By Roshan Soni
Edited By : Roshan Soni
Updated : Wed , 28 May 2025
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प्रस्तावना
भारत में मानसून की शुरुआत से पहले ही बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने लगा है, जिससे अगले कुछ दिनों में चक्रवाती तूफान बनने की संभावना जताई जा रही है। इसको देखते हुए भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने ओडिशा, आंध्र प्रदेश, बिहार और झारखंड समेत कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

मौसम की यह गतिविधि न केवल तटीय इलाकों बल्कि आंतरिक राज्यों के लिए भी चिंता का कारण बन गई है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि यह तूफान कितना गंभीर हो सकता है, कौन-कौन से जिले प्रभावित होंगे, और प्रशासन ने किन तैयारियों को अंजाम दिया है।
☁️ बंगाल की खाड़ी में सक्रिय हुआ निम्न दबाव क्षेत्र
IMD की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर-पश्चिम और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में 27 मई को एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है।
- यह प्रणाली उत्तर दिशा की ओर बढ़ रही है।
- अगले 48 घंटों में इसके तेज होने और संभावित चक्रवात बनने की आशंका है।
- इस चक्रवात के कारण समुद्री हवाओं की रफ्तार 30 से 40 किमी/घंटा तक पहुँच सकती है।
चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) की सक्रियता
- मध्य क्षोभमंडल तक फैला हुआ ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण इस स्थिति को और अधिक बिगाड़ सकता है।
- इस परिसंचरण के कारण ओडिशा और उत्तर आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में वज्रपात के साथ भारी बारिश की आशंका है।
48 घंटे का अलर्ट: कौन से राज्य होंगे प्रभावित?
राज्य | स्थिति | अलर्ट स्तर |
---|---|---|
ओडिशा | तटीय जिलों में भारी बारिश, तेज हवाएं | ऑरेंज अलर्ट |
आंध्र प्रदेश | उत्तर तटीय जिलों में बारिश, समुद्री चेतावनी | येलो अलर्ट |
बिहार | गरज-चमक के साथ हल्की वर्षा | येलो अलर्ट |
झारखंड | कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश | सामान्य चेतावनी |
केरल | भारी से बहुत भारी वर्षा | रेड अलर्ट |
ओडिशा सरकार की तैयारी
- 27 मई को ओडिशा सरकार ने सभी 30 जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर सतर्क रहने के निर्देश दिए।
- सभी जिलों में आपदा प्रबंधन टीमें सक्रिय कर दी गई हैं।
- मछुआरों को 29 मई से 1 जून तक समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है।
- कई जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद करने की तैयारी की जा रही है।
स्काईमेट वेदर का पूर्वानुमान
- स्काईमेट के अनुसार, चक्रवातीय परिसंचरण के कारण Convergence Zone बन गया है।
- इसके चलते ओडिशा और आंध्र के तटीय क्षेत्रों में भारी से अति भारी बारिश संभव है।
- चक्रवात अगर सक्रिय हुआ तो इसका प्रभाव बंगाल, झारखंड और छत्तीसगढ़ तक महसूस हो सकता है।
केरल में झमाझम बारिश जारी
- मानसून की दस्तक के साथ ही केरल में भारी बारिश शुरू हो गई है।
- उत्तरी जिलों में पेड़ गिरने और बिजली गिरने जैसी घटनाएं सामने आई हैं।
- रेलवे सेवा प्रभावित: वंदे भारत और परशुराम एक्सप्रेस देरी से चल रही हैं।
- बिजली लाइन टूटने से कई क्षेत्रों में ब्लैकआउट की स्थिति बनी हुई है।
जून में सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद
IMD का अनुमान है कि इस बार देश में मानसून सामान्य से अधिक सक्रिय रहेगा।
- अनुमानित बारिश: 87 सेमी की औसत के मुकाबले 106% तक हो सकती है।
- मानसून कोर ज़ोन – मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र में अधिक बारिश की संभावना।
मछुआरों के लिए चेतावनी
IMD ने मछुआरों को स्पष्ट चेतावनी दी है:
“29 मई से 1 जून तक किसी भी कीमत पर ओडिशा तट के आसपास गहरे समुद्र में न जाएं।”
संभावित चक्रवात की दिशा और प्रभाव क्षेत्र
दिनांक | स्थिति | संभावित प्रभाव क्षेत्र |
---|---|---|
28 मई | कम दबाव | ओडिशा तट के पास |
29 मई | चक्रवातीय रूपांतरण | आंध्र प्रदेश तट |
30 मई | गहराई में वृद्धि | झारखंड, बिहार में वर्षा |
31 मई | उत्तर-पूर्व दिशा में | बंगाल, असम की ओर |
आप क्या करें – सुरक्षा उपाय
- तटीय क्षेत्रों से दूर रहें।
- सरकारी निर्देशों का पालन करें।
- बिजली उपकरणों का उपयोग सावधानी से करें।
- पानी जमा न होने दें – डेंगू/मलेरिया से बचाव।
- ज़रूरी दवाइयाँ और टॉर्च साथ रखें।
🙋♀️ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
❓ क्या बंगाल की खाड़ी में तूफान बन सकता है?
उत्तर: हां, IMD ने संकेत दिए हैं कि कम दबाव का क्षेत्र अगले 48 घंटों में चक्रवाती तूफान में बदल सकता है।
❓ किन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट है?
उत्तर: ओडिशा, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड और केरल में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
❓ मछुआरों को क्या सलाह दी गई है?
उत्तर: मछुआरों को 29 मई से 1 जून तक गहरे समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
❓ क्या स्कूल-कॉलेज बंद होंगे?
उत्तर: ओडिशा और आंध्र के कुछ जिलों में स्थिति के अनुसार स्कूल बंद किए जा सकते हैं।
❓ मानसून की बारिश कब तक चलेगी?
उत्तर: IMD के अनुसार जून से सितंबर तक मानसून सक्रिय रहेगा और सामान्य से अधिक बारिश संभव है।
निष्कर्ष
बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव क्षेत्र आने वाले दिनों में बड़े चक्रवात का रूप ले सकता है। यह स्थिति न केवल तटीय राज्यों बल्कि आंतरिक भारत के लिए भी एक बड़ा खतरा बन सकती है। ऐसे में आम जनता को सरकारी निर्देशों का पालन, सतर्कता बरतना और किसी भी अफवाह से बचना बेहद जरूरी है।
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