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Published by: Roshan Soni
Updated on: Thursday, 26 Dec 2024
डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को वापस सत्ता में लाने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं, जिससे पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति में बड़ा बदलाव आ सकता है। पाकिस्तान की सरकार इस पर चिंतित है क्योंकि इमरान खान की वापसी से मिलिट्री और सरकार पर असर पड़ सकता है।
ट्रंप के सहयोगी रिचर्ड ग्रेनेल का समर्थन

डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी रिचर्ड ग्रेनेल ने भी इमरान खान को रिहा करने की बात कही है। वह सोशल मीडिया पर लगातार अभियान चला रहे हैं जिससे इमरान खान को समर्थन मिल रहा है। ग्रेनेल का कहना है कि इमरान खान की पार्टी ‘तहरीक-ए-इंसाफ’ को मिलिट्री और सरकार ने कमजोर कर दिया है, लेकिन उनके समर्थकों का हौसला अभी भी बुलंद है।
मिलिट्री की चिंताएं
इमरान खान की वापसी से पाकिस्तान की मिलिट्री को डर है कि वह सत्ता में आने पर उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। इमरान खान की गिरफ्तारी भ्रष्टाचार के मामलों के तहत हुई है, और मिलिट्री को लगता है कि उनकी रिहाई से राजनीतिक उथल-पुथल हो सकती है।
अमेरिकी राजनीति का प्रभाव

अमेरिका की राजनीति में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के बीच का अंतर पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण है। ट्रंप के सत्ता में आने पर इमरान खान की स्थिति बदल सकती है। अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव से पाकिस्तान और भारत की रणनीतियों पर असर पड़ सकता है।
इमरान खान की पार्टी की स्थिति

इमरान खान की पार्टी, पीटीआई, अभी भी सक्रिय है। हालांकि उनके कई नेता जेल में हैं, लेकिन पार्टी का संरचनात्मक ढांचा मजबूत बना हुआ है। अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के आने के बाद इमरान खान को जेल से निकालने की मांग बढ़ रही है, जिससे पाकिस्तान की राजनीति में नई उथल-पुथल हो सकती है।
ट्रंप और इमरान खान की मित्रता
डोनाल्ड ट्रंप और इमरान खान की पुरानी दोस्ती का पाकिस्तान के राजनीतिक परिदृश्य पर प्रभाव पड़ा है। ट्रंप के सत्ता में आने पर इमरान खान के प्रति उनका रुख देखने लायक होगा। मुस्लिम्स फॉर ट्रंप के लीडर साजिद तरार ने ट्रंप के इमरान खान के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर की बात की है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप की इमरान खान को पाकिस्तान वापस लाने की इच्छा से पाकिस्तान की राजनीति में नई हलचल मच गई है। मिलिट्री और सरकार की चिंताओं के बीच ट्रंप के सहयोगियों का समर्थन इमरान खान की स्थिति को मजबूत बना रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव से पाकिस्तान और भारत की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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