Published by :- Roshan Soni
Updated on: Sunday, 12 Jan 2025
भारत अपने डिफेंस एक्सपोर्ट्स में एक नई ऊंचाई छूने की तैयारी कर रहा है। आने वाले समय में इंडोनेशिया, जो दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम बहुल देश है, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण डिफेंस पार्टनर बनने जा रहा है। 2025 के रिपब्लिक डे पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को बतौर चीफ गेस्ट आमंत्रित करना भारत की डिफेंस कूटनीति के लिए बेहद खास साबित होगा। इस लेख में हम इस ऐतिहासिक साझेदारी और इसकी डिटेल्स पर चर्चा करेंगे।

Contents
- 1 भारत-इंडोनेशिया रिश्ते: क्यों हैं खास?
- 1.1 ब्रह्मोस मिसाइल डील: भारत का सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपोर्ट
- 1.2 FAQs: भारत-इंडोनेशिया संबंध और रक्षा निर्यात की उपलब्धि
- 1.2.1 1. हाल ही में इंडोनेशिया चर्चा में क्यों है?
- 1.2.2 2. भारत के गणतंत्र दिवस 2025 के मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया को आमंत्रित करने का क्या महत्व है?
- 1.2.3 3. ब्रह्मोस मिसाइल डील क्या है और यह भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
- 1.2.4 4. भारत और इंडोनेशिया के बीच अच्छे संबंधों का क्या कारण है?
- 1.2.5 5. इंडोनेशिया ने भारत की संवेदनशीलता का ध्यान कैसे रखा?
- 1.2.6 6. भारत-इंडोनेशिया के बीच अन्य संभावित साझेदारियां क्या हैं?
- 1.2.7 7. दक्षिण-पूर्व एशिया (ASEAN) के देशों के लिए भारत की रक्षा निर्यात नीति क्या है?
- 1.2.8 8. ब्रह्मोस मिसाइल डील पर चीन की प्रतिक्रिया क्या है?
- 1.2.9 9. क्या अन्य आसियान देश भी भारत से हथियार खरीद सकते हैं?
- 1.2.10 10. क्या भारत की यह डील रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी?
- 1.3 Related
भारत-इंडोनेशिया रिश्ते: क्यों हैं खास?
भारत और इंडोनेशिया के बीच गहरे सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और व्यापारिक संबंध हैं। 2025 में, भारत इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को रिपब्लिक डे पर चीफ गेस्ट के रूप में आमंत्रित कर रहा है। यह निमंत्रण न केवल दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्ते का प्रतीक है, बल्कि यह एक बड़ी डिफेंस डील की ओर भी इशारा करता है।
भारत ने हाल ही में इंडोनेशिया के सामने यह स्पष्ट किया कि वह पाकिस्तान और भारत को समान दृष्टि से देखने वाले दृष्टिकोण का समर्थन नहीं करता। इस संवेदनशीलता को इंडोनेशिया ने स्वीकार किया और अब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति अपनी भारत यात्रा के बाद मलेशिया जाएंगे, न कि पाकिस्तान।
ब्रह्मोस मिसाइल डील: भारत का सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपोर्ट
इंडोनेशिया भारत से 450 मिलियन डॉलर (करीब 3,700 करोड़ रुपये) की ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की तैयारी में है। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपोर्ट ऑर्डर होगा।
- पिछली डील्स की तुलना: 2022 में फिलीपींस ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदी थी, जिसकी कीमत 375 मिलियन डॉलर थी। इंडोनेशिया की यह नई डील इससे भी बड़ी होगी।
- ब्रह्मोस का महत्व: ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस की संयुक्त परियोजना है। यह मिसाइल तेज गति और सटीकता के लिए जानी जाती है। यह डील न केवल भारत के डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत करेगी, बल्कि भारत-इंडोनेशिया संबंधों को भी नई मजबूती देगी।
आसियान देशों में डिफेंस एक्सपोर्ट की संभावनाएं
आसियान (ASEAN) में इंडोनेशिया समेत 10 सदस्य देश हैं, जिनमें वियतनाम, मलेशिया, सिंगापुर, और फिलीपींस जैसे देश शामिल हैं। भारत इन देशों को डिफेंस उपकरण और हथियार बेचने की बड़ी संभावनाएं देख रहा है।

- सुरक्षा आवश्यकताएं: इन देशों को चीन की आक्रामकता से निपटने के लिए उन्नत हथियारों की जरूरत है।
- चीन की प्रतिक्रिया: भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने पर चीन ने कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी है, क्योंकि इस परियोजना में रूस की हिस्सेदारी भी है।
- भविष्य की संभावनाएं: आसियान देशों में भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ाने से 2029 तक 50,000 करोड़ रुपये के डिफेंस एक्सपोर्ट लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।
शबांग पोर्ट: भारत का नया रणनीतिक ठिकाना?
