Published by :- Hritik Soni
Updated on: Friday, 14 Feb 2025
Galudih News: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के गालूडीह थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। महुलिया पंचायत के आजाद बस्ती में 7वीं कक्षा में पढ़ने वाले 12 वर्षीय छात्र ने मां की डांट से आहत होकर ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से पूरे इलाके में शोक की लहर है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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घटना कैसे हुई?

गालूडीह के आजाद बस्ती निवासी गौर सूत्रधर (बाबू मिस्त्री) और कविता सूत्रधर का 12 वर्षीय बेटा शुभ सूत्रधर एक निजी स्कूल में 7वीं कक्षा का छात्र था। बुधवार की रात को किसी बात पर मां ने उसे डांट दिया। इससे नाराज होकर शुभ रात 9 बजे यह कहकर घर से निकला कि वह पेशाब करने जा रहा है, लेकिन वह वापस नहीं लौटा।
रेलवे फाटक पर मिली लाश
रात 12 बजे के करीब सूचना मिली कि गालूडीह अप लाइन के पश्चिमी रेलवे फाटक के पास एक बच्चे की ट्रेन से कटकर मौत हो गई है। परिजन मौके पर पहुंचे और कपड़ों से शव की पहचान की। यह शुभ सूत्रधर ही था। इस खबर से परिवार में मातम छा गया और पूरे मोहल्ले में सन्नाटा पसर गया।
पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया
सूचना मिलने पर आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए घाटशिला अनुमंडल अस्पताल भेजा। गुरुवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। शुभ के पिता गौर सूत्रधर मोटरसाइकिल मैकेनिक हैं और उनके घर में अब शोक का माहौल है।
माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल
अपने बेटे की असमय मौत से माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। किसी को भी यह विश्वास नहीं हो रहा है कि एक छोटी सी डांट से आहत होकर बच्चा ऐसा कदम उठा लेगा। इस घटना ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बच्चों के साथ संवाद और व्यवहार में कितनी सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
मनोवैज्ञानिक पहलू: बच्चों के साथ कैसे करें संवाद?
विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों के मनोविज्ञान को समझना बेहद जरूरी है। कई बार बच्चे छोटी-छोटी बातों को दिल से लगा लेते हैं और आहत हो जाते हैं। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों के साथ प्रेमपूर्वक संवाद करें और उनकी भावनाओं को समझें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. शुभ सूत्रधर ने आत्महत्या क्यों की?
मां की डांट से आहत होकर 12 वर्षीय शुभ सूत्रधर ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली।
2. घटना कहां हुई और कब पता चली?
घटना गालूडीह के पश्चिमी रेलवे फाटक के पास हुई और रात 12 बजे के करीब इसका पता चला।
3. माता-पिता की क्या स्थिति है?
बेटे की असमय मौत से माता-पिता और पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
4. इस घटना से क्या सिखने को मिलता है?
यह घटना बताती है कि बच्चों के साथ संवाद में संयम और समझदारी बरतनी चाहिए ताकि वे भावनात्मक रूप से आहत न हों।
निष्कर्ष
यह घटना केवल एक परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़ा सबक है। बच्चों के कोमल मन को समझना और उन्हें भावनात्मक समर्थन देना बहुत जरूरी है। यह घटना यह भी याद दिलाती है कि माता-पिता को अपने बच्चों के साथ संवाद में धैर्य और संवेदनशीलता रखनी चाहिए।
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