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गौतम अडानी पर अमेरिकी अदालत में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का आरोप: क्या है पूरा मामला?
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गौतम अडानी पर अमेरिकी अदालत में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का आरोप: क्या है पूरा मामला?

Published by: Roshan Soni
Updated on: Saturday , 23 Nov 2024

गौतम अडानी पर अमेरिकी अदालत में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। अमेरिकी न्याय विभाग ने अडानी और उनके सहयोगियों पर भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

                     गौतम अडानी पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का आरोप

गौतम अडानी पर अमेरिकी अदालत में आरोप: क्या है मामला?

पिछले महीने, न्यूयॉर्क की एक अदालत ने गौतम अडानी और उनके सहयोगियों के खिलाफ रिश्वत और धोखाधड़ी के मामले में जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट को सार्वजनिक किया। यह वारंट अमेरिकी अटॉर्नी द्वारा विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दस्तावेज़ प्रदान करने के उद्देश्य से खोला गया।

क्या हैं आरोप?

अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि गौतम अडानी, उनके भतीजे और छह अन्य ने 2020 से 2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को $265 मिलियन (लगभग ₹2,029 करोड़) की रिश्वत दी। इसका उद्देश्य सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भारतीय राज्य बिजली वितरण कंपनियों के साथ अनुबंध सुरक्षित करना था।

कानूनी नतीजे और प्रभाव:

                      गौतम अडानी पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का आरोप

यह आरोप लगाया गया है कि अडानी समूह ने इन तथ्यों को अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छिपाया, जिनसे उन्होंने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे।

मुख्य परियोजना और विवाद:

इस मामले का केंद्र अडानी ग्रीन एनर्जी और अज्योर पावर द्वारा हासिल किया गया 12 गीगावॉट सौर ऊर्जा आपूर्ति का अनुबंध है। यह अनुबंध सरकारी स्वामित्व वाली सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के साथ किया गया था।

भारतीय राज्यों में रिश्वत के दावे:

अमेरिकी अभियोजकों के अनुसार, अडानी समूह ने आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी। इसका उद्देश्य राज्य बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के साथ अनुबंध सुनिश्चित करना था।

गौतम अडानी का बयान:

                 गौतम अडानी पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का आरोप

अडानी समूह ने इन आरोपों को “निराधार” बताते हुए कहा है कि वे इस मामले का कानूनी रूप से सामना करेंगे।

विशेषज्ञ की राय:

वरिष्ठ वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि अमेरिका में वारंट जारी होने का मतलब यह नहीं है कि अडानी को भारत में गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने इसे फिल्मी कहानियों से अलग बताया।


अमेरिकी कानून का भारतीय परियोजनाओं पर प्रभाव

यह मामला दिखाता है कि अमेरिकी कानून अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं में भी हस्तक्षेप कर सकता है, खासकर तब जब अमेरिकी निवेशक या बाजार शामिल हों।


निष्कर्ष:

यह मामला केवल अडानी समूह के लिए ही नहीं, बल्कि भारत की सौर ऊर्जा परियोजनाओं और सरकारी पारदर्शिता के लिए भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।

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