By Roshan Soni
Edited By : Roshan Soni
Updated : Sat , 24 May 2025 12 : 30 PM (IST)
Contents
मुख्य बिंदु:
- भारत ने पाकिस्तान की असलियत उजागर करने के लिए दो अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल भेजे।
- शशि थरूर के नेतृत्व में दल अमेरिका, गुयाना, ब्राज़ील, कोलंबिया जाएगा।
- बैजयंत पांडा के नेतृत्व में दूसरा दल बहरीन, सऊदी अरब, कुवैत और अल्जीरिया जाएगा।
- उद्देश्य: पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की सच्चाई दुनिया को बताना।
भारत का कूटनीतिक जवाब: पाकिस्तान को बेनकाब करने की रणनीति
भारत ने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद और वैश्विक स्तर पर उसके झूठ को उजागर करने के लिए दो उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं। यह पहल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पाकिस्तान लंबे समय से भारत में आतंकवाद फैलाने का आरोपी रहा है, और अब भारत दुनिया को उस सच्चाई से अवगत कराना चाहता है।
पहला प्रतिनिधिमंडल – शशि थरूर के नेतृत्व में
कांग्रेस नेता और पूर्व राजनयिक डॉ. शशि थरूर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल गुयाना के लिए रवाना हुआ है, जो अमेरिका, पनामा, ब्राजील और कोलंबिया जैसे देशों का भी दौरा करेगा।
इस दल में शामिल प्रमुख सदस्य:
- डॉ. सरफराज अहमद
- मिलिंद देवड़ा
- तेजस्वी सूर्या
- शशांक मणि त्रिपाठी
- भुवनेश्वर कलिता
- शांभवी
- जीएम हरीश बालयोगी
शशि थरूर ने रवाना होने से पहले कहा:
“हम पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की सच्चाई से दुनिया को अवगत कराएंगे और यह बताएंगे कि भारत ने कैसे आतंक का सामना किया है।”
दूसरा प्रतिनिधिमंडल – बैजयंत पांडा के नेतृत्व में
भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में एक और दल बहरीन, सऊदी अरब, कुवैत और अल्जीरिया के लिए रवाना हुआ है। यह दल “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे मुद्दों को भी उठाएगा।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं
ओवैसी ने कहा:
“हम स्पष्ट रूप से दुनिया को बताएंगे कि पाकिस्तान आतंकवादी शिविर चला रहा है। यह बात हर मंच पर रखी जाएगी।”
🇮🇳 क्या कहता है भारत?
भारत का मानना है कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो वर्षों से आतंकवाद को प्रायोजित करता आ रहा है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कई बार पाकिस्तान की आलोचना की है, लेकिन अब यह प्रयास अधिक संगठित और रणनीतिक है।
बैजयंत पांडा ने कहा:
“यह भारत की एकता का प्रतीक है कि हर पार्टी मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने की कोशिश कर रही है।”
भारत की यह रणनीति क्यों है अहम?
1. वैश्विक समर्थन जुटाना
भारत चाहता है कि दुनिया यह समझे कि आतंकवाद का असली केंद्र पाकिस्तान है।
2. राज्य प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाना
पाकिस्तान लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता आया है।
3. UN, OIC और अन्य वैश्विक संस्थाओं पर दबाव बनाना
इस तरह के दौरों से भारत इन संस्थाओं को जागरूक कर सकता है।
भारत ने अतीत में क्या किया?
भारत ने कई बार पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरा है:
- सर्जिकल स्ट्राइक (2016)
- बालाकोट एयर स्ट्राइक (2019)
- UN में भारत का पक्ष – सैयद अकबरुद्दीन का भाषण
- मोदी सरकार द्वारा FATF में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कराने की कोशिशें
वैश्विक मंचों पर भारत की छवि
भारत अब केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक कूटनीतिक नीति अपना रहा है। विदेशों में प्रतिनिधिमंडल भेजना इसी नीति का हिस्सा है। इससे न सिर्फ भारत की छवि मजबूत होगी बल्कि पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब होगा।
यात्रा का प्रतीकात्मक महत्व – 9/11 मेमोरियल का दौरा
शशि थरूर ने बताया कि उनका प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में 9/11 मेमोरियल का दौरा करेगा, जो आतंकवाद से लड़ाई का एक बड़ा प्रतीक है। इससे यह संदेश जाएगा कि भारत भी आतंकवाद से उतना ही पीड़ित है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs):
Q1: भारत से कितने प्रतिनिधिमंडल भेजे गए हैं?
👉 दो प्रतिनिधिमंडल – एक शशि थरूर और दूसरा बैजयंत पांडा के नेतृत्व में।
Q2: इन डेलिगेशन का उद्देश्य क्या है?
👉 पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद की सच्चाई दुनिया के सामने लाना।
Q3: क्या ये राजनीतिक डेलिगेशन हैं या सरकारी?
👉 यह सरकार और विपक्ष दोनों के नेताओं का सम्मिलित प्रयास है, जिससे यह और भी प्रभावशाली बनता है।
Q4: क्या इसका असर दिखेगा?
👉 भारत को उम्मीद है कि वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव बढ़ेगा और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई तेज होगी।
Q5: “ऑपरेशन सिंदूर” क्या है?
👉 यह एक कूटनीतिक पहल है जिसमें पाकिस्तान की गतिविधियों को बेनकाब करने का उद्देश्य है।
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निष्कर्ष:
भारत की यह रणनीति केवल कूटनीतिक दौरा नहीं है, यह एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ केवल शब्दों से नहीं, बल्कि ठोस कार्यवाही और वैश्विक समर्थन के साथ लड़ेगा। यह दोनों डेलिगेशन भारत की विदेश नीति के एक नए युग की शुरुआत हैं।
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