कठुआ एनकाउंटर: जंगलों से भागे आतंकी अब गांवों में, जानिए पूरी जानकारी

Published by :- Roshan Kumar
Updated on: Tuesday , 01 April 2025

कठुआ जिले में हुए एक बड़े एनकाउंटर के बाद आतंकी अब जंगलों से भागकर गांवों में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। कठुआ के रुई गांव में हाल ही में आतंकवादियों द्वारा की गई संदिग्ध गतिविधियां सामने आई हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि यह घटनाएं किस प्रकार से बढ़ी हैं और सुरक्षाबलों ने किस तरह से कार्रवाई की है।

                                              Credit as – Amar Ujala

 

कठुआ एनकाउंटर के बाद आतंकी गांवों में क्यों घुसने लगे?

हाल ही में कठुआ के सान्याल बेल्ट में हुए एनकाउंटर में चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि दो पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए थे। इस मुठभेड़ के बाद आतंकवादियों के शव बरामद किए गए, लेकिन कुछ आतंकवादी जंगलों से भागकर ग्रामीण इलाकों में छिपने की कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान रुई गांव में तीन संदिग्ध आतंकी देखे गए, जिन्होंने एक बुजुर्ग महिला से पानी मांगा और पैसे भी दिए।

रुई गांव में आतंकवादियों की संदिग्ध गतिविधियां

रुई गांव में बुजुर्ग महिला ने बताया कि तीन संदिग्धों ने उनसे पानी मांगा और जब वह रसोई में गए, तो उन्होंने खाने-पीने का सामान चुरा लिया। जाने से पहले इन आतंकियों ने महिला को 500 रुपये के दो नोट भी दिए, जिन्हें महिला ने लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद सुरक्षाबलों ने गांव को घेर लिया और आतंकवादियों की खोज में रात भर तलाशी अभियान चलाया।

सुरक्षा बलों की कार्रवाई

सुरक्षाबलों ने रुई गांव के आस-पास कई गांवों में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। हवाई निगरानी, डॉग स्क्वायड और कई अन्य सुरक्षात्मक उपायों के तहत आतंकवादियों की तलाश की जा रही है। सुरक्षा बलों ने अब तक छह लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है।

हिरासत में लिए गए संदिग्ध

सुरक्षा बलों ने इस मामले में कई लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें वे महिलाएं भी शामिल हैं, जो आतंकवादियों को भोजन, आश्रय और मार्गदर्शन देने के आरोप में पकड़ी गई हैं। यह महिलाएं उन ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) से जुड़ी हुई हैं, जिनका नाम पिछले कुछ वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा रहा है।

एनकाउंटर में शहीद हुए जवान

कठुआ एनकाउंटर के दौरान 4 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जिनमें बलविंदर सिंह चिब, जसवंत सिंह और तारिक अहमद शामिल हैं। उनके शव मुठभेड़ स्थल से बरामद किए गए। इस एनकाउंटर को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिया गया था।

कठुआ एनकाउंटर के बाद सुरक्षा स्थिति

कठुआ में हुए इस एनकाउंटर और बाद में हुए ऑपरेशनों के बाद क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति और कड़ी कर दी गई है। सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है, ताकि इन आतंकवादियों को पकड़ा जा सके।


FAQs (Frequently Asked Questions)

1. कठुआ एनकाउंटर में कितने लोग मारे गए?
कठुआ एनकाउंटर में 4 पुलिसकर्मी शहीद हुए और 2 आतंकवादी मारे गए।

2. रुई गांव में क्या हुआ था?
रुई गांव में तीन संदिग्ध आतंकवादियों ने एक बुजुर्ग महिला से पानी मांगा और फिर रसोई से खाना चुरा लिया। जाने से पहले उन्होंने महिला को पैसे भी दिए, जिन्हें उसने लेने से मना कर दिया।

3. सुरक्षाबलों ने इस संदिग्ध गतिविधि पर क्या कदम उठाए?
सुरक्षाबलों ने रुई गांव और आसपास के क्षेत्रों में तलाशी अभियान तेज किया है। उन्होंने कई लोगों को हिरासत में लिया और क्षेत्र को रात भर घेर लिया।

4. क्या सुरक्षाबलों ने किसी नेटवर्क का खुलासा किया है?
सुरक्षाबलों ने ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) नेटवर्क का खुलासा किया है, जो आतंकवादियों को भोजन और आश्रय मुहैया कराते थे।

5. कठुआ एनकाउंटर के बाद सुरक्षा बलों की योजना क्या है?
सुरक्षाबल अब अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से आतंकवादियों की तलाश में ऑपरेशन चला रहे हैं और पूरे क्षेत्र को अलर्ट पर रखा गया है।


निष्कर्ष: कठुआ एनकाउंटर के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के खिलाफ बहुस्तरीय अभियान शुरू कर दिया है। रुई गांव में संदिग्ध गतिविधियों ने सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया है, और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इस घटना ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। इस मामले से जुड़ी नई जानकारी पाने के लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करें।

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