इंडोनेशिया का शबांग पोर्ट भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। यह पोर्ट, जो इंडोनेशिया के उत्तरी हिस्से में स्थित है, भारत और इंडोनेशिया के बीच रक्षा सहयोग का प्रतीक बन रहा है।
- मिलिट्री प्रेजेंस: भारतीय नौसेना पहले से ही इस क्षेत्र में तैनात है।
- पोर्ट डेवलपमेंट: भारत की चाबहार पोर्ट को विकसित करने की रणनीति की तरह शबांग पोर्ट को भी विकसित करने की योजना है।
- साझेदारी का महत्व: यह क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा और भारत-इंडोनेशिया के संबंधों को और गहराई देगा।
डिफेंस एक्सपोर्ट्स: भारत का वैश्विक महत्व
भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट्स को वैश्विक बाजार में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन आसियान देशों को हथियार बेचना भारत के लिए एक सुरक्षित और लाभदायक अवसर है।
- यूरोप और अमेरिका का दबदबा: यूरोपीय और अमेरिकी बाजार में भारतीय हथियारों की पहुंच सीमित है।
- पड़ोसी देशों में अवसर: आसियान के देशों को भारतीय हथियार निर्यात करना आसान और राजनीतिक दृष्टि से कम संवेदनशील है।
- चीन से मुकाबला: इन देशों को हथियार बेचकर भारत चीन की बढ़ती शक्ति को संतुलित कर सकता है।
FAQs: भारत-इंडोनेशिया संबंध और रक्षा निर्यात की उपलब्धि
1. हाल ही में इंडोनेशिया चर्चा में क्यों है?
इंडोनेशिया हाल ही में अपनी राजधानी बदलने के फैसले, भारत के साथ अपने मजबूत द्विपक्षीय संबंधों, और ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के लिए भारत के साथ एक प्रमुख रक्षा निर्यात समझौते में शामिल होने के कारण चर्चा में है।
2. भारत के गणतंत्र दिवस 2025 के मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया को आमंत्रित करने का क्या महत्व है?
इंडोनेशिया को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करना भारत और इंडोनेशिया के बीच घनिष्ठ संबंधों को दर्शाता है। यह भारत के लिए इंडोनेशिया के बढ़ते रणनीतिक महत्व को भी रेखांकित करता है, खासकर जब दोनों देश रक्षा और आर्थिक साझेदारी में नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहे हैं।
3. ब्रह्मोस मिसाइल डील क्या है और यह भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
ब्रह्मोस मिसाइल डील भारत और इंडोनेशिया के बीच 450 मिलियन डॉलर की रक्षा समझौता है। यह डील भारत के अब तक के सबसे बड़े रक्षा निर्यात में से एक होगी। इससे भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता और निर्यात बाजार का विस्तार होगा, साथ ही भारत का लक्ष्य 2029 तक 5 बिलियन डॉलर का रक्षा निर्यात हासिल करना भी प्रबल होगा।
4. भारत और इंडोनेशिया के बीच अच्छे संबंधों का क्या कारण है?
भारत और इंडोनेशिया के संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक स्तर पर मजबूत हैं। दोनों देशों का एक दूसरे के साथ गहरा जुड़ाव है और वे दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थिरता और विकास के लिए सहयोग करते हैं।
5. इंडोनेशिया ने भारत की संवेदनशीलता का ध्यान कैसे रखा?
भारत ने इंडोनेशिया को स्पष्ट किया था कि भारत और पाकिस्तान को एक साथ नहीं देखा जाना चाहिए। इस पर इंडोनेशिया ने भारत का सम्मान करते हुए भारत के बाद पाकिस्तान की यात्रा करने का अपना प्लान बदल दिया और अब भारत के बाद मलेशिया जाने का निर्णय लिया है।
6. भारत-इंडोनेशिया के बीच अन्य संभावित साझेदारियां क्या हैं?
भारत और इंडोनेशिया मिलकर सवांग पोर्ट को विकसित करने पर चर्चा कर रहे हैं। यह पोर्ट इंडोनेशिया के उत्तरी भाग में स्थित है और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। इसके विकास से दोनों देशों को सैन्य और आर्थिक लाभ होगा।
7. दक्षिण-पूर्व एशिया (ASEAN) के देशों के लिए भारत की रक्षा निर्यात नीति क्या है?
भारत आसियान देशों जैसे वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस, और थाईलैंड को रक्षा उपकरण निर्यात करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इन देशों को निर्यात करने से भारत को अपने रक्षा निर्यात लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में योगदान देगा।
8. ब्रह्मोस मिसाइल डील पर चीन की प्रतिक्रिया क्या है?
फिलहाल, ब्रह्मोस मिसाइल डील पर चीन ने कोई कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी है। इसका कारण यह है कि ब्रह्मोस मिसाइल में रूस की भी हिस्सेदारी है, जिससे चीन सीधे तौर पर प्रतिक्रिया देने से बच रहा है।
9. क्या अन्य आसियान देश भी भारत से हथियार खरीद सकते हैं?
हाँ, आसियान के अन्य देश जैसे वियतनाम और फिलीपींस पहले से ही भारत से हथियार खरीद रहे हैं। आने वाले समय में और भी आसियान देश भारत के रक्षा उत्पादों के बड़े ग्राहक बन सकते हैं।
10. क्या भारत की यह डील रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी?
बिल्कुल। यह डील भारत के रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूती देगी और भारत को एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।
निष्कर्ष
2025 का रिपब्लिक डे भारत और इंडोनेशिया के रिश्तों में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की मेजबानी और ब्रह्मोस मिसाइल डील भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट और कूटनीति के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। यह साझेदारी न केवल दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता में भी अहम भूमिका निभाएगी।
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