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गिरिडीह: व्यवसायी पर जानलेवा हमला और 1.30 लाख रुपये की लूट - पुलिस प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में
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गिरिडीह: व्यवसायी पर जानलेवा हमला और 1.30 लाख रुपये की लूट – पुलिस प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में

Published by: Roshan Soni
Updated on: Tuesday, 17 Dec 2024

परिचय:
गिरिडीह जिले के सरिया स्थित विवेकानंद मोड़ पर एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जिसमें एक धान व्यवसायी पर जानलेवा हमला कर बदमाशों ने 1.30 लाख रुपये और सोने की चेन लूट ली। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा पर भी गंभीर चिंता पैदा करती है।


घटना का पूरा विवरण

   गिरिडीह: व्यवसायी पर जानलेवा हमला और 1.30 लाख रुपये की लूट – पुलिस प्रशासन की भूमिका         सवालों के घेरे में

रविवार देर शाम सरिया के विवेकानंद मोड़ पर संदीप जैन उर्फ मुन्ना जैन, जो एक धान व्यवसायी हैं, पर कुछ बदमाशों ने जानलेवा हमला किया। यह घटना तब शुरू हुई जब धान से भरी एक टेंपो की रस्सी टूटने के कारण कुछ बोरे सड़क पर गिर गए। इसी दौरान, नशे में धुत एक युवक ने गाड़ी चालक से झगड़ा शुरू कर दिया। व्यवसायी संदीप जैन ने मामला शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन विवाद ने हिंसक रूप ले लिया।

कुछ ही देर में बदमाशों का एक समूह घटनास्थल पर पहुंचा और व्यवसायी पर हमला कर दिया। बदमाशों ने व्यवसायी से 1.30 लाख रुपये नकद और गले से सोने की चेन लूट ली। व्यवसायी को सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आईं, जिसके कारण उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद हजारीबाग सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।


स्थानीय व्यवसायियों में आक्रोश

इस घटना ने सरिया बाजार के व्यवसायियों में भय और आक्रोश पैदा कर दिया है। चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव संजय मोदी ने इसे बेहद निंदनीय बताया और पुलिस प्रशासन पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यदि 48 घंटे के भीतर अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होती है, तो सभी व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद कर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कुछ दिनों पहले सरिया के ही व्यवसायी मनोज मोदी के साथ भी इसी तरह की घटना घटी थी। लगातार हो रही इन घटनाओं से बाजार के व्यापारी और स्थानीय लोग बेहद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।


पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया

थाना प्रभारी आलोक सिंह ने बताया कि अब तक पीड़ित पक्ष ने लिखित शिकायत नहीं दी है। लिखित शिकायत मिलते ही उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अनुमंडल पुलिस अधिकारी धनंजय कुमार राम ने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस को घटनास्थल पर भेजा गया, लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुके थे।

हालांकि, पुलिस के इन दावों से स्थानीय व्यवसायी संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि प्रशासन का डर अपराधियों के बीच खत्म हो गया है, जिसके कारण ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं।


व्यवसायियों की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदम

सरिया बाजार के व्यवसायियों ने अपनी सुरक्षा के लिए प्रशासन से निम्नलिखित कदम उठाने की मांग की है:

  1. तुरंत गिरफ्तारी: घटना में शामिल अपराधियों को 48 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया जाए।
  2. पुलिस गश्ती बढ़ाना: सरिया बाजार और आसपास के इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ाई जाए।
  3. सीसीटीवी कैमरे लगाना: विवेकानंद मोड़ और अन्य संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
  4. विशेष सुरक्षा बल: व्यस्त बाजार क्षेत्रों में व्यापारियों की सुरक्षा के लिए विशेष पुलिस बल तैनात किया जाए।
  5. त्वरित सुनवाई: व्यापारियों से जुड़े मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालत की व्यवस्था हो।

स्थानीय लोगों की चिंता

इस घटना ने न केवल व्यापारियों को बल्कि आम नागरिकों को भी चिंता में डाल दिया है। स्थानीय लोग महसूस कर रहे हैं कि बाजार में बढ़ते अपराध और पुलिस की निष्क्रियता से उनका जीवन असुरक्षित हो गया है।


भविष्य की रणनीतियां और सुझाव

व्यवसायियों और प्रशासन को मिलकर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। निम्नलिखित रणनीतियां कारगर हो सकती हैं:

  1. समुदाय आधारित सुरक्षा: स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों को शामिल करते हुए सुरक्षा समितियां बनाई जाएं।
  2. सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम: व्यापारियों को सुरक्षा उपायों और संकट प्रबंधन की जानकारी दी जाए।
  3. डिजिटल भुगतान को बढ़ावा: नकद लेन-देन को कम कर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया जाए।
  4. पुलिस-व्यापारी संवाद: नियमित रूप से पुलिस और व्यापारियों के बीच संवाद आयोजित किया जाए ताकि उनकी चिंताओं का समाधान हो सके।
  5. सख्त कानून लागू करना: अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि वे कानून से डरें।

निष्कर्ष

गिरिडीह के सरिया बाजार में व्यवसायी पर हमला और लूट की यह घटना न केवल अपराधियों की हिम्मत को दर्शाती है, बल्कि प्रशासन की कमजोरियों को भी उजागर करती है। ऐसे में प्रशासन और स्थानीय लोगों को मिलकर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

आवश्यक है कि प्रशासन व्यापारियों और आम जनता के लिए सुरक्षित माहौल बनाए और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। तभी गिरिडीह में लोगों का भरोसा और सुरक्षा की भावना मजबूत हो सकेगी।

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