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झारखंड चुनाव 2024: पहले चरण का मतदान संपन्न, ईवीएम-वीवीपैट सील, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
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झारखंड चुनाव 2024: पहले चरण का मतदान संपन्न, ईवीएम-वीवीपैट सील, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

Published by: Roshan Soni
Updated on: Friday , 15 Nov 2024

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 का पहला चरण 13 नवंबर को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस चरण में राज्य के 15 जिलों की 43 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ। झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) के रवि कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि मतदान प्रक्रिया के बाद ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को त्रिस्तरीय सुरक्षा के तहत स्ट्रॉन्ग रूम में सील कर दिया गया है।

इस लेख में हम झारखंड चुनाव 2024 के पहले चरण के मतदान से जुड़े प्रमुख पहलुओं और सुरक्षा व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

                                              झारखंड चुनाव 2024:

पहले चरण का मतदान: 66.48% मतदान दर्ज

13 नवंबर को हुए मतदान में झारखंड के 15 जिलों की 43 विधानसभा सीटों पर 66.48% मतदान दर्ज किया गया।

  • ग्रामीण इलाकों में मतदान की दर अपेक्षाकृत अधिक रही।
  • शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत कम होने पर निर्वाचन आयोग ने चिंता जताई और भविष्य में इसे बढ़ाने पर जोर दिया।
  • 2019 के चुनाव की तुलना में इस बार मतदान प्रतिशत में 3% की वृद्धि हुई है।

त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था

मतदान के बाद ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को स्ट्रॉन्ग रूम में सील किया गया। इनकी सुरक्षा के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था लागू की गई है:

  • प्रत्येक स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा में अर्धसैनिक बलों की एक-एक कंपनी तैनात है।
  • मतदान केंद्रों और स्ट्रॉन्ग रूम के आसपास कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
  • सीसीटीवी कैमरों और लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।

मतदान के दिन दर्ज हुए 10 मामले

चुनाव के दिन विभिन्न स्थानों से कुल 10 मामले दर्ज किए गए। इनमें शामिल हैं:

  • कांके, हटिया और रांची में एक-एक मामला।
  • जमशेदपुर पूर्वी से चार मामले।
  • जमशेदपुर पश्चिमी से दो मामले।
  • पलामू से एक मामला।

इन मामलों की जांच निर्वाचन आयोग की निगरानी में की जा रही है।


आचार संहिता और जब्ती अभियान

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद से झारखंड में अब तक ₹2.13 अरब से अधिक की अवैध सामग्री और नकदी जब्त की जा चुकी है।

  • यह कार्रवाई विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई है।
  • इसमें नकदी, शराब, आभूषण और अन्य अवैध सामग्री शामिल हैं।

चुनाव से जुड़ी अहम बातें

  1. पोस्टल बैलेट से मतदान प्रतिशत में वृद्धि की संभावना: पोस्टल बैलेट का डाटा आने के बाद मतदान प्रतिशत में मामूली वृद्धि हो सकती है।
  2. आगामी चरणों पर फोकस: निर्वाचन आयोग शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाने की योजना बना रहा है।
  3. नेताओं की बयानबाजी:
    • मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।
    • अमित शाह ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला किया।
    • कल्पना सोरेन ने गरीबों और महिलाओं के लिए सरकार की योजनाओं की सराहना की।

झारखंड चुनाव 2024: जनता की भागीदारी

झारखंड विधानसभा चुनाव का पहला चरण शांतिपूर्ण और सफल रहा। मतदान में जनता की सक्रिय भागीदारी यह दर्शाती है कि लोग लोकतंत्र के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
निर्वाचन आयोग की ओर से मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के प्रयासों की सराहना की जा रही है।

                                   झारखंड चुनाव 2024:

झारखंड चुनाव 2024:

रांची में झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) के. रवि कुमार ने जानकारी दी कि पहले चरण की 43 विधानसभा सीटों पर मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। मतदान के बाद सभी ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित पहुंचाया गया और उन्हें सील कर दिया गया है।

स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत सभी 15 जिलों के स्ट्रॉन्ग रूम में एक-एक कंपनी अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि किसी भी मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान अपेक्षा के अनुरूप हुआ, लेकिन शहरी क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत कम रहा। निर्वाचन आयोग का अब ध्यान शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर केंद्रित रहेगा।

उन्होंने यह भी बताया कि 2019 के विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार मतदान प्रतिशत में 3% की वृद्धि दर्ज की गई है। ये बातें उन्होंने गुरुवार को धुर्वा स्थित निर्वाचन सदन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कही।

निष्कर्ष

झारखंड चुनाव 2024 का पहला चरण सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद अब नजरें आगामी चरणों पर हैं। राज्य में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने के लिए हर नागरिक का योगदान आवश्यक है।
आने वाले दिनों में शेष चरणों की तैयारियों पर निर्वाचन आयोग का फोकस रहेगा, जबकि राजनीतिक पार्टियां चुनावी प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंकेंगी।

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