खाने के बाद कुछ खास पत्तियों का सेवन करने से न सिर्फ पेट की सफाई होती है, बल्कि पाचन भी बेहतर होता है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि खाने के बाद कौन सी पत्तियाँ चबानी चाहिए और उनके स्वास्थ्यवर्धक लाभ क्या हैं। इस आसान से आयुर्वेदिक उपाय को अपनाकर आप अपने पाचन तंत्र को मजबूत बना सकते हैं और पेट की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
खाने के बाद कौन सी पत्तियाँ चबाएँ?
आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, खाने के बाद कुछ पत्तियाँ चबाने से पाचन शक्ति मजबूत होती है और कई प्रकार की पेट की समस्याएं दूर होती हैं। इन पत्तियों में सबसे प्रमुख निम्नलिखित हैं:
- पुदीना (Mint) के पत्ते – पुदीना का सेवन पाचन को तेज करता है और गैस्ट्रिक समस्याओं से राहत दिलाता है। इसमें प्राकृतिक रूप से एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो पेट की सूजन को कम करते हैं।
- तुलसी (Holy Basil) के पत्ते – तुलसी का सेवन करने से पाचन बेहतर होता है और एसिडिटी से राहत मिलती है। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण पेट में हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करते हैं।
- अजवाइन (Carom) के पत्ते – अजवाइन के पत्ते गैस और पेट फूलने की समस्या को दूर करने में सहायक होते हैं। यह पेट में गैस्ट्रिक जूस के स्त्राव को बढ़ावा देकर पाचन में सहायक होता है।
- करी पत्ते (Curry Leaves) – करी पत्तों में फाइबर और आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो आंतों की सफाई में मदद करते हैं और पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं।
- धनिया (Coriander) के पत्ते – धनिया का सेवन करने से एसिडिटी से राहत मिलती है और पाचन तंत्र को शीतलता प्रदान होती है। धनिया में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स पेट की समस्याओं को दूर करते हैं।
- नीम (Neem) के पत्ते – नीम के पत्तों का सेवन पेट को साफ करने में सहायक है और पाचन प्रक्रिया को भी आसान बनाता है।
- बेल (Bael) के पत्ते – बेल के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं जो पेट के संक्रमण को दूर करने में सहायक होते हैं।
- पान (Betel) के पत्ते – पान के पत्तों का सेवन भोजन के बाद करने से पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है और गैस व एसिडिटी की समस्या कम होती है।
इन पत्तियों का सेवन कैसे करें?
इन पत्तियों को खाने के बाद 8-10 पत्ते चबा सकते हैं। इनके नियमित सेवन से न केवल पाचन तंत्र बेहतर होता है, बल्कि पेट से संबंधित कई बीमारियों से भी बचा जा सकता है।
इन पत्तियों के अन्य स्वास्थ्य लाभ
- पेट की सफाई – इनमें से कई पत्तियों में फाइबर होता है जो आंतों की सफाई में सहायक होता है।
- प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स – तुलसी, नीम और पुदीना जैसे पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करते हैं।
- इम्यूनिटी बढ़ाना – इन पत्तियों का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और यह संक्रमण से लड़ने में भी मददगार है।
- हृदय स्वास्थ्य में सुधार – करी पत्ता और धनिया जैसे पत्ते हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक हैं। ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में भी सहायक होते हैं।
- मधुमेह नियंत्रण – बेल और नीम के पत्ते ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं, जिससे मधुमेह के मरीजों को फायदा मिलता है।
निष्कर्ष – अपने पाचन तंत्र को आयुर्वेद के सहारे रखें स्वस्थ
खाने के बाद इन पत्तियों को चबाने से न केवल पाचन बेहतर होता है बल्कि पेट की समस्याओं जैसे गैस, एसिडिटी और पेट फूलने से भी राहत मिलती है। आयुर्वेदिक पद्धतियों का पालन करके हम न केवल अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ रख सकते हैं बल्कि बेहतर स्वास्थ्य भी प्राप्त कर सकते हैं।
इन प्राकृतिक उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप अपने स्वास्थ्य को नई दिशा दे सकते हैं।
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