झारखंड में पेपर लीक कांड: सख्त कानून के बावजूद क्यों नहीं रुक रही परीक्षा में धांधली?

Published by :- Hritik  Kumar
Updated on: Monday, 27 Jan 2025

झारखंड में सरकारी परीक्षाओं का संकट: पेपर लीक से हताश हो रहे छात्र

झारखंड में पेपर लीक कांड: सख्त कानून के बावजूद क्यों नहीं रुक रही परीक्षा में धांधली?

 

झारखंड में सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा सख्त कानून बनाए जाने के बावजूद राज्य में पेपर लीक की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। झारखंड में हाल ही में हुई JSSC CGL 2024 परीक्षा भी विवादों में आ गई, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है।

झारखंड में देश का सबसे सख्त पेपर लीक कानून

आपको जानकर हैरानी होगी कि झारखंड में नकल और पेपर लीक को रोकने के लिए पूरे देश में सबसे कड़े कानून लागू हैं। झारखंड सरकार ने 2023 में एक सख्त विधेयक पारित किया, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास और 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके बावजूद, राज्य में परीक्षा घोटाले और पेपर लीक की घटनाएं थम नहीं रही हैं।

2001 से झारखंड में जारी है पेपर लीक का सिलसिला

झारखंड राज्य की स्थापना 15 नवंबर 2000 को हुई थी और इसके तुरंत बाद 2001 में पहली जेपीएससी परीक्षा का आयोजन किया गया। लेकिन, उसी समय से परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक की खबरें सामने आने लगीं। सीबीआई जांच में यह पाया गया कि कई उम्मीदवार बिना आंसर शीट भरे ही पास हो गए थे। यह मामला 12 साल तक चला और 70 से अधिक लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई।

इसके बाद भी झारखंड में लगभग सभी परीक्षाएं किसी न किसी विवाद में फंसती रहीं। यही कारण है कि 21 साल में सिर्फ 13 बार ही जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा आयोजित हो पाई है।

JSSC CGL: 9 साल से लटकी भर्ती, फिर भी नहीं आया नतीजा

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (CGL) परीक्षा का हाल जानकर आप चौंक जाएंगे।

  • 2015: पहली बार नोटिफिकेशन जारी हुआ।
  • 2016: प्रीलिम्स परीक्षा हुई, लेकिन मेंस परीक्षा नहीं हो पाई।
  • 2017-2019: भर्ती को कई बार स्थगित किया गया।
  • 2020: कोविड महामारी के कारण परीक्षा फिर रुकी।
  • 2022: परीक्षा की तारीख तय हुई, लेकिन ऐन मौके पर टल गई।
  • 2024: दो बार परीक्षा हुई, लेकिन फिर भी पेपर लीक का विवाद उठा।

आखिरकार, 2024 में परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित हुई, लेकिन बाद में कोर्ट ने मामला लंबित रहने तक फाइनल रिजल्ट रोक दिया। अब हजारों उम्मीदवारों के भविष्य पर फिर से खतरा मंडरा रहा है।

छात्रों का आक्रोश: क्या झारखंड में सरकारी नौकरी की उम्मीद छोड़ देंगे युवा?

लगातार हो रही धांधली और पेपर लीक से झारखंड के छात्रों में भारी निराशा है। कई उम्मीदवारों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो वे झारखंड छोड़कर दूसरे राज्यों में नौकरी की तलाश करेंगे।

सरकार को उठाने होंगे सख्त कदम

झारखंड में पेपर लीक और परीक्षा घोटाले की घटनाएं सरकार की सख्ती पर सवाल खड़े कर रही हैं। अगर जल्द ही कोई ठोस समाधान नहीं निकाला गया, तो युवा वर्ग का भरोसा सरकारी परीक्षाओं से पूरी तरह उठ सकता है।

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पेपर लीक और परीक्षा धांधली से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. झारखंड में पेपर लीक से जुड़े कानून कितने सख्त हैं?

उत्तर: झारखंड में 2023 में एक सख्त कानून लागू किया गया, जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति परीक्षा में नकल, धांधली या पेपर लीक में दोषी पाया जाता है, तो उसे आजीवन कारावास और 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

2. JSSC CGL परीक्षा में धांधली की समस्या कब से चल रही है?

उत्तर: JSSC CGL भर्ती प्रक्रिया 2015 में शुरू हुई थी, लेकिन तब से लेकर अब तक इसे कई बार स्थगित किया गया है। कई वर्षों की देरी और पेपर लीक की घटनाओं के चलते उम्मीदवारों को अब तक अंतिम परिणाम नहीं मिल पाया है।

3. क्या 2024 की JSSC CGL परीक्षा में फिर से पेपर लीक हुआ था?

उत्तर: जनवरी 2024 में आयोजित परीक्षा के बाद पेपर लीक की खबरें आईं, जिसके चलते परीक्षा स्थगित कर दी गई थी। सितंबर 2024 में दोबारा परीक्षा हुई, लेकिन इस बार भी कुछ उम्मीदवारों ने धांधली के आरोप लगाए और मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया।

4. क्या झारखंड में परीक्षाओं की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कोई कदम उठाए हैं?

उत्तर: सितंबर 2024 की परीक्षा के दौरान पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं ताकि किसी भी तरह की ऑनलाइन नकल या धांधली को रोका जा सके। इसके बावजूद परीक्षा में अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।

5. क्या JSSC CGL 2024 का फाइनल रिजल्ट जारी होगा?

उत्तर: फिलहाल यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है। कोर्ट के आदेश के अनुसार जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक अंतिम परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा।

6. झारखंड में पेपर लीक के कारण सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे छात्रों पर क्या असर पड़ा है?

उत्तर: लगातार धांधली और पेपर लीक के कारण छात्रों का सरकारी नौकरियों पर से भरोसा उठता जा रहा है। कई उम्मीदवार अब दूसरे राज्यों की परीक्षाओं में आवेदन करने की सोच रहे हैं।

7. झारखंड में पेपर लीक की घटनाएं कब से हो रही हैं?

उत्तर: 2001 में हुई पहली झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) परीक्षा के दौरान ही पेपर लीक और धांधली की खबरें आई थीं। तब से लेकर अब तक राज्य की कई प्रमुख परीक्षाएं विवादों में रही हैं।

8. क्या झारखंड में सरकारी परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए कोई हेल्पलाइन है?

उत्तर: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) और झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की आधिकारिक वेबसाइट पर उम्मीदवारों के लिए हेल्पलाइन नंबर और शिकायत दर्ज कराने की सुविधा उपलब्ध होती है।

9. छात्रों को पेपर लीक और धांधली की शिकायत कहां करनी चाहिए?

उत्तर: उम्मीदवार किसी भी प्रकार की अनियमितता की शिकायत JSSC, JPSC, राज्य शिक्षा विभाग, या पुलिस विभाग में कर सकते हैं। वे हाईकोर्ट में याचिका भी दायर कर सकते हैं।

10. सरकार पेपर लीक रोकने के लिए क्या कर सकती है?

उत्तर:

  • परीक्षा में तकनीकी सुधार (ब्लॉकचेन तकनीक, एन्क्रिप्शन आदि)
  • परीक्षा केंद्रों पर सख्त सुरक्षा व्यवस्था
  • पेपर सेटिंग और प्रिंटिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता
  • दोषियों को तुरंत सजा देकर उदाहरण स्थापित करना

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