Published by :- Hritik Soni
Updated on: Saturday, 15 Feb 2025
JEE Mains 2025 के टॉपर हर्ष झा और उनका स्कूल विवाद में
भारत में JEE Mains 2025 के परिणाम घोषित हो चुके हैं, और इस बार गुमला के हर्ष झा ने 100 परसेंटाइल स्कोर कर देशभर में टॉप किया है। लेकिन उनके स्कूल, एसजीएन पब्लिक स्कूल (नांगलोई, दिल्ली), की मान्यता पिछले वर्ष ही CBSE द्वारा रद्द कर दी गई थी। इस खबर के बाद से शिक्षा प्रणाली और डमी स्कूलिंग के बढ़ते चलन पर सवाल उठने लगे हैं।
हर्ष झा का शैक्षणिक सफर

हर्ष झा वर्तमान में एसजीएन पब्लिक स्कूल, नांगलोई, दिल्ली से 12वीं की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने अपनी 10वीं की परीक्षा डीएवी गुमला से पास की थी। उनके पिता चंदन कुमार झा डीएवी गुमला में गणित शिक्षक हैं।
हर्ष झा का रिएक्शन
जब उनसे स्कूल की मान्यता रद्द होने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनका पूरा ध्यान JEE Mains की तैयारी पर था। उनका मानना है कि किसी भी परीक्षा में सफलता मेहनत और समर्पण से ही संभव है।
CBSE ने क्यों रद्द की स्कूल की मान्यता?
CBSE ने पिछले वर्ष स्कूल का निरीक्षण किया और पाया कि:
- स्कूल में ऐसे छात्रों का एडमिशन हुआ था जो नियमित रूप से कक्षाओं में नहीं आते थे।
- बोर्ड के नियमों का उल्लंघन करते हुए केवल नामांकन लेकर परीक्षा में बैठने की सुविधा दी जा रही थी।
- स्कूल में पढ़ाई से ज्यादा फोकस प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग पर था।
इन कारणों से CBSE ने स्कूल की मान्यता रद्द कर दी। हालांकि, स्कूल प्रशासन ने छात्रों को आश्वासन दिया कि इस साल परीक्षा देने वाले छात्रों को कोई समस्या नहीं होगी, लेकिन अगले साल से कोई नया एडमिशन नहीं होगा।
डमी स्कूलिंग का बढ़ता ट्रेंड
JEE और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कई छात्र डमी स्कूलों का रुख कर रहे हैं। डमी स्कूलिंग का मतलब है कि छात्र सिर्फ नामांकन लेते हैं लेकिन नियमित रूप से स्कूल नहीं जाते। इसके बजाय, वे कोचिंग सेंटरों में जाकर परीक्षा की तैयारी करते हैं।
क्या है डमी स्कूलिंग के नुकसान?
- छात्रों का सर्वांगीण विकास बाधित होता है।
- कक्षा में नियमित उपस्थिति नहीं होने के कारण व्यवहारिक ज्ञान में कमी आती है।
- यह शिक्षा प्रणाली के उद्देश्य के खिलाफ जाता है।
CBSE के नए दिशा-निर्देश
CBSE ने स्पष्ट कर दिया है कि 75% उपस्थिति आवश्यक होगी। यदि कोई छात्र इसे पूरा नहीं करता, तो:
- उसे स्कूल परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी।
- रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जा सकता है।
क्या कह रहे हैं शिक्षा विशेषज्ञ?
शिक्षाविदों का कहना है कि डमी स्कूलिंग से बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास प्रभावित होता है।
डॉ. आर.पी. शर्मा, एक शिक्षा विशेषज्ञ, कहते हैं:
“डमी स्कूलिंग छात्रों को सिर्फ एक परीक्षा पास करने का जरिया बन गया है, लेकिन इससे उनकी बुनियादी शिक्षा और व्यक्तित्व विकास प्रभावित होता है। स्कूल केवल किताबें पढ़ाने का स्थान नहीं, बल्कि एक समग्र विकास का केंद्र होना चाहिए।”
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. क्या हर्ष झा की JEE Mains रैंक पर असर पड़ेगा?
नहीं, CBSE ने यह साफ कर दिया है कि इस वर्ष परीक्षा देने वाले छात्रों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
2. CBSE ने एसजीएन पब्लिक स्कूल की मान्यता क्यों रद्द की?
क्योंकि यह स्कूल डमी एडमिशन लेकर छात्रों को बिना नियमित पढ़ाई कराए परीक्षा में शामिल करवा रहा था।
3. क्या डमी स्कूल से JEE या NEET की तैयारी करना सही है?
विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित स्कूलिंग से छात्रों का संपूर्ण विकास होता है, जबकि डमी स्कूलिंग केवल परीक्षा पास करने के लिए एक अस्थायी समाधान है।
4. क्या CBSE डमी स्कूलों पर सख्ती करेगा?
हाँ, अब CBSE ने 75% उपस्थिति अनिवार्य कर दी है, जिससे डमी स्कूलों पर रोक लग सके।
निष्कर्ष
हर्ष झा की सफलता काबिल-ए-तारीफ है, लेकिन उनके स्कूल की मान्यता रद्द होने से भारत की शिक्षा प्रणाली में डमी स्कूलों के बढ़ते प्रभाव पर सवाल उठने लगे हैं। अब CBSE सख्ती से इन स्कूलों की निगरानी कर रहा है, ताकि भविष्य में शिक्षा की गुणवत्ता बनी रहे।
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2 thoughts on “JEE Mains 2025: हर्ष झा ने किया टॉप, लेकिन उनके स्कूल की मान्यता रद्द!”