Published by: Roshan Soni
Updated on: Monday, 16 Dec 2024
रांची में छात्र आंदोलन: परीक्षा रद्द कराने की माँग पर अड़े छात्र
झारखंड में सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए यह सप्ताह बेहद अहम रहा है। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित CGL परीक्षा में कथित पेपरलीक के खिलाफ छात्रों ने आंदोलन तेज कर दिया है। इस मुद्दे को लेकर आज हजारों छात्र रांची के नामकुम में एकत्रित होने वाले हैं। सरकार और प्रशासन के खिलाफ छात्रों की नाराजगी साफ दिखाई दे रही है।
सीएम हाउस और राजभवन की सुरक्षा बढ़ाई गई
छात्रों के आक्रोश को देखते हुए रांची में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास और राजभवन के आसपास सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। इन इलाकों में बैरिकेडिंग की गई है, और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।
सदर डीएसपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। संबंधित थाना क्षेत्रों को अलर्ट पर रखा गया है और नियमित गश्त के निर्देश दिए गए हैं। सचिवालय और अन्य प्रमुख सरकारी भवनों के आसपास भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
ट्रैफिक पर असर: डायवर्जन की योजना तैयार
छात्रों के भारी संख्या में रांची पहुंचने की संभावना को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने भी अपनी योजना तैयार की है। शहर के कई प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्जन किया गया है ताकि यातायात सुचारू रूप से चल सके।
ट्रैफिक डीएसपी ने बताया कि अगर हालात बिगड़ते हैं तो ट्रैफिक को अन्य मार्गों पर मोड़ा जाएगा। इसके लिए प्रमुख चौराहों और जंक्शनों पर पुलिस बल तैनात किया गया है।
छात्रों की प्रमुख मांग: CGL परीक्षा रद्द की जाए
झारखंड CGL परीक्षा में कथित पेपरलीक का मामला छात्रों के आक्रोश का मुख्य कारण है। उनका आरोप है कि परीक्षा में पारदर्शिता नहीं थी और पेपरलीक ने योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय किया है। छात्रों की मांग है कि इस परीक्षा को रद्द कर फिर से आयोजित किया जाए।
कई जिलों से पहुंचे छात्र
रांची में प्रदर्शन के लिए झारखंड के विभिन्न जिलों से छात्र जुटने लगे हैं। उनके हाथों में बैनर और तख्तियां हैं, जिन पर लिखा है, “न्याय चाहिए” और “पेपरलीक के दोषियों को सजा दो।” छात्रों का कहना है कि वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती।
आयोग के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति
JSSC के लिए यह स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण हो गई है। छात्रों का आरोप है कि आयोग ने परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों पर गंभीरता से विचार नहीं किया। आयोग ने अब तक इस मामले पर कोई ठोस बयान जारी नहीं किया है, जिससे छात्रों का आक्रोश और बढ़ गया है।
पिछले आंदोलनों से सबक लेने की जरूरत
यह पहली बार नहीं है जब झारखंड में सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। पिछले कुछ वर्षों में भी इसी तरह के मामलों ने छात्रों को सड़कों पर उतारा है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और आयोग को पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
छात्रों के आंदोलन पर अब तक सरकार की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम इस बात का संकेत देते हैं कि प्रशासन इस स्थिति को गंभीरता से ले रहा है।
सोशल मीडिया पर उठा मामला
इस आंदोलन को सोशल मीडिया पर भी बड़ी तवज्जो मिल रही है। ट्विटर, फेसबुक और अन्य प्लेटफार्मों पर #JSSC_CGL_Protest ट्रेंड कर रहा है। कई छात्रों ने वीडियो और पोस्ट के माध्यम से अपनी नाराजगी जाहिर की है।
छात्रों की मुख्य माँगें:
- झारखंड CGL परीक्षा को तुरंत रद्द किया जाए।
- पेपरलीक मामले की उच्चस्तरीय जांच हो।
- दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त उपाय किए जाएं।
आगे की राह
छात्रों के आंदोलन ने झारखंड सरकार और JSSC के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। अब यह देखना होगा कि सरकार और आयोग इस स्थिति को कैसे संभालते हैं। क्या छात्रों की मांगें मानी जाएंगी या फिर यह आंदोलन और तेज होगा, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।
इस बीच, छात्रों से शांति बनाए रखने और प्रशासन से इस मामले में पारदर्शी जांच की उम्मीद की जा रही है।
यह भी पढ़ें :-