Published by: Roshan Soni
Updated on: Wednesday, 11 Dec 2024
Hazaribagh News :- हजारीबाग में जेएसएससी सीजीएल परीक्षा परिणाम के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई। छात्रों ने परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगाए और परिणाम रद्द करने की मांग की। जानें इस घटनाक्रम की पूरी जानकारी और इसके प्रभावों के बारे में।
परिचय
Hazaribagh News :- हजारीबाग में जेएसएससी सीजीएल परीक्षा के परिणामों के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया। छात्रों ने परीक्षा परिणाम रद्द करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग-33 को पांच घंटे तक जाम कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और छात्रों ने पथराव किया। इस संघर्ष में कई छात्र और पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि कई वाहनों को भी नुकसान पहुंचा। इस ब्लॉग में हम इस घटनाक्रम की पूरी जानकारी देंगे, और इसे लेकर छात्र, प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया पर चर्चा करेंगे।
जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा का आयोजन सितंबर 2024 में हुआ था। इस परीक्षा में करीब 3,04,769 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था, और यह परीक्षा राज्य के 823 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी। हालांकि, परीक्षा के तुरंत बाद पेपर लीक होने और पुराने सवालों के दोहराए जाने के आरोप उठने लगे थे।
इसके बाद छात्रों ने विरोध शुरू किया और कई जगहों पर प्रदर्शन किया। हजारीबाग और रांची जैसे शहरों में छात्रों ने सड़कों पर उतरकर विरोध जताया। जेएसएससी ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की, लेकिन समिति ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया। इसके बावजूद, छात्रों की असंतुष्टि लगातार बनी रही।
परीक्षा परिणाम के खिलाफ छात्रों का आक्रोश
4 दिसंबर 2024 को जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षा का परिणाम घोषित किया। परीक्षा में कुल 2,025 पदों के लिए 2,231 उम्मीदवारों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया था। हालांकि, छात्रों का आरोप था कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है और परिणाम को रद्द किया जाना चाहिए। छात्रों ने परिणाम रद्द करने की मांग को लेकर हजारीबाग में शहर बंद का आह्वान किया।
हजारीबाग में छात्रों का उग्र प्रदर्शन
हजारीबाग में छात्रों ने अपने विरोध प्रदर्शन को तीव्र कर दिया। दोपहर के समय, बड़ी संख्या में छात्र कोर्रा-मटवारी इलाके में इकट्ठा हुए और स्थानीय दुकानों को बंद करवाया। इसके बाद, छात्र भारत माता चौक पहुंचे और एनएच-33 को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व में निर्दलीय उम्मीदवार उदय मेहता और महेंद्र यादव शामिल थे। छात्र जेएसएससी और झारखंड सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।
इस दौरान, जाम की स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि दोनों तरफ 20 किलोमीटर लंबी कतारें लग गईं, और कई वाहन फंसे रहे। बारात की गाड़ियां और स्कूल बसें भी जाम में फंसी हुई थीं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
पुलिस का लाठीचार्ज और छात्रों का पथराव
प्रदर्शन के दौरान, प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। एसडीओ अशोक कुमार ने छात्रों से बात करने की कोशिश की और उनकी शिकायतों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। वहीं, भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद ने भी छात्रों से जाम हटाने की अपील की, लेकिन छात्र अपनी मांग पर अड़े रहे और जाम समाप्त करने के लिए तैयार नहीं हुए।
अंत में, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। इसके जवाब में छात्रों ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे। इस संघर्ष में कई छात्र और पुलिसकर्मी घायल हो गए, और कई गाड़ियों को भी नुकसान हुआ।
छात्रों की मांगें और आंदोलन का भविष्य
छात्रों का मुख्य आरोप है कि परीक्षा में धांधली हुई है, और परिणाम को रद्द किया जाए। उनका कहना है कि परीक्षा में कई अनियमितताएं हुईं हैं, जैसे कि पेपर लीक और पुराने सवालों का दोहराव। इसके अलावा, छात्रों का यह भी आरोप है कि जेएसएससी ने मामले की सही तरीके से जांच नहीं की, और उनकी शिकायतों पर उचित ध्यान नहीं दिया।
हालांकि, प्रशासन ने छात्रों से कई बार अपील की, लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
सड़क जाम और यातायात पर प्रभाव
हजारीबाग में छात्रों के इस विरोध प्रदर्शन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-33 पर 5 घंटे तक जाम लगा रहा। जाम की वजह से न केवल स्थानीय लोग परेशान हुए, बल्कि यात्रियों को भी भारी समस्या का सामना करना पड़ा। बारात की गाड़ियां, स्कूल बसें, और अन्य वाहन जाम में फंसे रहे। इसके अलावा, आसपास के इलाकों में भी यातायात प्रभावित हुआ और लंबी कतारें लग गईं।
आंदोलन का राजनीतिक पहलू
इस आंदोलन में कुछ राजनीतिक नेताओं का भी समर्थन प्राप्त हुआ। भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद ने छात्रों के प्रदर्शन का समर्थन किया और उनकी मांगों को जायज बताया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सड़क जाम और हिंसक प्रदर्शन से समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
निष्कर्ष: छात्र आंदोलनों का समाज पर प्रभाव
हजारीबाग में जेएसएससी सीजीएल परीक्षा परिणाम को लेकर छात्रों का यह प्रदर्शन न केवल एक आंदोलन है, बल्कि यह समाज में बढ़ते असंतोष और नफरत की एक निशानी भी है। जब तक सरकार छात्रों की शिकायतों का सही समाधान नहीं करती, ऐसे आंदोलन और प्रदर्शन होते रहेंगे।
यहां यह भी देखना जरूरी है कि छात्रों के आंदोलनों को हिंसक नहीं होना चाहिए। प्रशासन और पुलिस को भी शांति बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि छात्रों को अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आवाज उठाने का अवसर मिले।
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