झारखंड के दीपक कुमार बने लेवल-3 एथलेटिक्स कोच, राज्य को गौरवान्वित किया

Published by: Roshan Soni
Updated on: Tuesday, 17 Dec 2024

रांची: झारखंड के देवघर जिले के होनहार कोच दीपक कुमार ने खेल जगत में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। पटियाला में आयोजित वर्ल्ड एथलेटिक्स कोचिंग प्रोग्राम के तहत मिडिल और लॉन्ग डिस्टेंस कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा कर दीपक ने लेवल-3 कोच बनने की अर्हता प्राप्त कर ली है। इस उपलब्धि के साथ दीपक कुमार झारखंड के चुनिंदा प्रशिक्षकों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने यह प्रतिष्ठित मान्यता हासिल की है।

झारखंड के गौरवशाली कोचों की सूची में नया नाम

           झारखंड के दीपक कुमार बने लेवल-3 एथलेटिक्स कोच, राज्य को गौरवान्वित किया

 

झारखंड के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इससे पहले राज्य के केवल पांच प्रशिक्षक ही वर्ल्ड एथलेटिक्स लेवल-3 कोच बन पाए थे। इन प्रशिक्षकों में बिनोद कुमार सिंह, योगेश प्रसाद यादव, आशु भाटिया, चंदन कुमार और रितेश आनंद का नाम शामिल है। अब दीपक कुमार के रूप में झारखंड को छठे कोच के रूप में गर्व करने का मौका मिला है।

वर्ल्ड एथलेटिक्स कोचिंग प्रोग्राम क्या है?

वर्ल्ड एथलेटिक्स कोचिंग प्रोग्राम का आयोजन एथलेटिक्स के खेल में उच्च स्तरीय कोच तैयार करने के उद्देश्य से किया जाता है। इस कार्यक्रम के तहत:

  1. तकनीकी कौशल का विकास किया जाता है।
  2. खिलाड़ियों की मिडिल और लॉन्ग डिस्टेंस की ट्रेनिंग को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाता है।
  3. खेल विज्ञान, प्रदर्शन विश्लेषण और प्रशिक्षण पद्धतियों के बारे में गहन अध्ययन कराया जाता है।

दीपक कुमार ने इस कार्यक्रम के अंतर्गत मिडिल और लॉन्ग डिस्टेंस के कोर्स में अपनी मेहनत और योग्यता के दम पर सफलता हासिल की है।


दीपक कुमार का सफर: संघर्ष से सफलता तक

दीपक कुमार की इस उपलब्धि पर झारखंड एथलेटिक्स संघ (JAA) के अधिकारियों ने उन्हें बधाई दी है।

दीपक कुमार का कोचिंग करियर प्रेरणादायक रहा है। देवघर जैसे छोटे जिले से निकलकर उन्होंने एथलेटिक्स में अपने लिए जगह बनाई।

  1. लेवल-1 कोच: दीपक ने सबसे पहले एथलेटिक्स में लेवल-1 कोचिंग की शुरुआत की।
  2. लेवल-2 कोच: अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प के दम पर उन्होंने लेवल-2 की योग्यता हासिल की।
  3. लेवल-3 कोच: अब वर्ल्ड एथलेटिक्स द्वारा प्रमाणित लेवल-3 कोच बनकर उन्होंने झारखंड और देवघर को गौरवान्वित किया है।

दीपक का मानना है कि कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से हर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनके इस सफर में झारखंड एथलेटिक्स संघ का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।


संघ की बधाई और समर्थन

दीपक कुमार की इस उपलब्धि पर झारखंड एथलेटिक्स संघ (JAA) के अधिकारियों ने उन्हें बधाई दी है।

  1. जेएए के चेयरमैन डॉ. मधुकांत पाठक ने कहा कि दीपक की सफलता युवा खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के लिए प्रेरणा बनेगी।
  2. अध्यक्ष सीडी सिंह और सचिव एसके पांडेय ने दीपक की मेहनत और लगन की सराहना की।
  3. आशीष झा समेत संघ के अन्य पदाधिकारियों ने भी दीपक को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

संघ का मानना है कि झारखंड में एथलेटिक्स के खेल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ऐसे प्रशिक्षकों की अहम भूमिका है।


झारखंड में एथलेटिक्स का विकास

झारखंड में एथलेटिक्स के खेल का विकास तेजी से हो रहा है।

  1. राज्य में प्रतिभाशाली खिलाड़ी और प्रशिक्षकों की संख्या बढ़ रही है।
  2. स्पोर्ट्स अकादमी और कोचिंग कैंप के माध्यम से खिलाड़ियों को बेहतर ट्रेनिंग दी जा रही है।
  3. वर्ल्ड एथलेटिक्स जैसे कार्यक्रमों में भागीदारी से प्रशिक्षकों की गुणवत्ता में भी सुधार हो रहा है।

दीपक कुमार जैसे कोच झारखंड के एथलीट्स के लिए एक मजबूत स्तंभ बनकर उभर रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में कई युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए तैयार हो रहे हैं।


कोचिंग में लेवल-3 का महत्व

वर्ल्ड एथलेटिक्स लेवल-3 कोच बनना किसी भी प्रशिक्षक के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। इसका महत्व इस प्रकार है:

  1. तकनीकी दक्षता: लेवल-3 कोच को खिलाड़ियों के प्रदर्शन को निखारने के लिए उच्च स्तरीय तकनीक और प्रशिक्षण का ज्ञान होता है।
  2. वैज्ञानिक प्रशिक्षण: खिलाड़ियों के शरीर और खेल की बारीकियों को समझकर वैज्ञानिक ढंग से ट्रेनिंग देना।
  3. वैश्विक मान्यता: यह प्रमाण पत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त होता है।

दीपक कुमार की इस उपलब्धि से झारखंड में खेल की गुणवत्ता और प्रशिक्षकों का स्तर और बेहतर होने की उम्मीद है।


भविष्य की योजनाएँ

दीपक कुमार का अगला लक्ष्य झारखंड के युवा एथलीट्स को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिलाना है। उनका कहना है:

  • “झारखंड में एथलेटिक्स की प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। उन्हें सही मार्गदर्शन और संसाधनों की जरूरत है।”
  • “मैं खिलाड़ियों को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के साथ-साथ उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करूंगा।”

दीपक की इस सोच से आने वाले समय में झारखंड से कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता निकलने की उम्मीद है।


निष्कर्ष: दीपक कुमार की उपलब्धि झारखंड के लिए गर्व का क्षण

दीपक कुमार का वर्ल्ड एथलेटिक्स लेवल-3 कोच बनना झारखंड के खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उनकी इस सफलता ने न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश को गर्व का मौका दिया है।

उनकी मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प युवा खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। झारखंड एथलेटिक्स संघ और राज्य सरकार को भी ऐसे कोचों का समर्थन करते हुए खेल जगत के विकास में अहम भूमिका निभानी चाहिए।

झारखंड के लिए यह निश्चित तौर पर गर्व का क्षण है और दीपक कुमार जैसे प्रशिक्षक राज्य को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान देते रहेंगे।

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