Published by: Roshan Soni
Updated on: Monday, 06 jan 2025
भारत में हाल ही में एचएमपीवी (ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस) का पहला मामला सामने आया है। यह मामला बेंगलुरु, कर्नाटक में दर्ज किया गया, जहां एक 8 महीने के शिशु में इस वायरस की पुष्टि हुई है।
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एचएमपीवी वायरस क्या है?
एचएमपीवी वायरस एक रेस्पिरेटरी वायरस है, जो फेफड़ों और सांस की नली को प्रभावित करता है। इस वायरस की खोज 2001 में हुई थी और तब से यह मौसमी रूप से देखा जाता रहा है। हालांकि, इस वायरस का कोई निश्चित इलाज या वैक्सीन अभी उपलब्ध नहीं है।
भारत में पहला मामला
भारत में यह वायरस पहली बार बेंगलुरु में पाया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, शिशु की कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा इतिहास नहीं थी, जिससे संकेत मिलता है कि वायरस देश में पहले से ही मौजूद हो सकता है।
अन्य देशों में स्थिति
चीन, मलेशिया, जापान और हांगकांग जैसे देशों में एचएमपीवी वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। चीन के कई अस्पतालों में ओवरक्राउडिंग देखी गई है, जिससे वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है।
भारत सरकार का रुख
भारत की स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अभी स्थिति चिंताजनक नहीं है, क्योंकि यह वायरस 2001 से जाना जाता है। भारत में कई लोगों में पहले ही इस वायरस के खिलाफ इम्युनिटी हो सकती है।
एचएमपीवी वायरस के लक्षण:
एचएमपीवी संक्रमण के लक्षण अक्सर सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में ये निम्नलिखित लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं:
- बुखार (Fever)
- खांसी (Cough)
- गले में खराश (Sore Throat)
- नाक बहना (Runny Nose)
- सांस लेने में कठिनाई (Shortness of Breath)
- थकान (Fatigue)
- घरघराहट (Wheezing)
एचएमपीवी वायरस कैसे फैलता है?
एचएमपीवी वायरस मुख्य रूप से निम्नलिखित तरीकों से फैलता है:
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- संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क से
- खांसने या छींकने के दौरान संक्रमित बूंदों के संपर्क में आने से
- संक्रमित सतहों को छूने के बाद चेहरा, आँखें या मुंह छूने से
एहतियात और सुरक्षा
- हाथों की नियमित सफाई
- मास्क पहनना
- सोशल डिस्टेंसिंग
- बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना
किसे अधिक खतरा है?
एचएमपीवी वायरस विशेष रूप से निम्नलिखित समूहों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है:
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- 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे
- बुजुर्ग (Elderly)
- कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग
- पहले से सांस की बीमारियों वाले लोग
एचएमपीवी वायरस का निदान और उपचार:
- निदान: वायरस की पहचान के लिए RT-PCR और वायरल कल्चर टेस्ट का उपयोग किया जाता है।
- उपचार: एचएमपीवी वायरस के लिए कोई विशिष्ट दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। लक्षणों का प्रबंधन करने के लिए:
- पर्याप्त आराम करें।
- तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाएं।
- बुखार और दर्द के लिए पैरासिटामोल जैसी दवाइयों का उपयोग करें।
बचाव के उपाय:
- नियमित रूप से हाथ धोएं।
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
- खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें।
- मास्क का प्रयोग करें।
निष्कर्ष
भारत सरकार और WHO स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। बेंगलुरु में मिले दो मामलों के बाद अब यह देखना होगा कि आगे कितने मामले सामने आते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को सतर्क रहने और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।
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