ज्ञानेश कुमार: भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त, जानिए उनकी प्रेरणादायक कहानी

Published by :- Roshan Soni
Updated on: Tuesday, 18 Feb 2025

परिचय

भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के रूप में ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं। उनके परिवार और समर्थकों में खुशी की लहर है। अपने लंबे प्रशासनिक करियर और असाधारण कार्यशैली के कारण वे इस पद के लिए चुने गए हैं। उनका जीवन संघर्ष, मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल है।

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ज्ञानेश कुमार का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

ज्ञानेश कुमार गुप्ता का जन्म आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ। उनके पिता डॉ. सुबोध कुमार गुप्ता मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद से रिटायर हो चुके हैं और उनकी माता सत्यवती गुप्ता योग शिक्षिका हैं।

शिक्षा के प्रति गहरी रुचि रखने वाले ज्ञानेश कुमार की प्रारंभिक पढ़ाई गोरखपुर, लखनऊ और कानपुर में हुई। उन्होंने वाराणसी के क्वींस कॉलेज में टॉप किया और बाद में लखनऊ के काल्विन तालुकेदार कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया।

सिविल सेवा में प्रवेश और करियर की शुरुआत

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए वे दिल्ली गए। उन्होंने 1988 में IAS परीक्षा पास की और केरल कैडर में नियुक्त हुए। उनकी पहली पोस्टिंग तिरुवनंतपुरम में जिलाधिकारी के रूप में हुई।

प्रमुख प्रशासनिक भूमिकाएँ:

  • 2007-2012: यूपीए सरकार के दौरान संयुक्त रक्षा सचिव रहे।
  • 2014: केरल सरकार के दिल्ली स्थित रेजिडेंट कमिश्नर बने।
  • 2023: सहकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्यरत रहे।
  • गृह मंत्रालय में रहते हुए अनुच्छेद 370 हटाने और राम मंदिर निर्माण से जुड़े महत्वपूर्ण फैसलों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ज्ञानेश कुमार का परिवार

उनका परिवार बेहद प्रतिष्ठित है और कई सदस्य प्रशासनिक और चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत हैं।

  • बड़ी बेटी: मेधा रूपम (कासगंज की जिलाधिकारी) और उनके पति मनीष बंसल (IAS, 2014 बैच)
  • दूसरी बेटी: अभिश्री (IRS अधिकारी) और उनके पति अक्षय लाबरू (IAS)
  • भाई: मनीष कुमार (IRS अधिकारी)
  • बहन: रोली (इंदौर में विद्यालय संचालिका) और उनके पति उपेंद्र जैन (IPS अधिकारी)
  • पिता: डॉ. सुबोध कुमार गुप्ता (मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद से रिटायर)
  • माता: सत्यवती गुप्ता (योग शिक्षिका)

मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में चुनौतियाँ

ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति ऐसे समय हुई है जब भारत में चुनाव प्रक्रिया को और पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की आवश्यकता है। उनकी प्रमुख चुनौतियाँ होंगी:

  1. लोकसभा चुनाव 2024 की पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
  2. मतदान प्रक्रिया को और मजबूत बनाना।
  3. डिजिटल तकनीक के माध्यम से चुनाव सुधार लागू करना।
  4. फर्जी वोटिंग और चुनावी धांधली पर रोक लगाना।

प्रेरणादायक योगदान

  • अनुच्छेद 370 हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्य के रूप में योगदान दिया।
  • इराक से 183 भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. ज्ञानेश कुमार कौन हैं?

वह एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं और वर्तमान में भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) बने हैं।

2. उनका परिवार किन-किन क्षेत्रों में कार्यरत है?

उनका परिवार प्रशासन, चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत है। उनके दामाद भी IAS अधिकारी हैं।

3. उन्होंने कौन-कौन से बड़े सरकारी फैसलों में भूमिका निभाई है?

उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने, राम मंदिर निर्माण और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में योगदान दिया।

4. चुनाव आयुक्त के रूप में उनकी प्राथमिकता क्या होगी?

चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और डिजिटल बनाना उनकी प्राथमिकता होगी।

निष्कर्ष

ज्ञानेश कुमार एक अनुभवी और काबिल अधिकारी हैं, जिनका प्रशासनिक करियर उत्कृष्ट रहा है। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में उनकी नियुक्ति एक ऐतिहासिक कदम है। वे निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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