ज्ञानेश कुमार बने नए मुख्य चुनाव आयुक्त: जानें क्यों है ये नियुक्ति चर्चा में

Published by :- Roshan Soni
Updated on: Tuesday, 18 Feb 2025

नई दिल्ली:
भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति की घोषणा की गई है। वे वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के बाद इस पद को संभालेंगे। आगामी समय में, ज्ञानेश कुमार पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, बिहार और असम जैसे पांच महत्वपूर्ण राज्यों के चुनाव की जिम्मेदारी संभालेंगे। इनमें से बिहार का चुनाव इस साल होना है, जबकि बाकी राज्यों में चुनाव 2026 में होंगे।

ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल और जिम्मेदारियां

                                                   Credit as :- Social Media

ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। इस दौरान वे 20 विधानसभा चुनाव, 2027 में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव, और 2029 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों की निगरानी करेंगे। उनकी नियुक्ति के साथ ही चुनाव आयोग के कामकाज को लेकर राजनीतिक चर्चाएं भी तेज हो गई हैं।

कौन हैं ज्ञानेश कुमार?

  • 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जिनका संबंध केरल कैडर से है।
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 2019 में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने वाले विधेयक के मसौदे में भी योगदान दिया था।
  • उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं।

क्यों हो रही है नियुक्ति पर राजनीति?

कांग्रेस ने इस नियुक्ति पर आपत्ति जताई है क्योंकि मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से संबंधित कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। पार्टी का आरोप है कि सरकार चुनाव आयोग पर नियंत्रण पाना चाहती है और उसकी निष्पक्षता को खतरे में डाल रही है।

नए कानून के तहत कैसे हुई नियुक्ति?

मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023 के तहत:

  • कानून मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति 5 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करती है।
  • अंतिम चयन प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और एक कैबिनेट मंत्री की समिति द्वारा किया जाता है।
  • इस कानून ने सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश को दरकिनार कर दिया, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश को चयन समिति का हिस्सा बनाने की बात कही गई थी।

विपक्ष का असंतोष और कानूनी चुनौती

कांग्रेस ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि मुख्य न्यायाधीश को समिति से हटाकर कैबिनेट मंत्री को शामिल किया गया है, जिससे संतुलन और निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, जहां इसकी सुनवाई जल्द होने वाली है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

1. ज्ञानेश कुमार कौन हैं?

  • वे 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

2. उनके कार्यकाल में कौन से चुनाव होंगे?

  • वे 2029 तक 20 विधानसभा चुनाव, 2027 में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव, और 2029 के लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी संभालेंगे।

3. नियुक्ति पर विवाद क्यों हो रहा है?

  • विपक्ष का आरोप है कि नए कानून के तहत मुख्य न्यायाधीश को चयन समिति से हटाकर कैबिनेट मंत्री को शामिल करना निष्पक्षता को प्रभावित कर सकता है।

4. क्या सुप्रीम कोर्ट में इस पर कोई मामला लंबित है?

  • हां, इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और इसकी सुनवाई जल्द ही होगी।

निष्कर्ष

ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति भारत के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण और चर्चित घटना है। उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों के साथ-साथ इस नियुक्ति के कानूनी और राजनीतिक पहलुओं पर भी सभी की निगाहें टिकी हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपनी नई भूमिका को कैसे निभाते हैं और चुनाव आयोग की निष्पक्षता और विश्वसनीयता को कैसे बनाए रखते हैं।

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