जमशेदपुर: 1 बाघ के आतंक से दहशत, ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह

Published by: Roshan Soni
Updated on: Sunday, 05 jan 2025

सरायकेला-खरसावां जिले के तुलग्राम और बालीडीह समेत आसपास के क्षेत्रों में बाघ की उपस्थिति से लोगों में डर का माहौल है। वन विभाग ने कई नए स्थानों पर बाघ के पदचिह्न मिलने की पुष्टि की है। इसके बाद से वन विभाग ने सुरक्षा के उपाय तेज कर दिए हैं और लोगों को जंगलों में जाने से मना किया गया है।

बाघ की उपस्थिति से दहशत

जमशेदपुर: बाघ के आतंक से दहशत, ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह

बालीडीह, तुलग्राम और आसपास के इलाकों में बाघ के पदचिह्न देखने को मिले हैं। वन विभाग का मानना है कि बाघ अभी भी इन्हीं क्षेत्रों में विचरण कर रहा है। बाघ की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए ट्रैप कैमरों की संख्या को पहले चार से बढ़ाकर अब दस कर दिया गया है। इन कैमरों को नए क्षेत्रों में लगाया गया है।

ग्रामीणों को सावधान किया गया

सरायकेला-खरसावां के डीएफओ सबा आलम अंसारी ने ग्रामीणों को तुलग्राम, बालीडीह, खूंटी, कुरली और मुसरीबेड़ा जैसे जंगलों में जाने से सख्त मना किया है। इन क्षेत्रों में बाघ द्वारा बैल और बछड़े का शिकार करने के बाद से भय का माहौल है। ग्रामीणों को अकेले बाहर निकलने और जंगल में जानवर चराने से बचने की सलाह दी गई है।

बाघ पर नजर रखने के लिए रणनीति

बाघ की खबर के बाद गांवों में शाम होते ही सन्नाटा पसर जाता है।

वन विभाग ने बाघ पर नजर रखने के लिए नई रणनीतियाँ बनाई हैं। पहले मारे गए बैल के आसपास ट्रैप कैमरे लगाए गए थे, लेकिन बाघ वहां नहीं आया। अब कैमरों की स्थिति को बदला गया है और नए उपकरण जोड़े गए हैं। विभाग का उद्देश्य बाघ की हर गतिविधि पर नजर रखना और लोगों को सुरक्षित रखना है।

शाम होते ही सन्नाटा

बाघ की खबर के बाद गांवों में शाम होते ही सन्नाटा पसर जाता है। लोग डर के कारण अपने घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं। खासकर तुलग्राम और बालीडीह के ग्रामीणों में दहशत अधिक है। वन विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और समूह में बाहर निकलने की सलाह दी है।

बाघ के आतंक के बीच बचाव के उपाय

  • जंगलों में अकेले जाने से बचें।
  • शाम के बाद बाहर निकलने से परहेज करें।
  • जानवरों को चराने के लिए जंगल की ओर न ले जाएं।
  • वन विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें।

वन विभाग की अपील

वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और सहयोग करें। विभाग ने बाघ की स्थिति को ट्रैक करने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाए हैं और जल्द ही स्थिति पर काबू पाने का भरोसा दिया है।

निष्कर्ष

जमशेदपुर और सरायकेला-खरसावां जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बाघ की उपस्थिति ने भय का माहौल पैदा कर दिया है। वन विभाग बाघ की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है। ग्रामीणों को सतर्क रहने और विभाग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।

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