लेखक :- Roshan Kumar Soni
कैटेगरी :- ताजा खबर | हजारीबाग में हाथी का कहर
Publish Date :- Friday , 02 April 2025
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Elephant Attack in Hazaribagh: दारू प्रखंड में एक और जान का नुकसान, वन विभाग और ग्रामीणों में बढ़ा तनाव
घटना का पूरा विवरण:
झारखंड के हजारीबाग जिले के दारू थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को हिला कर रख दिया। हरली गांव में बारात से लौट रहे सुरेश विश्वकर्मा को एक झुंड से बिछड़े हाथी ने कुचलकर मार डाला। यह घटना 1 मई की सुबह उस समय हुई जब सुरेश पैदल अपने घर लौट रहा था।

- मृतक का नाम: सुरेश विश्वकर्मा
- पिता का नाम: महावीर विश्वकर्मा
- गांव: हरली, दारू थाना, हजारीबाग
- मृतक के परिवार में: 3 बेटियां और 1 बेटा
- मृतक था: घर का इकलौता कमाऊ सदस्य
झुंड से बिछड़े हाथी का कहर जारी
पिछले एक महीने से दारू प्रखंड में यह हाथी कई गांवों में आतंक फैला चुका है। यह दिन में जंगल में छिप जाता है और रात को गांव में आ जाता है। अब तक पिछले 5 वर्षों में 6 लोगों की जान हाथियों ने ले ली है।
वन विभाग की कार्रवाई और सहायता राशि
- घटनास्थल पर पहुंची पुलिस और वन विभाग की टीम।
- शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज।
- 50,000 रुपए की तत्काल सहायता राशि दी गई।
- कुल ₹4 लाख का मुआवजा तय किया गया है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs):
Q1. हाथी के हमले में मुआवजा कितना मिलता है?
👉 झारखंड वन विभाग द्वारा कुल ₹4 लाख तक की सहायता दी जाती है। शुरुआत में ₹50,000 तत्काल राहत के रूप में दिए जाते हैं।
Q2. क्या इस हाथी ने पहले भी हमला किया है?
👉 जी हां, पिछले 5 वर्षों में दारू क्षेत्र में हाथियों के हमले से 6 मौतें हो चुकी हैं।
Q3. हाथी गांव में क्यों आता है?
👉 जंगलों की कटाई और मानव बस्तियों के नज़दीक बढ़ते विकास के कारण हाथी भोजन की तलाश में गांवों की ओर आते हैं।
Q4. ऐसी घटनाओं पर प्रशासन क्या कदम उठाता है?
👉 वन विभाग निगरानी करता है, मुआवजा देता है और हाथी को वापस जंगल की ओर भेजने की कोशिश करता है। लेकिन ग्रामीणों के अनुसार कार्रवाई अक्सर देरी से होती है।
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