हजारीबाग में मनरेगा योजनाओं की धीमी प्रगति: 1.85 लाख मजदूरों में केवल 10% को ही मिला काम, मजदूरों का पलायन जारी
Published by: Roshan Soni
Updated on: Saturday, 7 Dec 2024
कटकमसांडी, हजारीबाग: हजारीबाग जिले में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) योजनाओं की प्रगति बेहद धीमी गति से हो रही है। जिले में मनरेगा के तहत पंजीकृत 1,85,014 मजदूरों में से केवल 20,095 को ही काम उपलब्ध हो पाया है, जो कुल मजदूरों का मात्र 10.86% है। शेष मजदूर रोजगार के अभाव में पलायन करने को मजबूर हैं।
मनरेगा की स्थिति: 19 पंचायतों में काम पूरी तरह बंद
जिले के 250 पंचायतों में से केवल 231 पंचायतों में मनरेगा के कार्य संचालित हो रहे हैं, जबकि 19 पंचायतों में कोई भी योजना सक्रिय नहीं है। खासतौर पर बड़कागांव प्रखंड की सात पंचायतों में मनरेगा कार्य पूरी तरह से ठप है, जिससे ग्रामीण मजदूर बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं।
कटकमसांडी और कटकमदाग का खराब प्रदर्शन:
- कटकमसांडी प्रखंड में 8,581 पंजीकृत मजदूरों में से केवल 444 को ही काम मिला है।
- कटकमदाग में 3,289 पंजीकृत मजदूरों में से केवल 227 को रोजगार मिला है।
- काम की कमी के कारण मजदूर अन्य राज्यों की ओर पलायन करने के लिए विवश हैं।
जेसीबी मशीनों से काम और भुगतान पर रोक
कटकमसांडी प्रखंड के आराभूसाई और शाहपुर पंचायत में मनरेगा योजनाओं में मजदूरों की जगह जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया गया। इसके परिणामस्वरूप, इन योजनाओं के भुगतान पर रोक लगा दी गई है। आराभूसाई पंचायत के तत्कालीन रोजगार सेवक कामेश्वर पांडेय ने इस मुद्दे की पुष्टि करते हुए बताया कि जेसीबी के उपयोग वाले कार्यों को रोक दिया गया है।
अन्य प्रखंडों में मजदूरों को काम की स्थिति
प्रखंड | पंजीकृत मजदूर | काम प्राप्त मजदूर |
---|---|---|
सदर | 9,316 | 1,084 |
विष्णुगढ़ | 22,563 | 1,386 |
इचाक | 24,538 | 4,097 |
बड़कागांव | 18,393 | 2,933 |
केरेडारी | 17,859 | 2,080 |
डाडी | 6,258 | 314 |
पदमा | 8,502 | 749 |
चलकुशा | 6,361 | 714 |
चुरचू | 5,698 | 423 |
टाटीझरिया | 6,033 | 302 |
बरकट्ठा | 12,062 | 1,136 |
चौपारण | 16,946 | 2,405 |
मनरेगा समीक्षा बैठक में निर्देश
28 नवंबर को आयोजित समीक्षा बैठक में हजारीबाग के उप-विकास आयुक्त ने मनरेगा योजनाओं की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। उन्होंने प्रखंड अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक गांव में कम से कम पांच नई योजनाओं को शुरू किया जाए। इसके अलावा, 13 प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए सभी बीडीओ को एक सप्ताह के भीतर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए।
मजदूरों का पलायन और प्रशासन की चिंताएं
काम की कमी के चलते मजदूर बड़े पैमाने पर दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा की धीमी प्रगति न केवल रोजगार की कमी का कारण बन रही है, बल्कि यह मजदूरों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को भी प्रभावित कर रही है।
समाप्ति
हजारीबाग जिले में मनरेगा योजनाओं की स्थिति सुधारने के लिए प्रशासन को त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है। नई योजनाओं को समय पर शुरू करना और मजदूरों को रोजगार प्रदान करना न केवल पलायन को रोकेगा बल्कि जिले के ग्रामीण विकास में भी सहायक होगा।
यह रिपोर्ट ग्रामीण विकास के आंकड़ों और स्थानीय समाचार स्रोतों पर आधारित है।
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